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Showing posts from September, 2017

वास्तु के अनुसार घर की कौन सी दीवार किस रंग की होनी चाहिए

घर की दीवार और छत के रंगों को लेकर हम अक्सर चूज़ी रहते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु शास्त्र में इनके रंगों के बारे में क्या कहता है? जिससे हमें समृद्धि और सकारात्मक उर्जी मिलती रहे। कैसा हो छत: कुछ लोग अपने घर की छत को गुलाबी, पीला, नीला आदि रंगों से रंगना पसंद करते हैं, लेकिन यदि आप अपने घर की छत को कोई ऐसा वैसा रंग देने जा रहे हैं तो रुक जाएं, क्योंकि वास्तु के अनुसार छतों का रंग सफेद ही सर्वोत्तम माना गया है। कहते हैं यह स्थान ब्रह्मस्थान की भूमिका निभाती है और इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है। बेडरूम की दीवार पर हमेशा हल्के रंगों का प्रयोग करें, वर्ना गहरे या चुभने वाले रंग आपकी लाइफ की उलझनें बढ़ा सकते हैं। बच्चों का कमरा (स्टडी रूम) हल्का बैंगनी, हल्का हरा या गुलाबी रखें। गहरे रंग का इस्तेमाल यहां सही नहीं होता। इससे बच्चों की एकाग्रत और मनन में बाधा आती है। कमरा यदि दक्षिण-पूर्व या दक्षिण दिशा में हो तो इसकी दीवार पर आप नारंगी या लाल रंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। दक्षिण में वैसे लाल रंग का इस्तेमाल सबसे बेहतरीन बताया गया है। यदि कोई नया शादीशुदा कपल हो तो वह बेड...

काली मिर्च के रामबाण उपाय।

यदि आप धन की कमी जैसी समस्या से परेशान हैं तो एक रामबाण उपाय है जो आपको मालामाल कर सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के पास पैसों की कमी उसकी कुंडली में ग्रह दोष होने के कारण होती है। लेकिन इस दोष को दूर करने का उपाय है। यदि इसी प्रकार के दोषों मुक्ति के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं, लेकिन इसके लिए कालीमिर्च के सिर्फ 5 दाने ही काफी है। जो आपका यह दोष दूर कर मालामाल कर सकते हैं। सबसे पहले कालीमिर्च के 5 दाने लें और उन्हे अपने सिर पर से सात बार वार लें। इसके बाद किसी चौराहे या सुनसान जगह पर जाएं तथा वहां खड़े होकर 4 दाने चारों दिशाओं में तथा 1 दाने को ऊपर आसमान की ओर फेंद दें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस टोटके को करने से अचानक धन प्राप्ति के योग बनते हैं। इतना ही नहीं बल्कि इस उपाय से और भी कई लाभ मिलते हैं। जैसे किसी की बुरी नजर लगने से आपकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई हो तो बुरी नजर उतर जाती है तथा वह दोष दूर हो जाता है।

मंत्र जाप कैसे करे ? और मंत्रो से 7 चक्रो को ऊर्जावान कैसे बनाए ?

मंत्रों का विज्ञान बहुत विचित्र है । यह तो ऐसा है मानो जैसे एक आलू को अलग अलग सब्जियों के साथ मिलाने से अलग अलग स्वाद देता है । ऐसे ही मंत्र तो एक ही होता है पर उसको शरीर के अलग अलग चक्रो से, प्राणो से और इंद्रियों से उच्चारण करने से उसका आनंद और फल अलग अलग होता है । अब समस्या आती है कि जब आप मंत्र करने बैठते हो या पूजा करने बैठते हो तो आपका मन भटकता है । आपका चित एकाग्र नहीं हो पाता है । इसलिए सबसे पहले मन को अंतकरण मे चित मे और शरीर मे बार बार भ्रमण कराने की कोसिस करो । आपका मन आपके शरीर से बाहर न जा पाये । अगर मन को शरीर मे रहने की आदत हो गयी तो आपके लिए मंत्र जाप करना और पूजा करना या तपस्या करना बहुत ही आसान हो जाएगा । हमारे शरीर मे 5 प्राण 7 चक्र और 5 इंद्री ये ऊर्जा के स्रोत होते है। ये ऊर्जा बाहर से लेते है तथा 5 कर्मेन्द्रि ऊर्जा विसर्जन के स्रोत होते है । मंत्र जाप करने से शरीर मे ऊर्जा बढ़ेगी । अगर ऊर्जा बढ़ेगी तो शरीर निरोगी रहेगा । अगर शरीर निरोगी रहेगा तो आयु बढ़ेगी । और आयु बढ़ेगी तो आप लोगो का कल्याण कर सकते हो । मंत्रों का उच्चारण आप 5 प्राण, 5 इंद्री , 7 चक्र और एक जिव्...

हनुमानजी की पूजा स्त्रियां नहीं कर सकतीं जो कि बिलकुल मिथ्या है।

हनुमानजी की पूजा स्त्रियां नहीं कर सकतीं जो कि बिलकुल मिथ्या है। प्रत्येक स्त्री व पुरुष हनुमानजी की साधना या प्रयोग कर सकता है बशर्ते उसकी पूर्ण श्रद्धा हो। अशुद्ध अवस्था तो स्त्री पुरुष दोनों के लिए वर्जित है। साधना करने वाले को प्रभु श्री हनुमान जी का प्रयोग करने के एक दिन पूर्व एवं एक दिन बाद तक पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए किसी भी प्राणी मात्र का दिल नहीं दुखाना चाहिए। साधना करने वाले को पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ सात्विक रहते हुए साधना करनी चाहिए। हनुमान चालीसा का यह प्रयोग सकाम प्रयोग तथा निष्काम प्रकार दोनों रूप में होता है. इस लिए साधक को अनुष्ठान करने से पूर्व अपनी कामना का संकल्प लेना आवश्यक है। अगर कोई विशेष इच्छा के लिए प्रयोग किया जा रहा हो तो साधक को संकल्प लेना चाहिए कि :- “ मैं अमुक नाम का साधक यह प्रयोग अमुक कार्य के लिए कर रहा/रही हूँ , प्रभु अंजनी लाल श्री हनुमान मुझे इस हेतु सफलता के लिए शक्ति तथा आशीर्वाद प्रदान करें। ” परन्तु यदि साधक निष्काम भाव से यह प्रयोग कर रहा है तो संकल्प लेना आवश्यक नहीं है। साधक अगर सकाम रूप से साधना कर रहा है तो साधक को अप...

सूर्य को अर्घ्य देने का विधान..............

पूजा कर्म में सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। धार्मिक रूप से ही नहीं वैज्ञानिक रूप से भी यह सिद्ध हो चुका है कि सूर्य की किरणों का प्रभाव जल पर अतिशीघ्र पड़ता है इसलिए सूर्य को अभिमंत्रित जल का अर्घ्य दिया जाता है। निम्न प्रकार से सूर्य को अर्घ्य देकर प्रणाम करने वाले की विप्पतियां दूर होती हैं, साधना के मार्ग में जो विघ्न आ रहें हो वो दूर हो जाते हैं। अर्घ्य देने के बाद नाभि व भ्रूमध्य (भौहों के बीच) पर सूर्यकिरणों का आवाहन करने से क्रमशः मणिपुर व आज्ञाचक्रों का विकास होता है। इससे बुद्धि कुशाग्र होती है। भविष्य पुराण के मुताबिक हर रोज श्रद्धा व आस्था से सूर्य पूजा के शुभ प्रभाव से सूर्य भक्त कई शक्तियों व गुणों का स्वामी बन जाता है। इससे सांसारिक जीवन में बेजोड़ सफलता व प्रतिष्ठा मिलती है। सूर्य अर्घ्य देने की विधि...................... - सुबह सूर्योदय से पहले उठें शुद्ध होकर स्नान करें। - चढ़ते सूर्य के समक्ष आसन लगाएं। - आसन पर खड़े होकर तांबे के पात्र में शुद्ध जल लेकर उसमें मिश्री मिलाएं। - मान्यता है कि सूर्य को मीठा जल चढ़ाने से जन्मकुंडली में दूषित मंगल ग्रह का उपचार हो...

हनुमानजी के सामने करें नींबू, नारियल और दीपक के ये चमत्कारी उपाय..........

हनुमानजी के सामने करें नींबू, नारियल और दीपक के ये चमत्कारी उपाय.......... वैसे तो नींबू और नारियल खाने से हमें कई पौष्टिक तत्व प्राप्त होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं इनसे कुछ चमत्कारी उपाय भी किए जाते हैं। ये उपाय आपको मालामाल बना सकते हैं और बड़ी- बड़ी परेशानियों से मुक्ति भी दिला सकते हैं। यहां नींबू, नारियल और दीपक के कुछ चमत्कारी उपाय बताए जा रहे हैं, जो कि हनुमानजी की प्रतिमा के सामने किए जाने चाहिए। अगर आपको कड़ी मेहनत के बाद भी किसी महत्वपूर्ण कार्य में सफलता नहीं मिल पा रही है तो किसी हनुमान मंदिर जाएं और नींबू का ये उपाय करें। उपाय के अनुसार अपने साथ एक नींबू और 4 लौंग लेकर जाएं। इसके बाद मंदिर में हनुमानजी के सामने नींबू के ऊपर चारों लौंग लगा दें। फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें या हनुमानजी के मंत्रों का जप करें। मंत्र जप के बाद हनुमानजी से सफलता दिलवाने की प्रार्थना करें और वह नींबू अपने साथ रखकर कार्य करें। मेहनत के साथ ही कार्य में सफलता मिलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। -यदि आपके कार्यों में बार-बार बाधाएं आ रही हैं या धन प्राप्त करने में देरी हो रही है या किसी की बुरी...

बु़ध

बु़ध को बुद्धि व व्यवसाय में सफलता देने वाला ग्रह माना जाता है। ज्योतिष के ग्रंथों में बुध का रंग हरा बताया गया है। हरा वस्त्र, हरी सब्जी, मूंग का दाल और हरे रंग की वस्तुओं के दान से बुध प्रसन्न होते हैं। हरे रंग की चूड़ी और वस्त्र का दान किन्नरो को देना भी बुध की दशा में श्रेष्ठ होता है। यदि किसी की कुंडली में बुध ग्रह पाप ग्रह से पीडि़त हो तो संबंधित वस्तुओं का दान भी ग्रह की पीड़ा में कमी ला सकता है। आइए जानते हैं बुध ग्रह से जुड़े कुछ खास और आसान उपायों को.... - बुध की दशा में बुधवार के दिन व्रत रखना चाहिए। - रविवार को छोड़कर अन्य दिन नियमित तुलसी को जल चढ़ाएं। - गाय को हरी घास और हरी पत्तियां खिलाना चाहिए। - बुध की दशा में विष्णु सहस्रनाम का जाप भी कल्याणकारी कहा गया है। - ब्राह्मणों को भोजन करवाएं। अनाथों और गरीब छात्रों की सहायता करने से बुध ग्रह से पीडि़त व्यक्तियों को लाभ मिलता है। -अपने घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाएं। - बुधवार के दिन तुलसी के पत्तों का सेवन करें। - हरी सब्जियों का दान करना चाहिए। - बुधवार के दिन गणेश जी के मंदिर में प्रसाद चढ़ाना चाहिए। - घर में ...

Mantra

आपलोग बार बार कोई न कोई मन्त्र पूछा करते रहते है अतः मैं दोबारा शिव जी के मन्त्रो का उल्लेख कर रहा हूँ किसी एक मन्त्र को संकल्प लेकर नित्य रुद्राक्ष से जाप करे और जीवन को सुखमय बनाएं ************************** (1) मनोकामना हेतु-अभीप्सा मन्त्र || ॐ शं ह्रां नमः || (2) धन-प्राप्ति हेतु-नमेरू शक्ति-मन्त्र || ॐ शं ह्रीं नमः || (3) व्यापार-वृद्घि हेतु-सम्रधा शक्ति-मन्त्र || ॐ शं ह्रुं फट् || (4) बाधा-निवारण हेतु-वैश्रुत्य शक्ति-मन्त्र || ॐ शं ह्रें फट् || (5) आरोग्य हेतु-सोह्राद शक्ति-मन्त्र || ॐ शं ह्रें नमः || (6) शत्रु-नाशक-शतहनी शक्ति-मन्त्र || ॐ शं ह्रौं फट् || (7) गृहस्थ-सुख हेतु-मोद्ल शक्ति-मन्त्र || ॐ शं ह्रौं नमः || °°°°°°°°°°°°°°°°°° आज हम बात करते है महाकाली के एकाक्षरी बीज क्रीं की.. यह एक बहुत ही प्रभावशाली बीज मंत्र है.. जैसे सूर्य उदय हाेने पर अन्धेरा समाप्त हाेना निश्चित है उसी प्रकार इसका निरन्तर जाप करने से जीवन में आने वाली मुश्किलें समाप्त हाेना निश्चित है..अगर आप जीवन में बिना किसी बाधा के तरक़्की चाहते हाे ज़िंदगी में आने वाली सभी मुश्किलें काे हमेश...

अकस्मात धन लाभ देता है यह कुबेर मंत्र:

कुबेर धन के अधिपति यानि धन के राजा हैं। पृथ्वीलोक की समस्त धन संपदा का एकमात्र उन्हें ही स्वामी बनाया गया है। कुबेर भगवान शिव के परमप्रिय सेवक भी हैं। धन के अधिपति होने के कारण इन्हैं मंत्र साधना द्वारा प्रसन्न करने का विधान बताया गया है। कुबेर मंत्र को दक्षिण की और मुख करके ही सिद्ध किया जाता है। अति दुर्लभ कुबेर मंत्र इस प्रकार है- मंत्र- ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:। विनियोग- अस्य श्री कुबेर मंत्रस्य विश्वामित्र ऋषि:वृहती छन्द: शिवमित्र धनेश्वरो देवता समाभीष्टसिद्धयर्थे जपे विनियोग: हवन- तिलों का दशांस हवन करने से प्रयोग सफल होता है। यह प्रयोग शिव मंदिर में करना उत्तम रहता है। यदि यह प्रयोग बिल्वपत्र वृक्ष की जड़ों के समीप बैठ कर हो सके तो अधिक उत्तम होगा। प्रयोग सूर्योदय के पूर्व संपन्न करें। मनुजवाह्य विमानवरस्थितं गुरूडरत्नानिभं निधिनाकम्। शिव संख युक्तादिवि भूषित वरगदे दध गतं भजतांदलम्।। अष्टाक्षर मंत्र- ॐ वैश्रवणाय स्वाहा: षोडशाक्षर मंत्र- ॐ श्री ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम:। पंच त्रिंशदक्षर मंत्र- ॐ यक्षाय कुब...

***)__पितृदोष और पितृशांति के लिए मंत्र__(***) (Repeated by request)

पितृदोष क्या है और कैसे होता है:- जब किसी भी व्यक्ति की कुंडली के नवम पर जब सूर्य और राहू की युति हो रही हो तो यह समझा जाता है कि उसके पितृ दोष योग बन रहा है | भारतीय संस्कृति में पुराणों और शास्त्रों के अनुसार सूर्य तथा राहू जिस भी भाव में बैठते है, उस भाव के सभी फल नष्ट हो जाते है | यह योग व्यक्ति की कुण्डली में एक ऎसा दोष है जो सभी प्रकार के दु:खों को एक साथ देने की क्षमता रखता है, इस दोष को पितृ दोष के नाम से जाना जाता है | व्यक्ति की कुन्डली का नवम् भाव अथवा घर धर्म का सूचक है तथा यह पिता का घर भी होता है | इसलिए अगर किसी की कुंडली में नवम् घर में ग्रहों कि स्थिति ठीक नहीं है अर्थात खराब ग्रहों से ग्रसित है तो इसका तात्पर्य है कि जातक के पूर्वजों की इच्छायें अधूरी रह गयीं थी अत: इस प्रकार का जातक हमेशा तनाव में रहता है एवं उसे मानसिक, शारीरिक तथा भौतिक समस्याओं और संकटों का सामना कारण पडता है | अत: सपष्ट है कि जातक का नवां भाव या नवें भाव का मालिक राहु या केतु से ग्रसित है तो यह सौ प्रतिशत पितृदोष के कारणों में माना जाता है | मुख्यतया: पितृदोष इस आधुनिक युग में पितरों के प्रति ...

हस्त रेखा ज्ञान

✋ ✋ ✋ ✋ ✋ कई व्यक्तियों के पास अपना जन्म विवरण नहीं होता है तब उनका हाथ देखकर उनके आने वाले समय के बारे में बताया जा सकता है। हाथों की लकीरों में ही इंसान के जीवन-मरण का सारा रहस्य छुपा होता है। हथेली में सामान्यत: मुख्य रूप से तीन रेखाएं दिखाई देती हैं। ये तीन रेखाएं जीवन रेखा, मस्तिष्क रेखा और हृदय रेखा है।आज आपको जीवन रेखा के विषय मे सामान्य जानकारी दे रहे है । 1 👉 लंबी आयु- हस्तरेखा ज्योतिष में बताया गया है कि लंबी, गहरी, पतली और साफ जीवन रेखा शुभ होती है। जीवन रेखा पर क्रॉस का चिह्न अशुभ होता है। यदि जीवन रेखा शुभ है तो व्यक्ति की आयु लंबी होती है और उसका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। 2 👉 स्वतंत्र विचार...यदि मस्तिष्क रेखा (मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा लगभग एक ही स्थान से प्रारंभ होती है) और जीवन रेखा के मध्य थोड़ा अंतर हो तो व्यक्ति स्वतंत्र विचारों वाला होता है। 3 👉 सोच-विचार....यदि मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा के मध्य अधिक अंतर हो तो व्यक्ति बिना सोच-विचार के कार्य करने वाला होता है। 4 👉 कष्ट, गंभीर बीमारी....यदि जीवन रेखा बाएं हाथ में टूटी हुई हो और दाहिने हाथ में साफ तथा...

बुरी नजर उतारने के विभिन्न भारतीय प्रदेशो के उपाय एवं मन्त्र

पुरानी कहावत है कि नजर पत्थर को भी पाङ देती है,फिर हम तो हाङ-मांस के पूतले है,आप लोगो को यह जान कर आश्चर्य होगा की बहूत से लोगो के घर,परिवार ओर यहा तक की धन हानी के साथ साथ जन हानी भी नजर के कारण होता है,नजर लगे व्यक्ती या बच्चे को सर्वप्रथम खाना पीना कम हो जायेगा,सिर मे भारीपन तथा शरीर कांपने लगता है,घर कारोबार को नजर लगने पर हानी ही हानी होती है करोबार व्यवसाय ठप्प पङ जाता है,हम यहा नजर उतारने के कुछ सरल उपाय ओर मंत्र दे रहे है,अगर किसी भाई को या व्यवसाय को भयंकर नजर दोष लग गइ हो तो निम्न उपायों को करने से अवश्य ही लाभ होगा। 1👉 बच्चे ने दूध पीना या खाना छोड़ दिया हो, तो रोटी या दूध को बच्चे पर से 'आठ' बार उतार के कुत्ते या गाय को खिला दें। 2👉 नमक, राई के दाने, पीली सरसों, मिर्च, पुरानी झाडू का एक टुकड़ा लेकर 'नजर' लगे व्यक्ति पर से 'आठ' बार उतार कर अग्नि में जला दें. 'नजर' लगी होगी, तो मिर्चों की धांस नहीँ आयेगी। 3👉 जिस व्यक्ति पर शंका हो, उसे बुलाकर 'नजर' लगे व्यक्ति पर उससे हाथ फिरवाने से लाभ होता है। 4👉 पश्चिमी देशों में नजर लगने की...

समस्याओं का समाधान जल्दी क्यों मिल जाता है मंदिर जाने से

भगवान का मंदिर और उसमें स्थापित भगवान की मूर्ति प्रत्येक श्रद्धालु के लिए श्रद्धा का केंद्र हैं। मंदिर हमारे धर्म का प्रतिनिधित्व करते हैं और हमारे भीतर आस्था जगाते हैं। किसी भी मंदिर को देखते ही हम श्रद्धा के साथ सिर झुकाकर भगवान के प्रति नतमस्तक हो जाते हैं। आमतौर पर हम मंदिर भगवान के दर्शन और इच्छाओं की पूर्ति के लिए जाते हैं लेकिन मंदिर जाने के और भी बहुत से चमत्कारी लाभ हैं। भगवान का मंदिर वह स्थान है जहां जाकर मन को शांति का अनुभव होता है। वहां हम अपने भीतर नई शक्ति का अहसास करते हैं। हमारा मन-मस्तिष्क प्रफुल्लित हो जाता है। शरीर उत्साह और उमंग से भर जाता है। मंत्रों के स्वर, घंटे-घडियाल, शंख और नगाड़े की ध्वनियां सुनना मन को अच्छा लगता है। इन सभी के पीछे है, ऐसे वैज्ञानिक कारण जो हमें प्रभावित करते हैं। मंदिर का वास्तुशिल्प ऐसा बनाया जाता है जिससे वहां शांति और दिव्यता उत्पन्न होती है। मंदिर की वह छत जिसके नीचे मूर्ति की स्थापना की जाती है। गुंबद के कारण मंदिर में किए जाने वाले मंत्रोच्चारण के स्वर और अन्य ध्वनिया गूंजती है तथा वहां उपस्थित व्यक्ति को प्रभावित करती हैं। गुंबद...

उड़द का ये उपाय करेंगे तो शनि कृपा से बढ़ सकती है कमाई:

उड़द का ये उपाय करेंगे तो शनि कृपा से बढ़ सकती है कमाई: ------------------------------------------------------------- यदि आपकी कुंडली में शनि या राहु-केतु से संबंधित कोई दोष है तो यहां कुछ उपाय बताए जा रहे हैं। ये उपाय उड़द की दाल से किए जाने हैं। शनि का सीधा असर सभी 12 राशियों पर होता है। ज्योतिष के अनुसार शनि को न्यायाधीश का पद प्राप्त है। वर्तमान में तीन राशियों (कन्या, तुला और वृश्चिक) पर शनि की साढ़ेसाती और दो राशियों (कर्क और मीन) पर शनि की ढय्या चल रही है। इस प्रकार इन पांच राशियों पर शनि का सर्वाधिक असर बना हुआ है। यदि आप भी शनि की कृपा से धन संबंधी परेशानियों से मुक्ति चाहते हैं तो यहां दिए जा रहे उपाय समय-समय पर करते रहें... --------धन लाभ की कामना करते हुए यह उपाय समय-समय पर करें.-------- किसी भी शनिवार की शाम को खड़ी उड़द के एक दाने पर थोड़ा सा दही और सिंदूर लगाएं और उसे किसी भी पीपल के नीचे रख आएं। वापस आते समय पीछे मुड़कर नहीं देखें। यह उपाय शनिवार से ही शुरू करना चाहिए। हर शनिवार यह उपाय करते रहें। निकट भविष्य में शनि कृपा से धन संबंधी कार्यों में लाभ मिल सकते हैं ...

Upay

नवविवाहित के लिए वायव्य कोण में शयन कक्ष का चयन सर्वोत्तम है। संतान के इच्छुक दंपती भी इस क्षेत्र को शयन कक्ष के रूप में चुन सकते हैं नव दंपती के शयन-कक्ष की आंतरिक सुसज्जा नव दंपती के शयन कक्ष की आंतरिक सुसज्जा अतिथि कक्ष की आंतरिक व्यवस्था की तरह की जा सकती है। ध्यान रहे कि नव विवाहित दंपती का शयनकक्ष आग्नेय कोण में कदापि नहीं होना चाहिए। अग्नि कोण में शयन कक्ष होने से आपसी संबंधों में तनाव तथा तनातनी रहती है। यहां शयन करने से परस्पर विवाद काफी ज्यादा होता है। सफेद , क्रीम , या पीच रंग का प्रयोग इन कक्षों में उत्तम पाया गया है। कमरे में ताजे फूल रखें। इस कक्ष में फल आदि भी रखें , विशेषकर अनार जो कि स्वयं में प्रजनन का प्रतीक माना गया है। इस कमरे में दर्पण न लगाएं। यदि इस कमरे में ड्रेसिंग टेबल हो तो विशेष ध्यान दें कि सोते समय आपका प्रतिबिम्ब दर्पण में न आए। यदि ऐसा हो तो शीशे को ढक कर रखें। यदि टॉइलट इस कक्ष के साथ हो तो उसके द्वार को सदैव बंद रखें। पत्नी पति के बाईं ओर सोए। पलंग द्वार के एकदम सम्मुख नहीं होना चाहिए। बिस्तर, बीम के नीचे नहीं हो। यदि ऐसा करना संभव न हो, तो कम से क...

बीज मन्त्र और उनका फल ।।

ॐ जय माँ जय महाकाल ॐ बीज मन्त्र और उनका फल ।। बीज मंत्र ———– ॐ कार मंत्र जैसे दूसरे २० मंत्र और हैं | उनको बोलते हैं बीज मंत्र | उसका अर्थ खोजो तो समझ में नही आएगा लेकिन अंदर की शक्तियों को विकसित कर देते हैं | सब बिज मंत्रो का अपना-अपना प्रभाव होता है | जैसे ॐ कार बीज मंत्र है ऐसे २० दूसरे भी हैं | ॐ बं ये शिवजी की पूजा में बीज मंत्र लगता है | ये बं बं…. अर्थ को जो तुम बं बं…..जो शिवजी की पूजा में करते हैं | लेकिन बं…. उच्चारण करने से वायु प्रकोप दूर हो जाता है | गठिया ठीक हो जाता है | शिव रात्रि के दिन सवा लाख जप करो बं….. शब्द, गैस ट्रबल कैसी भी हो भाग जाती है | बीज मंत्र है खं…. हार्ट-टैक कभी नही होता है | हाई बी.पी., लो बी.पी. कभी नही होता | ५० माला जप करें, तो लीवर ठीक हो जाता है | १०० माला जप करें तो शनि देवता के ग्रह का प्रभाव चला जाता है | खं शब्द | ऐसे ही ब्रह्म परमात्मा का कं शब्द है | ब्रह्म वाचक | तो ब्रह्म परमात्मा के ३ विशेष मंत्र हैं | ॐ, खं और कं | ऐसे ही रामजी के आगे भी एक बीज मंत्र लग जाता है | रीं रामाय नम: || कृष्ण जी के मंत्र के आगे बीज मंत्र लग जाता है ...

किसी भी प्रकार के दान करने से पहले इसे जरूर पढ़ें।

किसी भी प्रकार के दान करने से पहले इसे जरूर पढ़ें। 💐 💐 🌷 💐 💐 🌷 💐 💐 🌷 💐 💐 🌷 💐 💐 🌷 💐 💐 ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक वस्तु का दान करने के पीछे एक उद्देश्य, उससे मिलने वाला परिणाम एवं उसमें छिपा विज्ञान है। हर वस्तु अपने दान के उपरांत उससे संबंधित परिणाम देती है। ऐसा कहा जाता है कि दान की गई वस्तुओं में कुछ ऐसी शक्ति होती है कि जिसके माध्यम से ही हमें मन मुताबिक फल की प्राप्ति होती है। आपने यह तो सुना होगा कि जन्म कुण्डली के विभिन्न ग्रहों को शांत करने के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के दान कर्म किए जाते हैं। जैसा हमें ज्योतिषी बताते हैं हम उसी अनुसार वस्तुओं का दान करते हैं। लेकिन क्या कभी किसी ज्योतिषी ने आपको बताया है कि किस समय कैसा दान नहीं करना चाहिए? जन्म कुण्डली में कुछ ग्रहों को मजबूत एवं दुष्ट ग्रहों को शांत करने के लिए तो हम दान-पुण्य करते ही हैं, लेकिन ग्रहों की कैसी स्थिति में हमें कैसा दान नहीं करना चाहिए, यह भी जानने योग्य बात है। 🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞 सूर्य ग्रह सूर्य मेष राशि में होने पर उच्च तथा सिंह राशि में होने पर अपनी स्वराशि का होता है। यदि किसी जातक क...