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Showing posts from January, 2018

गायत्री मंत्र - गूढ़ अर्थ (न कि शाब्दिक अर्थ)

ॐ प्रथम स्पन्दन है, अर्थात प्रणव, जो निरपेक्ष सर्वव्यापी सत्ता का प्रषेपण है, इसलिए मंत्र का प्रारम्भ इससे होता है। इस मंत्र में सात महत्वपूर्ण शब्द हैं, जो परमेश्रवर के साथ सात चरणों में एकात्मता का वर्णन करते हैं। यह सात शब्द हैं भू, भुवर, स्वर, वितु, वरेण्य, भर्गो और देव जो सप्तलोक का उद्घोष करते हैं। (१) भूलोक अर्थात यह पंचमहाभूत से बना भौतिक संसार, (२) भुवरलोक अर्थात सूक्ष्म संसार और (३) स्वरलोक अर्थात कारण संसार। इस प्रकार सृष्टि की रचना त्रिलोकी तरह से गूंथी हुई है। (४) वितु का अर्थ है, स्वयं का प्रकाश या आत्मबोध या महरलोक, (५) वरेण्यम् का मतलब है श्रेष्ठ, या आत्मबोध ब्रह्मअंश के रूप में, या ज्ञानलोक, (६) भर्गो का अर्थ है पापरहित नित्यशुद्धि वह परमात्मा या तपोलोक और (७) देवस्य का अर्थ है परम सत्य या देवत्व के साथ कैवल्यम की सतलोक में प्राप्ति। तत् स - शब्द का अर्थ है वह परमात्मा या शिव। धीमहि - अर्थात हमारे भीतर धारण और धियो योनः - का अर्थ है जो हमारी चेतना , एवं प्रचोदयात् - अर्थात धर्म के सीधे रास्ते पर, यानि रीढ़ के अतंर में स्थित सुष्मना नाड़ी का मार्ग। *****************...

बताए हुए ग्रहों के अनुसार इन उपायों को करेंगे तो निश्चित ही आपको सफलता जरूर मिलेगी।

* सूर्य के कारण आपके रोजगार में बाधा हो, तो गाय को रोटी देने का प्रयोग आरंभ करें। काली अथवा पीली गाय को ही रोटी खिलानी चाहिए। * चंद्र के कारण आपके रोजगार में बाधा हो, तो रात्रि में दूध ग्रहण न करें और प्रतिदिन रात्रि में अपने पिता को स्वयं दूध ले जाकर पिलाएं। * बुध ग्रह के कारण आपके रोजगार में बाधा उत्पन्न हो, तो चांदी का कोई आभूषण धारण करें तथा सोना खरीदें। घर में पे़ड-पौधे कम लगाएं। स्वयं के हाथ से पेड-पौधे न लगाएं। रात्रि में दूध की बोतल एकांत स्थान में जमीन में गाड दें। * गुरू ग्रह के कारण आपके रोजगार में बाधा उत्पन्न हो तो लाल गुंजा एवं सोने का सिक्का एक पीले कप़डे में बांधकर घर में किसी स्थान पर रख दें। स्वयं सोने का आभूषण धारण नहीं करें। पीली गाय को गु़ड एवं चने खिलाएं। * शुक्र ग्रह के कारण आपको रोजगार में बाधा उत्पन्न हो, तो सबसे पहले महिलाओं का सम्मान करें। स्त्री को शुक्र की कारक माना गया है। अपनी पत्नी से कभी धोखा न करें। पत्नी को प्यार करें। विवाह न हुआ हो तो घर की सम्मानीय स्त्रियों के चरण स्पर्श करना चाहिए तथा नित्य इस नियम को अपनाना चाहिए। नन्ही बालिकाओं को उपहार दे...

+कुतुबुद्दीन, क़ुतुबमीनार, कुतुबुद्दीन की मौत और स्वामी भक्त घोड़ा "शुभ्रक"

किसी भी देश पर शासन करना है तो उस देश के लोगों का ऐसा ब्रेनवाश कर दो कि- वो अपने देश, अपनी संस्कृति् और अपने पूर्वजों पर गर्व करना छोड़ दें. इस्लामी हमलावरों और उनके बाद अंग्रेजों ने भी भारत में यही किया. हम अपने पूर्वजों पर गर्व करना भूलकर उन अत्याचारियों को महान समझने लगे जिन्होंने भारत पर बे-हिसाब जुल्म किये थे. अगर आप दिल्ली घुमने गए है तो आपने कभी क़ुतुबमीनार को भी अवश्य देखा होगा. जिसके बारे में बताया जाता है कि- उसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनबाया था. हम कभी जानने की कोशिश भी नहीं करते हैं कि- कुतुबुद्दीन कौन था, उसने कितने बर्ष दिल्ली पर शासन किया, उसने कब क़ुतुबमीनार को बनबाया या कुतूबमीनार से पहले वो और क्या क्या बनवा चुका था ? कुतुबुद्दीन ऐबक, मोहम्मद गौरी का खरीदा हुआ गुलाम था. मोहम्मद गौरी भारत पर कई हमले कर चुका था मगर हर बार उसे हारकर वापस जाना पडा था. ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की जासूसी और कुतुबुद्दीन की रणनीति के कारण मोहम्मद गौरी, तराइन की लड़ाई में पृथ्वीराज चौहान को हराने में कामयाबी रहा और अजमेर / दिल्ली पर उसका कब्जा हो गया. अजमेर पर कब्जा होने के बाद मोहम्मद ग...

यदि जीवन में निरंतर समस्याए आ रही है। और यह प्रतीत हो की जीवन में कही कुछ सही नही हो रहा तो निश्चित रूप से हो सकता है आप पैरानार्म्ल समस्याओं से ग्रस्त है।

यदि जीवन में निरंतर समस्याए आ रही है। और यह प्रतीत हो की जीवन में कही कुछ सही नही हो रहा तो निश्चित रूप से हो सकता है आप पैरानार्म्ल समस्याओं से ग्रस्त है। आपके आस पास नेगेटिव एनर्जी है। यदि ऐसा है तो कुछ पहलुओ पर जरुर गौर करे। 1) पूर्णिमा या अमावस्या में घर के किसी सदस्य का Depression या Aggression काफी बढ़ जाना या स्वास्थ्य संबंधी समस्याओ का बढ़ जाना। 2) बृहस्पतिवार, शुक्रवार या शनिवार में से किसी एक दिन प्रत्येक सप्ताह कुछ ना कुछ नकारात्मक घटनाएं घटना। 3) किसी ख़ास रंग के कपडे पहनने पर कुछ समस्याए या स्वास्थ्य पर असर जरुर होना। 4) घर में किसी एक सदस्य द्वारा दुसरे सदस्य को देखते ही अचानक से क्रोधित हो जाना। 5) पुरे मोहल्ले में सिर्फ आपके घर के आस पास कुत्तों का इकट्ठा होना। 6) घर में किसी महिला को हर माह अमावस्या में Period होना। 7) घर में किसी ना किसी सदस्य को अक्सर चोट चपेट लगना। 8) वैवाहिक संबंधो में स्थिरता का ना होना। 9) घर में किसी सदस्य का उन्मादी या नशे में होना। 10) सोते समय दबाव या स्लीपिंग पैरालाइसेस महसूस करना। 11) डरावने स्वप्न देखना। 12) स्वप्न में किसी के डर...

गायत्री उपासना अनिवार्य है - आवश्यक है

गायत्री उपासना से दिव्य प्रकाश की प्राप्ति अध्यात्म शास्त्रों में स्थान- स्थान पर प्रकाश की साधना और याचना की चर्चा मिलती है। प्रकाश बल्ब, बत्ती अथवा सूर्य या चन्द्रमा से निकलने वाली रोशनी, नहीं अपितु वल परम ज्योति है, जो इस विश्व में चेतना का आलोक बन कर जगमगा रही है। इसी के लिए ऋषि ने गाया है तमसो मां ज्योतिर्गमय, हे प्रभु ! मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलो। गायत्री का उपास्य सविता ऋतम्भरा प्रज्ञा के रूप में प्रत्यक्ष और कण- कण में संव्याप्त जीवन- ज्योति के रूप में प्रत्येक व्यक्ति अपने भीतर देख सकता है। इसकी जितनी मात्रा जिसके भीतर विद्यमान हो, समझना चाहिए कि उसमें उतना ही ईश्वरीय अंश आलोकित हो रहा है। मस्तिष्क के मध्यभाग से प्रकाश कणों का एक फुब्बारा सा फूटता रहता है। उसकी उछलती हुई तरंगें एक वृत्त बनाती हैं और फिर अपने मूल उद्गम में लौट जाती हैं। यह रेडियो प्रसारण और संग्रहण जैसी प्रक्रिया है, ब्रह्मरन्ध्र से छूटने वाली ऊर्जा अपने भीतर छिपी हुई भाव स्थिति को विश्व- ब्रह्माण्ड में ईथर कम्पनों द्वारा प्रवाहित करती रहती है, इस प्रकार मनुष्य अपनी चेतना का परिचय और प्रभाव समस्त ...