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Showing posts from December, 2017

आपको या आपके किसी परिचित या फिर किसी relative को उनकी अपनी shop

आपको या आपके किसी परिचित या फिर किसी relative को उनकी अपनी shop या firm या कोई भी business में यदि आशाजनक लाभ untitledनही मिल रहा है, अथवा कार्य तो ठीक चल रहा है लेकिन बिना कारण के धन का दुरूपयोग हो जाता है या हानि का सामना करना पडता है तो हमारे महापुरुषों ने और ज्योतिष शास्त्र में बहुत से उपाय सुझाए गए हैं, सबसे पहले समस्या को ज्योतिष द्वारा समाधान करें और यदि फिर भी सफलता नहीं मिल रही है हमारे द्वारा सुझाये गए उपायों को श्रद्धा और विश्वास से करें तो उम्मीद है आशातीत लाभ प्राप्त होगा. अपनी income बढ़ाने के लिए प्रत्येक मनुष्य बहुत कोशिश करता है, अधिक लाभ प्राप्त करना और अपने business को continuous grow करना ही उसका प्रमुख उद्देश्य रहता है. अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो इसके लिए ही मनुष्य व्यापार करता है और लाभ प्राप्त करने के लिए व्यापारी उपाय भी करते है आज कुछ उपाय जो कि सदियों से हमारे मध्य प्रचलित है उन्हें आपके सामने हम रख रहे हैं – - सबसे पहले जब दूकान या व्यापार आरम्भ किया जाता है तो एक चांदी की कटोरी में धनियां (coriander seeds) रखकर उसमें चांदी के ही श्री लक्ष्मी जी और श्री ग...

*गर्भ न ठहरता हो तो*

पुरुष द्वारा समागम के पश्चात् स्त्री को गर्भ न ठहरना बांझपन कहलाता है| वस्तुत: स्त्री पूर्णता तभी प्राप्त करती है, जब वह मां बनती है| जो स्त्री विवाहोपरांत मातृत्व-सुख से वंचित रहती है, वह समाज में तिरस्कृत नजरों से देखी जाती है| परंतु ऐसा नहीं है की वह मां न बन सके| यदि उचित उपचार किया जाए तो बांझ स्त्री भी मां बन सकती है|कारणस्त्रियों को कुछ विशेष कारणों से गर्भ नहीं ठहरता| शारीरिक कमजोरी, जरायु में गांठ, जरायु का टेढ़ा होना, योनि का छोटी होना, मासिक धर्म में गड़बड़ी, बहुत अधिक सम्भोग, जननेन्द्रिय की बीमारी, शरीर में चर्बी का बढ़ जाना आदि स्थितियों में संतान उत्पन्न करने की शक्ति नहीं रहती| पहचान इस रोग में स्त्री को मासिक धर्म ठीक से नहीं होता| ऐसा लगता है, जैसे गर्भ में सुइयां चुभ रही हों| कभी-कभी गर्भाशय में पीड़ा भी होती है| सम्भोग करते समय सब-कुछ ठीक-ठाक रहने पर भी गर्भ नहीं ठहरता| गर्भ ठहरने का मार्ग बहुत खुश्क, कमजोर तथा खुजली पैदा करने वाला रहता है| गर्भ में फुंसी, जलन, सूजन आदि भी मालूम पड़ती है| नुस्खे 1) यदि गर्भाशय में किसी प्रकार की खराबी हो तो एक चम्मच मेथी के च...

राहु का प्रभाव और उपाय

प्रथम भाव में राहु प्रथम भाव में राहु सिंहासन पर बिराजमान राजा के समक्ष चिंघाड़ते हुए हाथी की तरह है। यह एक कुशल प्रशासक है। ४२ वर्ष बाद राहु का अनिष्ट प्रभाव दूर होता है। अनिष्ट प्रभाव और कारण १. जातक को अपने जीवनसाथी के साथ अच्छा संबध हो। २. दुश्मन उनसे डरते हैं। ३. वे अपना कार्य अच्छी तरह पूरा नहीं कर सकते, बारंबार नौकरी बदला करते हैं। ४. यदि सातवें भाव में शुक्र हो तो जातक के धनवान होने की संभावना है, परंतु उसकी पत्नी को सहन करना पड़ता है। उपाय १. गेहूँ, गुड़ और ताम्रपात्र का दान करना, तांबे के पात्र में गेहूँ तथा गुड़ भर कर रविवार बहते पानी में प्रवाहित कर दें। २. ब्लू रंग के कपड़े न पहनें । ३. गले में चाँदी की सिकड़ी पहनें । ४. बहते जल में नारियल प्रवाहित करें। दूसरे भाव में राहु यह राहु धन और परिवार के लिए प्रतिकूल है। किसी शस्त्र द्वारा व्यक्ति की मृत्यु होती है। अनिष्ट प्रभाव और कारण १. धार्मिक संस्थाओं की तरफ से मिलनेवाली वस्तुओं पर उसका जीवन नीर्वाह होता है। २. उसका पारिवारिक जीवन सुखी होता है। उसकी आर्थिक परिस्थिति का आधार कुंडली में गुरु के बैठने के स्थान ...

प्रयोग

*!! ॐॐॐॐॐॐॐॐ (“निरंजनो निराकरो एको देवो महेश्वर:। मृत्यू मुखम् गतात् प्राणं बलात रक्षति:॥ ) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ॐॐॐॐॐॐॐॐॐ ( ॐकारं बिन्दु संयुक्तं नित्यं ध्यायन्ति योगिनः । कामदं मोक्षदं चैव ॐकाराय नमो नमः ॥ ) ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ* हर एक से पूछ के देख लिया ! हर एक से पूछ के देख लिया ! एक हर से पूछना बाकि है ! हर दर पे लुट के देख लिया ! हरी दर पे लुटना बाकि है ! *"पुनरपि जननं, पुनरपि मरणं, पुनरपि जननी जठरे शयनं ! इह संसारे खलु दुस्सारे कृपया पाहि पार मुरारे"* *!!! जीवन जीने की कला !!!* *!!! पेड़ पोधो से बदले भाग्य !!!* *मन्त्र- शरीर-* रक्षा, आरोग्य, शक्ति आदि के लिए बांदा की इस मन्त्र दुवारा सिद्ध करें :- *" ॐ नमो रुदाय मृतार्क मध्ये संस्थिताय मम शरीर अमृतं कुरु कुरु स्वाहा l "* मन्त्र - भोतिक - समृधि के लिए प्रयुक्त होने वाले बांदा को इस मन्त्र दुवारा सिद्ध करें :- *"ॐ नमो धनदाय स्वाहा l "* *प्रयोग -* बांदा को मन्त्र- सिद्ध कर लेने के पश्यात निम्नलिखित नश्त्र- क्रम से विविध उद्देश्यों की पूर्ति हेतु इस प्रकार प्रयुक्त किया जा सकता है l *अश्विनी -* इसनक्षत...