वास्तु के अनुसार घर की कौन सी दीवार किस रंग की होनी चाहिए

घर की दीवार और छत के रंगों को लेकर हम अक्सर चूज़ी रहते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु शास्त्र में इनके रंगों के बारे में क्या कहता है? जिससे हमें समृद्धि और सकारात्मक उर्जी मिलती रहे।
कैसा हो छत: कुछ लोग अपने घर की छत को गुलाबी, पीला, नीला आदि रंगों से रंगना पसंद करते हैं, लेकिन यदि आप अपने घर की छत को कोई ऐसा वैसा रंग देने जा रहे हैं तो रुक जाएं, क्योंकि वास्तु के अनुसार छतों का रंग सफेद ही सर्वोत्तम माना गया है। कहते हैं यह स्थान ब्रह्मस्थान की भूमिका निभाती है और इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है।
बेडरूम की दीवार पर हमेशा हल्के रंगों का प्रयोग करें, वर्ना गहरे या चुभने वाले रंग आपकी लाइफ की उलझनें बढ़ा सकते हैं।
बच्चों का कमरा (स्टडी रूम) हल्का बैंगनी, हल्का हरा या गुलाबी रखें। गहरे रंग का इस्तेमाल यहां सही नहीं होता। इससे बच्चों की एकाग्रत और मनन में बाधा आती है।
कमरा यदि दक्षिण-पूर्व या दक्षिण दिशा में हो तो इसकी दीवार पर आप नारंगी या लाल रंग का इस्तेमाल कर सकते हैं।
दक्षिण में वैसे लाल रंग का इस्तेमाल सबसे बेहतरीन बताया गया है।
यदि कोई नया शादीशुदा कपल हो तो वह बेडरूम के लिए दक्षिण-पश्चिम में मौजूद कमरे का इस्तेमाल करें। वैसे शादी के तुरंत बाद नॉर्थ-वेस्ट दिशा के कमरे उनके लिए बेहतर बताए गए हैं, लेकिन ज्यादा लंबे समय तक इस कमरे का इस्तेमाल उनके लिए सही नहीं। उनके कमरे की दीवार गुलाबी, हल्का बैंगनी आदि हो सकता है। इससे पॉज़िटिव एनर्जी का संचार होता है।
घर में वैसी जगह जहां डांस, म्यूजिक या किसी तरह का मनोरंजन वाला कार्यक्रम होता हो वहां चटकीले रंगों का प्रयोग किया जाना चाहिए। इस जगह पर आप लाल, नारंगी, हरा, बैंगनी आदि रंगों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
पूजा घर पूर्वी-उत्तर दिशा में रखें। माना जाता है कि इस कक्ष की दीवारों को हल्का नीला रंग से रंगना चाहिए, क्योंकि यह शांति, एकाग्रता का प्रतीक है।

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