कुछ उपयोगी टोटके

कुछ उपयोगी टोटके
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शत्रु शमन के लिए :
साबुत उड़द की काली दाल के 38 और चावल के 40 दाने मिलाकर किसी गड्ढे में दबा दें और ऊपर से नीबू निचोड़ दें। नीबू निचोड़ते समय शत्रु का नाम लेते रहें, उसका शमन होगा और वह आपके विरुद्ध कोई कदमनहींउठाएगा। अकारण परेशान करने वाले व्यक्ति से शीघ्र छुटकारा पाने के लिए :
यदि कोई व्यक्ति बगैर किसी कारण के परेशान कर रहा हो, तो शौच क्रिया काल में शौचालय में बैठे-बैठे वहीं के पानी से उस व्यक्ति का नाम लिखें और बाहर निकलने से पूर्व जहां पानी से नाम लिखा था, उस स्थान पर अप बाएं पैर से तीन बार ठोकर मारें। ध्यान रहे, यहप्रयोग स्वार्थवश न करें, अन्यथा हानि हो सकती है।
नजर उतारने के प्राचीन उपाय
1. नमक, राई, राल, लहसुन, प्याज के सूखे छिलके व सूखी मिर्च अंगारे पर डालकर उस आग को रोगी के ऊपर सात बार घुमाने से बुरी नजर का दोष मिटता है।
2. शनिवार के दिन हनुमान मंदिर में जाकर प्रेमपूर्वक हनुमान जी की आराधना कर उनके कंधे पर से सिंदूर लाकर नजर लगे हुए व्यक्ति के माथे पर लगाने से बुरी नजर का प्रभाव कम होता है।
3. खाने के समय भी किसी व्यक्ति को नजर लग जाती है। ऐसे समय इमली की तीन छोटी डालियों को लेकर आग में जलाकर नजर लगे व्यक्ति के माथे पर से सात बार घुमाकर पानी में बुझा देते हैं और उस पानी को रोगी को पिलाने से नजर दोष दूर होता है।
4. कई बार हम देखते हैं, भोजन में नजर लग जाती है। तब तैयार भोजन में से थोड़ा-थोड़ा एक पत्ते पर लेकर उस पर गुलाब छिड़ककर रास्ते में रख दे। फिर बाद में सभी खाना खाएँ। नजर उतर जाएगी।
5. नजर लगे व्यक्ति को पान में गुलाब की सात पंखुड़ियाँ रखकर खिलाए। नजर लगा हुआ व्यक्ति इष्ट देव का नाम लेकर पान खाए। बुरी नजर का प्रभाव दूर हो जाएगा।
6. लाल मिर्च, अजवाइन और पीली सरसों को मिट्टी के एक छोटे बर्तन में आग लेकर जलाएँ। फिर उसकी धूप नजर लगे बच्चे को दें। किसी प्रकार की नजर हो ठीक हो जाएगी।
नज़र बाधा
1. आप अपने नए मकान को बुरी नजर से बचाना चाहते हैं तो मुख्य द्वार की चौखट पर काले धागे से पीली कौड़ी बांधकर लटकाने से समस्त ऊपरी बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
2. यदि आपने कोई नया वाहन खरीदा है और आप इस बात से परेशान हैं कि कुछ न कुछ रोज वाहन में गड़बड़ी हो जाती है। यदि गड़बड़ी नहीं होती तो दुर्घटना में चोट-चपेट लग जाती है और बेकार के खर्च से सारी अर्थ-व्यवस्था चौपट हो जाती है। अपने वाहन पर काले धागे से पीली कौड़ी बांधने से आप इस बुरी नजर से बच सकेंगे, करके परेशानी से मुक्त हो जाएं।
3. यदि आपके घर पर रोज कोई न कोई आपदा आ रही है। आप इस बात को लेकर परेशान हैं कि कहीं किसी ने कुछ कर तो नहीं दिया। ऐसे में आपको चाहिए कि एक नारियल को काले कपड़े में सिलकर घर के बाहर लटका दें।
4. मिर्च, राई व नमक को पीड़ित व्यक्ति के सिर से वार कर आग में जला दें। चंद्रमा जब राहु से पीड़ित होता है तब नजर लगती है। मिर्च मंगल का, राई शनि का और नमक राहु का प्रतीक है। इन तीनों को आग (मंगल का प्रतीक) में डालने से नजर दोष दूर हो जाता है। यदि इन तीनों को जलाने पर तीखी गंध न आए तो नजर दोष समझना चाहिए। यदि आए तो अन्य उपाय करने चाहिए। टोटका तीन-यदि आपके बच्चे को नजर लग गई है और हर वक्त परेशान व बीमार रहता है तो लाल साबुत मिर्च को बच्चे के ऊपर से तीन बार वार कर जलती आग में डालने से नजर उतर जाएगी और मिर्च का धचका भी नहीं लगेगा।
5. यदि कोई व्यक्ति बुरी नजर से परेशान है तो कि शनिवार के दिन कच्चा दूध उसके ऊपर से सात बार वारकर कुत्ते को पिला देने से बुरी नजर का प्रभाव दूर हो जाता है।
6. यदि कोई व्यक्ति बुरी नजर से परेशान है तो कि मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर जाकर उनके कन्धे से सिन्दुर लेकर नजर लगे व्यक्ति के माथे पर यह सोचकर तिलक कर दें कि यह नजर दोष से मुक्त हो गया है।
दिमाग से चिन्ता हटाने का टोटका
अधिकतर पारिवारिक कारणों से दिमाग बहुत ही उत्तेजना में आजाता है,परिवार की किसी समस्या से या लेन देन से,अथवा किसी रिस्तेनाते को लेकर दिमाग एक दम उद्वेलित होने लगता है,ऐसा लगने लगता है कि दिमाग फ़ट पडेगा,इसका एक अनुभूत टोटका है कि जैसे ही टेंसन हो एक लोटे में या जग में पानी लेकर उसके अन्दर चार लालमिर्च के बीज डालकर अपने ऊपर सात बार उबारा (उसारा) करने के बाद घर के बाहर सडक पर फ़ेंक दीजिये,फ़ौरन आराम मिल जायेगा।
7. यदि आपके बच्चे को बार-बार नजर लग जाती है तो आपको चाहिए कि आप उसके गले में रीठे का एक फल काले धागे में उसके गले में पहना दें।
8. यदि आप नजर दोष से मुक्त होना चाहते हैं तो सूती कोरे कपड़े को सात बार वारकर सीधी टांग के नीचे से निकालकर आग में झोंक दें। यदि नजर होगी तो कपड़ा जल जाएगा व जलने की बदबू भी नहीं आएगी। यह प्रयोग बुधवार एवं शनिवार को ही कर सकते हैं।
9. टोटका नौ-यदि कोई बच्चा नजर दोष से बीमार रहता है और उसका समस्त विकास रुक गया है तो फिटकरी एवं सरसों को बच्चे पर से सात बार वारकर चूल्हे पर झोंक देने से नजर उतर जाती है। यदि यह सुबह, दोपहर एवं सायं तीनों समय करें तो एक ही दिन में नजर दोष दूर हो जाता है।
मानसिक परेशानी दूर करने के लिए :
रोज़ हनुमान जी का पूजन करे व हनुमान चालीसा का पाठ करें ! प्रत्येक शनिवार को शनि को तेल चढायें ! अपनी पहनी हुई एक जोडी चप्पल किसी गरीब को एक बार दान करें ! घर से पराशक्तियों को हटाने का टोटका- एक कांच के गिलास में पानी में नमक मिलाकर घर के नैऋत्य के कोने में रख दीजिये,और उस बल्ब के पीछे लाल रंग का एक बल्व लगा दीजिये,जब भी पानी सूख जाये तो उस गिलास को फ़िर से साफ़ करने के बाद नमक मिलाकर पानी भर दीजिये।
व्यक्तिगत बाधा निवारण के लिए
व्यक्तिगत बाधा के लिए एक मुट्ठी पिसा हुआ नमक लेकर शाम को अपने सिर के ऊपर से तीन बार उतार लें और उसे दरवाजे के बाहर फेंकें। ऐसा तीन दिन लगातार करें। यदि आराम न मिले तो नमक को सिर के ऊपर वार कर शौचालय में डालकर फ्लश चला दें। निश्चित रूप से लाभ मिलेगा। हमारी या हमारे परिवार के किसी भी सदस्य की ग्रह स्थिति थोड़ी सी भी अनुकूल होगी तो हमें निश्चय ही इन उपायों से भरपूर लाभ मिलेगा।
बनता काम बिगडता हो, लाभ न हो रहा हो या कोई भी परेशानी हो तो :
1. हर मंगलवार को हनुमान जी के चरणों में बदाना (मीठी बूंदी) चढा कर उसी प्रशाद को मंदिर के बाहर गरीबों में बांट दें !
2. व्यापार, विवाह या किसी भी कार्य के करने में बार-बार असफलता मिल रही हो तो यह टोटका करें- सरसों के तैल में सिके गेहूँ के आटे व पुराने गुड़ से तैयार सात पूये, सात मदार (आक) के पुष्प, सिंदूर, आटे से तैयार सरसों के तैल का रूई की बत्ती से जलता दीपक, पत्तल या अरण्डी के पत्ते पर रखकर शनिवार की रात्रि में किसी चौराहे पर रखें और कहें -“हे मेरे दुर्भाग्य तुझे यहीं छोड़े जा रहा हूँ कृपा करके मेरा पीछा ना करना। सामान रखकर पीछे मुड़कर न देखें।
रोग से छु ट कारा पाने के लिए किसी रोग से ग्रसित होने पर :
सोते समय अपना सिरहाना पूर्व की ओर रखें ! अपने सोने के कमरे में एक कटोरी में सेंधा नमक के कुछ टुकडे रखें ! सेहत ठीक रहेगी ! एक रुपये का सिक्का रात को सिरहाने में रख कर सोएं और सुबह उठकर उसे श्मशान के आसपास फेंक दें, रोग से मुक्ति मिल जाएगी।
लगातार बुखार आने पर
1. यदि किसी को लगातार बुखार आ रहा हो और कोई भी दवा असर न कर रही हो तो आक की जड लेकर उसे किसी कपडे में कस कर बांध लें ! फिर उस कपडे को रोगी के कान से बांध दें ! बुखार उतर जायगा !
2. बच्चे के उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घायु के लिए :
एक काला रेशमी डोरा लें ! “ऊं नमोः भगवते वासुदेवाय नमः” का जाप करते हुए उस डोरे में थोडी थोडी दूरी पर सात गांठें लगायें ! उस डोरे को बच्चे के गले या कमर में बांध दें !
4. प्रत्येक मंगलवार को बच्चे के सिर पर से कच्चा दूध 11 बार वार कर किसी जंगली कुत्ते को शाम के समय पिला दें ! बच्चा दीर्घायु होगा !
5 यदि किसी को टायफाईड हो गया हो तो उसे प्रतिदिन एक नारियल पानी पिलायें ! कुछ ही दिनों में आराम हो जायगा !
6॰ सिन्दूर लगे हनुमान जी की मूर्ति का सिन्दूर लेकर सीता जी के चरणों में लगाएँ। फिर माता सीता से एक श्वास में अपनी कामना निवेदित कर भक्ति पूर्वक प्रणाम कर वापस आ जाएँ। इस प्रकार कुछ दिन करने पर सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है।
रोगी को ठीक करने के लिए :-
कृष्ण पक्ष में अमावस्या की रात को 12 बजे नहा-धोकर नीले रंग के वस्त्र ग्रहण करें। आसन पर नीला कपड़ा बिछाकर पूर्व की ओर मुख करके बैठे। इसके पश्चात चौमुखी दीपक (चार मुँह वाला जलाएँ। (निम्न सामग्री पहले से इकट्ठी करके रख लें) नीला कपड़ा सवा गज – 4 मीटर चौमुखी दिए 40 नग, मिट्टी की गड़वी 1 नग, सफेद कुशासन(कुश का आसन) 1 नग, बत्तियाँ 51 नग, छोटी इलायची 11 दाने, छुहारे (खारक) 5 नग, एक नीले कपड़े का रूमाल, दियासलाई, लौंग 11 दाने, तेल सरसों 1 किलो इत्र व शीशी गुलाब के फूल 5 नग, गेरू का टुकड़ा, 1 लडडू और लड्डू के टुकड़े 11 नग।
विधि - नीले कपड़े के चारों कोने में लड्डू, लौंग, इलायची एवं छुहारे बाँध लें, फिर मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर, गुलाब के फूल भी वहाँ रख लें। फिर नीचे लिखा मंत्र पढ़ें। मंत्र पढ़ते समय लोहे की चीज (दियासलाई) से अपने चारों ओर लकीर खींच लें। मंत्र इस प्रकार है।
ऊँ अनुरागिनी मैथन प्रिये स्वाहा। शुक्लपक्षे, जपे धावन्ताव दृश्यते जपेत्।।
यह मंत्र चालीस दिन लगातार पढ़ें, (सवा लाख बार) सुबह उठकर नदी के पानी में अपनी छाया को देखें। जब मंत्र संपूर्ण हो जाएँ तो सारी सामग्री (नीले कपड़े सहित) पानी में बहा दें। अब जिसको आप अपने वश में करना चाहते हैं अथवा जिस किसी रोगी का इलाज करना चाहते हैं, उसका नाम लेकर इस मंत्र को 1100 बार पढ़ें, बस आपका काम हो जाएगा।
· यदि घर के छोटे बच्चे पीड़ित हों, तो मोर पंख को पूरा जलाकर उसकी राख बना लें और उस राख से बच्चे को नियमित रूप से तिलक लगाएं तथा थोड़ी-सी राख चटा दें।
· यदि बीमारी का पता नहीं चल पा रहा हो और व्यक्ति स्वस्थ भी नहीं हो पा रहा हो, तो सात प्रकार के अनाज एक-एक मुट्ठी लेकर पानी में उबाल कर छान लें। छने व उबले अनाज (बाकले) में एक तोला सिंदूर की पुड़िया और ५० ग्राम तिल का तेल डाल कर कीकर (देसी बबूल) की जड़ में डालें या किसी भी रविवार को दोपहर १२ बजे भैरव स्थल पर चढ़ा दें।
· बदन दर्द हो, तो मंगलवार को हनुमान जी के चरणों में सिक्का चढ़ाकर उसमें लगी सिंदूर का तिलक करें।
· पानी पीते समय यदि गिलास में पानी बच जाए, तो उसे अनादर के साथ फेंकें नहीं, गिलास में ही रहने दें। फेंकने से मानसिक अशांति होगी क्योंकि पानी चंद्रमा का कारक है।
1. ससुराल में सुखी रहने के लिए :
1- कन्या अपने हाथ से हल्दी की 7 साबुत गांठें, पीतल का एक टुकड़ा और थोड़ा-सा गुड़ ससुराल की तरफ फेंके, ससुराल में सुरक्षित और सुखी रहेगी।
2- सवा पाव मेहंदी के तीन पैकेट (लगभग सौ ग्राम प्रति पैकेट) बनाएं और तीनों पैकेट लेकर काली मंदिर या शस्त्र धारण किए हुए किसी देवी की मूर्ति वाले मंदिर में जाएं। वहां दक्षिणा, पत्र, पुष्प, फल, मिठाई, सिंदूर तथा वस्त्र के साथ मेहंदी के उक्त तीनों पैकेट चढ़ा दें। फिर भगवती से कष्ट निवारण की प्रार्थना करें और एक फल तथा मेहंदी के दो पैकेट वापस लेकर कुछ धन के साथ किसी भिखारिन या अपने घर के आसपास सफाई करने वाली को दें। फिर उससे मेहंदी का एक पैकेट वापस ले लें और उसे घोलकर पीड़ित महिला के हाथों एवं पैरों में लगा दें। पीड़िता की पीड़ा मेहंदी के रंग उतरने के साथ- साथ धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगी।
पति-पत्नी के बीच वैमनस्यता को दूर करने हेतु :
1. रात को सोते समय पत्नी पति के तकिये में सिंदूर की एक पुड़िया और पति पत्नी के तकिये में कपूर की २ टिकियां रख दें। प्रातः होते ही सिंदूर की पुड़िया घर से बाहर फेंक दें तथा कपूर को निकाल कर उस कमरे जला दें।
पति को वश में करने के लिए :
1- यह प्रयोग शुक्ल में पक्ष करना चाहिए ! एक पान का पत्ता लें ! उस पर चंदन और केसर का पाऊडर मिला कर रखें ! फिर दुर्गा माता जी की फोटो के सामने बैठ कर दुर्गा स्तुति में से चँडी स्त्रोत का पाठ 43 दिन तक करें ! पाठ करनेके बाद चंदन और केसर जो पान के पत्ते पर रखा था, का तिलक अपने माथे पर लगायें ! और फिर तिलक लगा कर पति के सामने जांय ! यदि पति वहां पर न हों तो उनकी फोटो के सामने जांय ! पान का पता रोज़ नया लें जो कि साबुत हो कहीं से कटा फटा न हो ! रोज़ प्रयोग किए गए पान के पत्ते को अलग किसी स्थान पर रखें ! 43 दिन के बाद उन पान के पत्तों को जल प्रवाह कर दें ! शीघ्र समस्या का समाधान होगा !
2- शनिवार की रात्रि में ७ लौंग लेकर उस पर २१ बार जिस व्यक्ति को वश में करना हो उसका नाम लेकर फूंक मारें और अगले रविवार को इनको आग में जला दें। यह प्रयोग लगातार ७ बार करने से अभीष्ट व्यक्ति का वशीकरण होता है।
3- अगर आपके पति किसी अन्य स्त्री पर आसक्त हैं और आप से लड़ाई-झगड़ा इत्यादि करते हैं। तो यह प्रयोग आपके लिए बहुत कारगर है, प्रत्येक रविवार को अपने घर तथा शयनकक्ष में गूगल की धूनी दें। धूनी करने से पहले उस स्त्री का नाम लें और यह कामना करें कि आपके पति उसके चक्कर से शीघ्र ही छूट जाएं। श्रद्धा-विश्वास के साथ करने से निश्चिय ही आपको लाभ मिलेगा।
4- शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार को प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर अपने पूजन स्थल पर आएं। एक थाली में केसर से स्वस्तिक बनाकर गंगाजल से धुला हुआ मोती शंख स्थापित करें और गंध, अक्षत पुष्पादि से इसका पूजन करें। पूजन के समय गोघृत का दीपक जलाएं और निम्नलिखित मंत्र का 1 माला जप स्फटिक की माला पर करें।
श्रद्धा-विश्वास पूर्वक 1 महीने जप करने से किसी भी व्यक्ति विशेष का मोहन-वशीकरण एवं आकर्षण होता है। जिस व्यक्ति का नाम, ध्यान करते हुए जप किया जाए वह व्यक्ति साधक का हर प्रकार से मंगल करता है। यह प्रयोग निश्चय ही कारगर सिद्ध होता है।
मंत्र : ऊँ क्रीं वांछितं मे वशमानय स्वाहा।''
5- जिन स्त्रियों के पति किसी अन्य स्त्री के मोहजाल में फंस गये हों या आपस में प्रेम नहीं रखते हों, लड़ाई-झगड़ा करते हों तो इस टोटके द्वारा पति को अनुकूल बनाया जा सकता है। गुरुवार अथवा शुक्रवार की रात्रि में १२ बजे पति की चोटी (शिखा) के कुछ बाल काट लें और उसे किसी ऐसे स्थान पर रख दें जहां आपके पति की नजर न पड़े। ऐसा करने से आपके पति की बुद्धि का सुधार होगा और वह आपकी बात मानने लगेंगे। कुछ दिन बाद इन बालों को जलाकर अपने पैरों से कुचलकर बाहर फेंक दें। मासिक धर्म के समय करने से अधिक कारगर सिद्ध होगा।
पति पत्नी में कलेश दूर करने के लिए
1. श्री गणेश जी और शक्ति की उपासना करे |
2. सोते समय पूर्व की और सिरहाना होना चाहिए |
3. चींटियों को शक्कर डालना चाहिए |
4. भोजपत्र पर लाल कलम से पति का नाम लिखकर तथा ” हं हनुमंते नमः ” का 21 बार उच्चारण करे उसे शहद में अच्छी तरह से बंद कर के घर के किसी कोने में रख दे जहाँ पर किसी की दृष्टि न पढ़े | धीरे धीरे कलहपूर्ण वातावरण दूर होगा | कुछ परिवारों में सब कुछ होते हुए भी छोटी छोटी बातो में गृह कलेश होता रहता है | निम्न मंत्र का जाप पति या पत्नी में से कोई करे तो किसी एक को बुधि आ जायेगी और घर में शांति का वातावरण बनेगा |
मंत्र -
धं धिं धुम धुर्जते , पत्नी वां वीं बूम वाग्धिश्वरि | क्रं क्रीं क्रूं कालिका देवी, शं षीम शूं में शुभम कुरु |
यदि लड़की यह प्रयोग कर रही है तो पत्नी की जगह पति शब्द का उलेख़ करे | विधि – प्रातः स्नान कर के काली या माँ दुर्गा के चित्र पर लाल पुष्प चढाये |
घर की कलह को समाप्त करने का उपाय रोजाना सुबह जागकर अपने स्वर को देखना चाहिये,नाक के बायें स्वर से जागने पर फ़ौरन बिस्तर छोड कर अपने काम में लग जाना चाहिये,अगर नाक से दाहिना स्वर चल रहा है तो दाहिनी तरफ़ बगल के नीचे तकिया लगाकर दुबारा से सो जाना चाहिये,कुछ समय में बायां स्वर चलने लगेगा,सही तरीके से चलने पर बिस्तर छोड देना चाहिये।
परिवार में शांति बनाए रखने के लिए :
बुधवार को मिट्टी के बने एक शेर को उसके गले में लाल चुन्नी बांधकर और लाल टीका लगाकर माता के मंदिर में रखें और माता को अपने परिवार की सभी समस्याएं बताकर उनसे शांति बनाए रखने की विनती करें। यह क्रिया निष्ठापूर्वक करें, परिवार में शांति कायम होगी।
शादी विवाह में विघ्न न पडने देने के लिये टोटका
शादी वाले दिन से एक दिन पहले एक ईंट के ऊपर कोयले से "बाधायें" लिखकर ईंट को उल्टा करके किसी सुरक्षित स्थान पर रख दीजिये,और शादी के बाद उस ईंट को उठाकर किसी पानी वाले स्थान पर डाल कर ऊपर से कुछ खाने का सामान डाल दीजिये,शादी विवाह के समय में बाधायें नहीं आयेंगी।
5. वैवाहिक सुख के लिए :
कन्या का विवाह हो जाने के बाद उसके घर से विदा होते समय एक लोटे में गंगाजल, थोड़ी सी हल्दी और एक पीला सिक्का डालकर उसके आगे फेंक दें, उसका वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा।
शुक्र ग्रह की शान्ति के
ग्रहों में शुक्र को विवाह व वाहन का कारक ग्रह कहा गया है (इसलिये +वाहन दुर्घटना से बचने के लिये भी ये उपाय किये जा सकते है. शुक्र के उपाय करने से वैवाहिक सुख की प्राप्ति की संभावनाएं बनती है. वाहन से जुडे मामलों में भी यह उपाय लाभकारी रहते है. शुक्र की वस्तुओं से स्नान (Bathe Using the Products Related to Venus ग्रह की वस्तुओं से स्नान करना उपायों के अन्तर्गत आता है. शुक्र का स्नान उपाय करते समय जल में बडी इलायची डालकर उबाल कर इस जल को स्नान के पानी में मिलाया जाता है (boil big cardamom in a water and mix in the bathing water). इसके बाद इस पानी से स्नान किया जाता है. स्नान करने से वस्तु का प्रभाव व्यक्ति पर प्रत्यक्ष रुप से पडता है. तथा शुक्र के दोषों का निवारण होता है.
यह उपाय करते समय व्यक्ति को अपनी शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए. तथा उपाय करने कि अवधि के दौरान शुक्र देव का ध्यान करने से उपाय की शुभता में वृ्द्धि होती है. इसके दौरान शुक्र मंत्र का जाप करने से भी शुक्र के उपाय के फलों को सहयोग प्राप्त होता है (recite Mantra at the time of bathing).
शुक्र की वस्तुओं का दान -Donate Products related to Venus
शुक्र की दान देने वाली वस्तुओं में घी व चावन (Ghee and rice are the products of Venus) का दान किया जाता है. इसके अतिरिक्त शुक्र क्योकि भोग-विलास के कारक ग्रह है. इसलिये सुख- आराम की वस्तुओं का भी दान किया जा सकता है. बनाव -श्रंगार की वस्तुओं का दान भी इसके अन्तर्गत किया जा सकता है (cosmetics and luxurious products). दान क्रिया में दान करने वाले व्यक्ति में श्रद्धा व विश्वास होना आवश्यक है. तथा यह दान व्यक्ति को अपने हाथों से करना चाहिए. दान से पहले अपने बडों का आशिर्वाद लेना उपाय की शुभता को बढाने में सहयोग करता है.
शुक्र मन्त्र का जाप (Enchantment of Venus's Mantra) शुक्र के इस उपाय में निम्न श्लोक का पाठ किया जाता है.
"ऊँ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा "
शुक्र के अशुभ गोचर की अवधि या फिर शुक्र की दशा में इस श्लोक का पाठ प्रतिदिन या फिर शुक्रवार के दिन करने पर इस समय के अशुभ फलों में कमी होने की संभावना बनती है. मुंह के अशुद्ध होने पर मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए. ऎसा करने पर विपरीत फल प्राप्त हो सकते है. वैवाहिक जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिये इस श्लोक का जाप करना लाभकारी रहता है (recite this Mantra to resolve married life problems). वाहन दुर्घटना से बचाव करने के लिये यह मंत्र लाभकारी रहता है.
शुक्र का यन्त्र (Yantra of Venus) शुक्र के अन्य उपायों में शुक्र यन्त्र का निर्माण करा कर उसे पूजा घर में रखने पर लाभ प्राप्त होता है. शुक्र यन्त्र की पहली लाईन के तीन खानों में 11,6,13 ये संख्याये लिखी जाती है. मध्य की लाईन में 12,10, 8 संख्या होनी चाहिए. तथा अन्त की लाईन में 07,14,9 संख्या लिखी जाती है. शुक्र यन्त्र में प्राण प्रतिष्ठा करने के लिये किसी जानकार पण्डित की सलाह ली जा सकती है. यन्त्र पूजा घर में स्थापित करने के बाद उसकी नियमित रुप से साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए.
शादी करने का अनुभूत उपाय
पुरुषों को विभिन्न रंगों से स्त्रियों की तस्वीरें और महिलाओं को लाल रंग से पुरुषों की तस्वीर सफ़ेद कागज पर रोजाना तीन महिने तक एक एक बनानी चाहिये।
अगर लड़की की उम्र निकली जा रही है और सुयोग्य लड़का नहीं मिल रहा। रिश्ता बनता है फिर टूट जाता है। या फिर शादी में
अनावश्यक देरी हो रही हो तो कुछ छोटे-छोटे सिद्ध टोटकों से इस दोष को दूर किया जा सकता है। ये टोटके अगर पूरे मन से विश्वास करके अपनाए जाएं तो इनका फल बहुत ही कम समय में मिल जाता है। जानिए क्या हैं ये टोटके :-
1. रविवार को पीले रंग के कपड़े में सात सुपारी, हल्दी की सात गांठें, गुड़ की सात डलियां, सात पीले फूल, चने की दाल (करीब 70 ग्राम), एक पीला कपड़ा (70 सेमी), सात पीले सिक्के और एक पंद्रह का यंत्र माता पार्वती का पूजन करके चालीस दिन तक घर में रखें। विवाह के निमित्त मनोकामना करें। इन चालीस दिनों के भीतर ही विवाह के आसार बनने लगेंगे।
2. लड़की को गुरुवार का व्रत करना चाहिए। उस दिन कोई पीली वस्तु का दान करे। दिन में न सोए, पूरे नियम संयम से रहे।
3. सावन के महीने में शिवजी को रोजाना बिल्व पत्र चढ़ाए। बिल्व पत्र की संख्या 108 हो तो सबसे अच्छा परिणाम मिलता है।
4. शिवजी का पूजन कर निर्माल्य का तिलक लगाए तो भी जल्दी विवाह के योग बनते हैं।
विवाह के उपाय (Remedies and Upay to avoide late marriage)
समय पर अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने की इच्छा के कारण माता-पिता व भावी वर-वधू भी चाहते है कि अनुकुल समय पर ही विवाह हो जायें. कुण्डली में विवाह विलम्ब से होने के योग होने पर विवाह की बात बार-बार प्रयास करने पर भी कहीं बनती नहीं है. इस प्रकार की स्थिति होने पर शीघ्र विवाह के उपाय करने हितकारी रहते है. उपाय करने से शीघ्र विवाह के मार्ग बनते है. तथा विवाह के मार्ग की बाधाएं दूर होती है.
उपाय करते समय ध्यान में रखने योग्य बातें (Precautions while doing Jyotish remedies)
1. किसी भी उपाय को करते समय, व्यक्ति के मन में यही विचार होना चाहिए, कि वह जो भी उपाय कर रहा है, वह ईश्वरीय कृ्पा से अवश्य ही शुभ फल देगा.
2. सभी उपाय पूर्णत: सात्विक है तथा इनसे किसी के अहित करने का विचार नहीं है.
3. उपाय करते समय उपाय पर होने वाले व्ययों को लेकर चिन्तित नहीं होना चाहिए.
4. उपाय से संबन्धित गोपनीयता रखना हितकारी होता है.
5. यह मान कर चलना चाहिए, कि श्रद्धा व विश्वास से सभी कामनाएं पूर्ण होती है.
आईये शीघ्र विवाह के उपायों को समझने का प्रयास करें (Remedies for a late marriage)
1. हल्दी के प्रयोग से उपाय विवाह योग लोगों को शीघ्र विवाह के लिये प्रत्येक गुरुवार को नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए. भोजन में केसर का सेवन करने से विवाह शीघ्र होने की संभावनाएं बनती है.
2. पीला वस्त्र धारण करना ऎसे व्यक्ति को सदैव शरीर पर कोई भी एक पीला वस्त्र धारण करके रखना चाहिए.
3. वृ्द्धो का सम्मान करना
उपाय करने वाले व्यक्ति को कभी भी अपने से बडों व वृ्द्धों का अपमान नहीं करना चाहिए.
4. गाय को रोटी देना जिन व्यक्तियों को शीघ्र विवाह की कामना हों उन्हें गुरुवार को गाय को दो आटे के पेडे पर थोडी हल्दी लगाकर खिलाना चाहिए. तथा इसके साथ ही थोडा सा गुड व चने की पीली दाल का भोग गाय को लगाना शुभ होता है.
5. शीघ्र विवाह प्रयोग इसके अलावा शीघ्र विवाह के लिये एक प्रयोग भी किया जा सकता है. यह प्रयोग शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को किया जाता है. इस प्रयोग में गुरुवार की शाम को पांच प्रकार की मिठाई, हरी ईलायची का जोडा तथा शुद्ध घी के
दीपक के साथ जल अर्पित करना चाहिये. यह प्रयोग लगातार तीन गुरुवार को करना चाहिए.
6. केले के वृ्क्ष की पूजा गुरुवार को केले के वृ्क्ष के सामने गुरु के 108 नामों का उच्चारण करने के साथ शुद्ध घी का दीपक जलाना

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