ज्ञान


यदि शनि प्रथम भाव में तथा बृहस्पति पंचम भाव में हो तो ऐसे व्यक्ति द्वारा तांबे का दान करने पर संतान नष्ट हो जाती है। अष्टम भावस्थ शनि होने पर मकान बनवाना मृत्यु का कारक होगा।
जिन व्यक्तियों की पत्रिका में दूसरा घर खाली हो तथा आठवें घर में शनि जैसा क्रूर ग्रह विद्यमान हो, उन्हें कभी मंदिर नहीं जाना चाहिए। बाहर से ही अपने इष्टदेव को नमस्कार करें।
यदि 6, 8, 12 भाव में शत्रु ग्रह हो तथा भाव 2 खाली हो तो भी मंदिर न जाएं। जन्मपत्री में केतु भाव सात में हो तो लोहे का दान नहीं करना चाहिए
। जन्मपत्री के चौथे भाव में मंगल बैठा हो तो वस्त्र का दान नहीं करना चाहिए।

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गंभीर रोगों से रक्षा करता है कलावा
शरीर विज्ञान के अनुसार शरीर के कई प्रमुख अंगों तक पहुंचने वाली नसें कलाई से होकर गुजरती है। कलाई पर कलावा बांधने से इन नसों की क्रिया नियंत्रित रहती है। इससे त्रिदोष यानी वात, पित्त और कफ का मंजस्य बना रहता है।
माना जाता है कि कलावा बांधने से रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह और लकवा जैसे गंभीर रोगों से काफी हद तक बचाव होता है।

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