Remedies for Mahadasha

Remedies for Mahadasha
ज्योतिष शास्त्र ग्रहों की गति एवं उसकी दशाओं के आधार पर किसी व्यक्ति के जीवन में आने वाली उतार चढ़ाव एवं सुख दुख का आंकलन करता है. ग्रहों की दशा महादशा सभी व्यक्ति के जीवन में चलती रहती है. कुछ दशा महादशा शुभ फल देती है तो कोई अशुभ. नीच स्थान में होने पर शुभ ग्रह भी विपरीत प्रभाव देते हैं और उच्च स्थान में होने पर अशुभ ग्रह भी शुभ फल देते हैं. अगर आपके जीवन में किस ग्रह विशेष की महादशा में परेशानी और कठिनाई आ रही है तो आप क्या उपचार कर सकते हैं आइये देखें.
सूर्य महादशा उपचार (Remedies of Sun's Mahadasha)
सूर्य की महादशा में आपको ब्राह्मणों को तांबे के बर्तन में गेहूं का दान देना चाहिए. आदित्य हृदय स्तोत्र का प्रतिदिन सुबह स्नान करके पाठ करना चाहिए. सूर्य देव की सफेद फूल एवं लाल चंदन से पूजा करनी चाहिए और आर्घ्य देना चाहिए. जब आप किसी विशेष काम से घर से बाहर निकलें तो गुड़ की एक डली मुंह में डाल पानी पिएं फिर जाएं. ताम्बे की अंगूठी में सवा पांच रत्ती का माणिक अनामिका उंगली में धारण करना चाहिए.
चन्द्र महादशा उपचार (Remedies for Moon's Mahadasha)
चन्द्र की महादशा होने पर आपको चन्द्र की वस्तु जैसे चावल, मोती व चांदी का दान करना चाहिए. कन्याओं को खीर बनाकर भोजन करना चाहिए. अपने खाने में दही शामिल करना चाहिए. भगवान भोले शंकर की पूजा करनी चाहिए एवं दूध से अभिषेक करना चाहिए. सुबह दूध में भिंगोकर चावल गाय को खिलानी चाहिए. अपने गले में चांदी का चन्द्रमा बनाकर लॉकेट की तरह धारण करना चाहिए. दाएं हाथ की कनिष्ठा उंगली में मोती चांदी की अंगूठी में धारण करना चाहिए.
मंगल महादशा उपचार (Remedies for Mars Mahadasha)
मंगल की महादशा होने पर बन्दरों को गुड़ चना देना चाहिए. सात शनिवार हनुमान जी को लाल लंगोट चढाएं. प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें. लाल वस्त्र ब्राह्मणों को दान दें. सोने अथवा ताम्बे में मूगा दाएं हाथ की अनामिका उंगली में धारण करना चाहिए.
बुध महादशा उपचार (Remedies of Mercury Mahadasha)
आप अगर बुध की महादशा से पीड़ित हैं तो उपचार हेतु गाय को प्रतिदिन हरी घास अथवा पालक खिलाएं. सीप की पूजा करें. बुध की वस्तु जैसे मूंग की दाल, हरे रंग की चूड़ी बुधवार के दिन दान करें. प्रतिदिन दुर्गा मां की पूजा करनी चाहिए और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए. मध्यमा उंगली में पन्ना सोने अथवा चांदी में धारण करना चाहिए.
बृहस्पति महादशा उपचार (Remedies of Jupiter's Mahadasha)
बृहस्पति की वस्तु जैसे पीला वस्त्र, सोना, गुड़ व केसर का दान करना चाहिए. घी का दीपक जलाकर बृहस्पतिवार के दिन केले की पूजा करनी चाहिए. पीला चंदन लगाना चाहिए व बृहस्पतिवार के दिन पीला वस्त्र पहनना चाहिए. पूर्णिमा तिथि को सत्यनारायण भगवान की पूजा कथा करानी चाहिए. दाएं हाथ की तर्जनी उंगली में सुनैला सोने में धारण करना चाहिए.
शुक्र महादशा उपचार (Remedies of Venus Mahadasha)
शुक्र की महादशा से अगर आप पीड़ित हैं तो शुक्र की वस्तु का दान करना चाहिए जैसे दूध, मोती, दही. गाय की सेवा करनी चाहिए और अपने खाने में से एक भाग निकालकर गाय को खिलानी चाहिए. माता सरस्वती की पूजा करनी चाहिए. चांदी की उंगूठी दाएं हाथ के अंगूठे में पहनना चाहिए.
शनि महादशा उपचार (Remedies of Saturn's Mahadasha)
शनि की महादशा से बचने के लिए रोटी पर सरसों तेल लगकार गाय को अथवा कुत्ते को खिलाना चाहिए. शनिवार और मंगलवार के दिन हनुमान जी का दर्शन करना चाहिए. चांदी का चौकोर टुकड़ा हमेशा अपने पास रखें. बांसुरी में शक्कर भर कर एकांत स्थान में दबाएं. शनिवार के दिन दूध और काले तिल से पीपल की पूजा करनी चाहिए. शनिवार के दिन शनि मंदिर में दीप दान दें.
राहु महादशा उपचार (Remedies of Rahu Dasha)
राहु की महादशा में काले कुत्ते को मीठी रोटियां खिलाएं. सरसों का तेल व काले तिल का दान दें. रात को सोते समय अपने सिरहाने में जौ रखें जिसे सुबह पंक्षियों को दें. बहते पानी में शीशा अथवा नारियल प्रवाहित करें. इसके अलावा बहते पानी में तांबे के 43 टुकड़े प्रवाहित करें. माता सरस्वती की पूजा करें. गोमेद चांदी की अंगूठी में दाएं हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए.
केतु महादशा उपचार (Ketu remedies for Mahadasha)
अगर आप केतु की महादशा से पीड़ित हैं तो इसके उपचार के लिए लकड़ी केक चार टुकड़े चार दिन तक बहते पानी में प्रवाहित करना चाहिए. कन्याओं को भोजन करवाकर दक्षिणा सहित विदा करना चाहिए. ग़रीब अथवा ब्रह्मणों को कम्बल दान करना चाहिए. प्रतिदिन गणेश जी पूजा करनी चाहिए और गणपति जी को लड्डू का भोग लगाना चाहिए. बहते जल में कोयले के 21 टुकड़े प्रवाहित करना चाहिए. दाएं हाथ की मध्यमा उंगली में लहसुनियां चांदी में धारण करना चाहिए.

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