सात प्रकार के चांडाल योग

।।जय श्रीराम ।।
सात प्रकार के चांडाल योग

ज्योतिष के अनुसार राहु-केतु छाया ग्रह हैं, लेकिन इनकी स्थिति और अन्य ग्रहों के साथ युति से व्यक्ति का जीवन पूरी तरह बदल सकता है। राहु-केतु चांडाल यानी अशुभ ग्रह माने गए हैं। ये दोनों जिस ग्रह के साथ युति करते हैं, उससे संबंधित चांडाल योग बनता है।
1. सूर्य - चांडाल योग

सूर्य के साथ राहु या केतु हो तो इसे रवि चांडाल योग कहते हैं। इस युति को सूर्य ग्रहण योग भी कहा जाता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति गुस्सेवाला और जिद्दी होता है। पिता से साथ मतभेद रहते हैं और पिता से सुख भी प्राप्त नहीं हो पाता है।

2. चंद्र - चांडाल योग

चन्द्र के साथ राहु या केतु हो तो इसे चंद्र चांडाल योग कहते हैं। इस युति को चन्द्र ग्रहण योग भी कहा जाता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान रहता है। माता संबंधी सुख भी प्राप्त नहीं हो पाते हैं।

3. मंगल - चांडाल योग

मंगल के साथ राहु या केतु हो तो इसे भौम चांडाल योग कहते हैं। इस युति को अंगारक योग भी कहा जाता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति क्रोधी, जल्दी में काम करने वाला होता है।

4. बुध - चांडाल योग

बुध के साथ राहु या केतु हो तो इसे बुध चांडाल योग कहते हैं। बुद्धि और चातुर्य के ग्रह के साथ राहु या केतु होने से व्यक्ति धर्म में रुचि नहीं रखता है।

5. गुरु - चांडाल योग
गुरु के साथ राहु या केतु हो तो इसे गुरु चांडाल योग कहते हैं। इस योग के कारण व्यक्ति नास्तिक, धर्म में श्रद्धा न रखने वाला होता है।

6. शुक्र -चांडाल योग

शुक्र के साथ राहु या केतु हो तो इसे भृगु चांडाल योग कहते हैं। इस योग में जन्म लेने वाले व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में काफी परेशानियां रहती हैं।

7. शनि - चांडाल योग

शनि के साथ राहु या केतु हो तो इसे शनि चांडाल योग कहते है। इस युति को श्रापित योग भी कहा जाता है। यह चांडाल योग भौम चांडाल योग जेसा ही अशुभ फल देता है। इसकी वजह से व्यक्ति के वाद-विवाद होते रहते हैं।
।। शुभं भवतु ।।

Comments

  1. Pls give details of Shani chandal dosh. Iska parvabh kaise khatam Kiya za sakta hai . Upay zaroor batein

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