किसी भी तरह का जप-कर्म हो, अधिकतर माला जपते हुए पूरा किया जाता है
किसी भी तरह का जप-कर्म हो, अधिकतर माला जपते हुए पूरा किया जाता है। इस दौरान प्रयोग में लाई जाने वाली माला में 108 मनके होते हैं। हालांकि मालाएं इससे कम या ज्यादा मनकों की भी होती हैं, लेकिन नौ के गुणांक वाले मनकों की माला ही जप कर्म में स्वीकार्य की गई है। माला का उपयोग किसी मंत्र, नाम आदि के जप की संख्या को याद रखने के लिए किया जाता है। इन देवी-देवताओं के नाम अथवा मंत्रों के जप से साधकों की इच्छाओं की पूर्ति होती है। प्रस्तुत है हिंदू धर्म की कुछ लोकप्रिय मालाओं का विवरण।
कमल बीज माला: इस माला का उपयोग देवी लक्ष्मी की आराधना के लिए किया जाता है। माना जाता है कि अपने प्रिय पुष्प की माला के बीज से लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करने से देवी लक्ष्मी जल्द प्रसन्न होती हैं और साधक को धन-धान्य, ऐश्वर्य से संपन्न करती हैं।
हल्दी माला: इस माला का उपयोग विशेष प्रार्थना या अनुष्ठान, शत्रुओं के नाश, मुकदमों में विजय आदि की प्राप्ति के लिए किया जाता है। कहा जाता है कि इस माला को धारण करने से पीलिया रोगों की पीड़ा कम होती है। साथ ही इसे धारण करने से मानसिक शांति मिलती है और चिंता व तनाव दूर होते हैं।
चंदन की माला:चंदन की माला लाल और सफेद रंग में मिलती हैं। सफेद चंदन की माला का उपयोग भगवान राम और विष्णु की स्तुति के लिए किया जाता है। चंदन के हार का उपयोग स्वागत के लिए भी किया जाता है। लाल चंदन की माला भगवान गणेश और देवियों की पूजा में उपयोग होती है।
तुलसी की माला: तुलसी की माला भगवान विष्णु, राम और श्रीकृष्ण की पूजा के लिए उपयोग होती है। आयुर्वेद के मुताबिक, इस माला को धारण करना गले संबंधी तकलीफों के निवारण और शरीर के शुद्धिकरण में मदद करता है।
वैजयंती माला: वैजयंती के सफेद मनकों से बनी इस माला का उपयोग वशीकरण और देवी की सिद्धि के लिए किया जाता है। भगवान विष्णु के उपासक मां लक्ष्मी की आराधना के लिए भी इसका उपयोग करते हैं।
मूंगे की माला: इस माला का उपयोग भगवान, गणेश, हनुमान, लक्ष्मी और मंगल ग्रह की साधना के लिए किया जाता है। जिन लोगों को एनीमिया की शिकायत है, उनके लिए भी यह लाभदायक है।
★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★
आरती करते समय इन बातों का ध्यान ज़रूर रखें
१. दीपक की आरती करते समय दीपक को अपने इष्ट देवी देवता के सामने इस प्रकार घुमाया जाना चाहिए की ॐ जैसी आकृति का निर्माण हो जाय तभी आरती सफल मानी जाती है आरती अपने दायीं और से बाईं और चलाये ।
२. आरती कि थाली दूसरे को आरती हेतु देने के लिए अपने दायीं और से दें ।
३.देवी देवतायों के समक्ष दीपक को घुमाने कि संख्या :-
भगवान् शिव के सामने :- चार बार घुमाएं
भगवान् गणेश के सामने :- बारह बार घुमाएं
भगवान् रुद्र के सामने :- चौदह बार घुमाएं
भगवान् सूर्य के सामने :- सात बार घुमाएं
भगवती दुर्गा जी के सामने :-नौ बार घुमाएं
अन्य देवतायों के सामने :- सात बार घुमाएं
कमल बीज माला: इस माला का उपयोग देवी लक्ष्मी की आराधना के लिए किया जाता है। माना जाता है कि अपने प्रिय पुष्प की माला के बीज से लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करने से देवी लक्ष्मी जल्द प्रसन्न होती हैं और साधक को धन-धान्य, ऐश्वर्य से संपन्न करती हैं।
हल्दी माला: इस माला का उपयोग विशेष प्रार्थना या अनुष्ठान, शत्रुओं के नाश, मुकदमों में विजय आदि की प्राप्ति के लिए किया जाता है। कहा जाता है कि इस माला को धारण करने से पीलिया रोगों की पीड़ा कम होती है। साथ ही इसे धारण करने से मानसिक शांति मिलती है और चिंता व तनाव दूर होते हैं।
चंदन की माला:चंदन की माला लाल और सफेद रंग में मिलती हैं। सफेद चंदन की माला का उपयोग भगवान राम और विष्णु की स्तुति के लिए किया जाता है। चंदन के हार का उपयोग स्वागत के लिए भी किया जाता है। लाल चंदन की माला भगवान गणेश और देवियों की पूजा में उपयोग होती है।
तुलसी की माला: तुलसी की माला भगवान विष्णु, राम और श्रीकृष्ण की पूजा के लिए उपयोग होती है। आयुर्वेद के मुताबिक, इस माला को धारण करना गले संबंधी तकलीफों के निवारण और शरीर के शुद्धिकरण में मदद करता है।
वैजयंती माला: वैजयंती के सफेद मनकों से बनी इस माला का उपयोग वशीकरण और देवी की सिद्धि के लिए किया जाता है। भगवान विष्णु के उपासक मां लक्ष्मी की आराधना के लिए भी इसका उपयोग करते हैं।
मूंगे की माला: इस माला का उपयोग भगवान, गणेश, हनुमान, लक्ष्मी और मंगल ग्रह की साधना के लिए किया जाता है। जिन लोगों को एनीमिया की शिकायत है, उनके लिए भी यह लाभदायक है।
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आरती करते समय इन बातों का ध्यान ज़रूर रखें
१. दीपक की आरती करते समय दीपक को अपने इष्ट देवी देवता के सामने इस प्रकार घुमाया जाना चाहिए की ॐ जैसी आकृति का निर्माण हो जाय तभी आरती सफल मानी जाती है आरती अपने दायीं और से बाईं और चलाये ।
२. आरती कि थाली दूसरे को आरती हेतु देने के लिए अपने दायीं और से दें ।
३.देवी देवतायों के समक्ष दीपक को घुमाने कि संख्या :-
भगवान् शिव के सामने :- चार बार घुमाएं
भगवान् गणेश के सामने :- बारह बार घुमाएं
भगवान् रुद्र के सामने :- चौदह बार घुमाएं
भगवान् सूर्य के सामने :- सात बार घुमाएं
भगवती दुर्गा जी के सामने :-नौ बार घुमाएं
अन्य देवतायों के सामने :- सात बार घुमाएं
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