मंत्र mantra

संतान होने और नही होने की पहिचान करना :
पुरुष और स्त्री के दाहिने हाथ मे साफ़ मिट्टी रख कर उसके अन्दर थोडा दही और पिसी शुद्ध हल्दी रखनी चाहिये,यह काम रात को सोने से पहले करना चाहिये,सुबह अगर दोनो के हाथ में हल्दी का रंग लाल हो गया है तो संतान आने का समय है,स्त्री के हाथ में लाल है और पुरुष के हाथ में पीली है तो स्त्री के अन्दर कामवासना अधिक है,पुरुष के हाथ में लाल हो गयी है और स्त्री के हाथ में नही तो स्त्री रति सम्बन्धी कारणों से ठंडी है,और संतान पैदा करने में असमर्थ है,कुछ समय के लिये रति क्रिया को बंद कर देना चाहिये।
* चार वीरवार को 900 ग्राम जौं चलते जल में बहाए|
* वीरवार का व्रत भी रखना शुभ होगा |
* राधा कृष्णजी के मंदिर में शुक्ल पक्ष के वीरवार या जन्माष्टमी को चान्दी की बांसुरी चढाये|
* लाल या भूरी गायें को आट्टे का पेढा व पानी दे |
उपाय मन से करने से मनोकामना पूरण होगी |
★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★
मंत्र महायोग की शक्तिशाली दुनिया मे मंत्र की वो शक्ति अनुभव कर सकते है जिस से टूटता हुआ घर,दिल व समाज ये सब बच सकते है
इस मंत्र के चमत्‍कार से घर मे सुख और आनंद हो जाता है और आनंद की दात्री होती है घर की स्त्री अर्थात यदि घर मे पत्नी कलह करती हो या बार बार मायके जा कर बैठती हो या तलाक की बात करती हो या फिर पति को पत्नी अपेक्षित सहयोग ना मिलता हो to इस मंत्र का प्रयोग आवश्याही आपके लिये सफल सीध होगा।
मंत्र
मोहिनी माता भूत पिता भूत सिर बेताल उढ़ ए काली.............को जा लाग
एसी जाके लाग ..........को लग जाये हमारी मुहबत की आग न खड़े सुख ना लेटे सुख न सोते सुख सिन्दूर चढ़ाऔं मंगलवार कभी ना छोड़े हमारा ख्याल। जब तक ना देखे हमारा मुख काया तड़प तड़प मर जाये चलो मंत्र फुरो वाचा दिखाओ रे शब्द अपने गुरू के इलम का तमाशा खाली जगह पर उस स्त्री का नाम ले जिसको आप वश मे करना चाहते हैं
यह मंत्र केवल शादी शुदा लोगो को ही लाभ देता है।
★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★
हम आज आपको हनुमान जी का दिव्य दर्द नाशक मंत्र बता रहे है ये आजमाया हुआ मंत्र है जब आपको लगे की इलाज के बाद भी आराम नहीं हो रहा है ओर दवाई नहीं लग रही हो तो इस मंत्र से जल अभिमंत्रित करके पिलाने से कुछ ही समय मे आराम मिलेगा।. ओर बीमारी धीरे धीरे बिल्कुल ठीक हो जायेगी।.
ओम नमो भगवते चिंतामणी हनुमान ! अंग शूल अति शूल कटी शूल कुक्षि शूल गुद शूल मस्तक शूल सर्व शूल निर्मूलय निर्मूलय कुरु कुरु स्वाहा !
★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★
👉 `देव सखा´ आदि 18 पुत्रवर्ग भगवती लक्ष्मी के कहे गये हैं। इनके नाम के आदि में और अन्त में `नम:´ लगाकर जप करने से अभीष्ट धन की प्राप्ति होती है। यथा – ॐ देवसखाय नम:, चिक्लीताय, आनन्दाय, कर्दमाय, श्रीप्रदाय, जातवेदाय, अनुरागाय, सम्वादाय, विजयाय, वल्लभाय, मदाय, हर्षाय, बलाय, तेजसे, दमकाय, सलिलाय, गुग्गुलाय, ॐ कुरूण्टकाय नम:।

Comments

Popular posts from this blog

मंत्र

सूर्य तप्त जल और उसके रंगों से चिकत्सा(क्रोमोथैरेपी )-

सर्व विपत्ति-हर्ता श्री घंटाकर्ण मंत्र व साधना - प्रयोग विधि