ज्योतिष और कुत्ते का रहस्य

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कुत्ते को भगवान भैरव का सेवक माना जाता है. कुत्ते को भोजन देने से वे प्रसन्न होते हैं और हर तरह के आकस्मिक संकटों से वे भक्त की रक्षा करते हैं. मान्यता है कि कुत्ते को प्रसन्न रखने से वह आपके आसपास यमदूत को भी नहीं फटकने देता है. कुत्ते को देखकर हर तरह की आत्माएं दूर भागने लगती हैं. दरअसल, कुत्ता एक ऐसा प्राणी है, जो भविष्य में होने वाली घटनाओं और ईथर माध्यम (सूक्ष्म जगत) की आत्माओं को देखने की क्षमता रखता है. कुत्ता कई किलोमीटर तक की गंध सूंघ सकता है. इसलिए कुत्ते को एक रहस्यमय प्राणी माना गया है, लेकिन इसको भोजन कराने से हर तरह के संकटों से बचा जा सकता है.
कुत्ते से जुड़े शकुन -
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कुत्ते के भौंकने और रोने को अपशकुन माना जाता है. कुत्ते के भौंकने के कई कारण होते हैं उसी तरह उसके रोने के भी कई कारण होते हैं, लेकिन अधिकतर लोग भौंकने या रोने का कारण नकारात्मक ही लेते हैं.
- शकुन शास्त्र के अनुसार कुत्ते का घर के चारों ओर उछल कूद करना अपशकुन या अद्‍भुत घटना कहा गया है.
- सूत्र-ग्रंथों में भी कुत्ते को अपवित्र माना गया है. इसके स्पर्श व दृष्टि से भोजन अपवित्र हो जाता है. इस धारणा का कारण भी कुत्ता का यम से संबंधित होना है.
- शुभ काम के समय यदि कुत्ता रास्ता रोकता है तो विषमता और अनिश्चय प्रकट होते हैं.
- कुत्ते को रोजाना भोजन देने से जहां दुश्मनों का डर मिट जाता है.
- यदि संतान की प्राप्ति नहीं हो रही हो तो काले कुत्ते को पालने से संतान की प्राप्ति होती है.
- ज्योतिषी के अनुसार केतु का प्रतीक है कुत्ता. कुत्ता पालने या कुत्ते की सेवा करने से केतु का अशुभ प्रभाव खत्म हो जाता है.
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