जन्म नक्षत्र का सीधा प्रभाव दान्तों
जन्म नक्षत्र का सीधा प्रभाव दान्तों पर पड़ता है जो हमारे व्यक्तित्व को बहुत प्रभावित करते हैं
जिनके ऊपर के दांत थोड़े बड़े होते हैं वो जातक भागयशाली होते हैं
ऊपर वाले दांतों के साथ नीचे वाले दांत भी बड़े हो तो जातक ज्ञानी तो होगा लेकिन उसका जीवन संघर्षमय रहेगा
छोटे-छोटे दांत एक सीढ़ी कतार में हों तो जातक चंचल स्वाभाव का होगा १ ऐसे जातक का बुद्ध मजबूत होने से जातक तीक्ष्ण बुद्धि का होगा
ऊपर के दांत असामान्य रूप से बड़े हों तो ऐसे जातक का मंगल बहुत मजबूत होता है और जातक उच्च पद पर पहुँचता है
दांत बड़े हों और उनमें गैप हो तो जातक मूल नक्षत्र से प्रभावित होता है
ऐसा जातक 42 वर्ष कि उम्र तक संघर्ष करता है
जातक गुस्से वाला भी होता है
अगर किसी की नीचे की दाढ़ जल्दी गिर जाए और शरीर भारी हो तो जातक का भाग्योदय 36 वर्ष की उम्र में होता है
दांत पर दांत चढ़ जाये तो शुक्र मजबूत होता है १ जातक को यश, वैभव, मान-सम्मान मिलता है
चेहरे और वाणी में सौम्यता रहती है १
कोई दांत छोटा और कोई दांत बड़ा यानि बेतरतीब दांत हों तो जातक नैतिक होता है
ऊपर के बीच के दो दांत बड़े हों तो जातक का जीवन बहुत कठिनाइयों से भरा होता है
ऐसे जातक को गुरु मजबूत करना चाहिए १
सामने के दांत इतने बड़े हों कि वो होठों से भी आगे आ जाएँ तो जातक बुद्धिहीन होता है
ऐसे में बुद्ध को मजबूत करने से उपाय करें १
jaw line समान हो न ज्यादा उभरी हो न ज्यादा अंदर हो तो जातक भाग्यशाली होता है
अगर अंदर को दबी हुई है तो जातक अपनी बात को स्पष्ट रूप से किसी के सामने नहीं रख पायेगा और आत्मबल में कमी रहेगी
इस तरह से हम अपने दांतों की बनावट के अनुसार अपने ग्रहों को जानकर उनका उपाय कर सकते हैं!
*#*@*##****#†*€©®©%€®©©©©©★★★*##№*****‡‡★†★★★
ज्योतिष सूत्र
यदि आपको आर्थिक समस्या रहती है तो आप प्रात: उठने के साथ ही अपनी जनम तिथि का २१ बार उच्चारण करें |
जैसे, यदि आपका जन्म शुक्लपक्ष की पंचमी को हुआ है तो आप "शुक्लपक्ष पंचमी"-"शुक्लपक्ष पंचमी" का नियमित रूप से २१ बार उच्चारण करें |
इसी प्रकार सोने के लिए बिस्तर पर जाने पर करें अर्थात दिन में दो बार करें |
कुछ ही समय में आपको चमत्कार महसूस होगा| यह कार्य आप जितने अधिक विश्वाश से करेंगे, उतना ही शीघ्र लाभ द्रष्टि गोचर होगा |
इसी प्रकार जन्म वार के दिन उच्चारण से आयु में वृर्द्धि होती है |
जन्म नक्षत्र के दिन में दो बार उच्चारण से अनजाने में होने वाली गलतियों से मुक्ति मिलती है |
दिन में दो बार जन्म योग के उच्चारण से रोग से मुक्ति मिलकर शरीर स्वस्थ रहता है |
यह प्रयोग उन लोगो को करना चाहिए जिन पर कोई भी दवा का असर नहीं कर रही हो |
या जो काफी समय से अस्वस्थ हैं या स्वस्थ नहीं हो पा रहे थे |
जिनके ऊपर के दांत थोड़े बड़े होते हैं वो जातक भागयशाली होते हैं
ऊपर वाले दांतों के साथ नीचे वाले दांत भी बड़े हो तो जातक ज्ञानी तो होगा लेकिन उसका जीवन संघर्षमय रहेगा
छोटे-छोटे दांत एक सीढ़ी कतार में हों तो जातक चंचल स्वाभाव का होगा १ ऐसे जातक का बुद्ध मजबूत होने से जातक तीक्ष्ण बुद्धि का होगा
ऊपर के दांत असामान्य रूप से बड़े हों तो ऐसे जातक का मंगल बहुत मजबूत होता है और जातक उच्च पद पर पहुँचता है
दांत बड़े हों और उनमें गैप हो तो जातक मूल नक्षत्र से प्रभावित होता है
ऐसा जातक 42 वर्ष कि उम्र तक संघर्ष करता है
जातक गुस्से वाला भी होता है
अगर किसी की नीचे की दाढ़ जल्दी गिर जाए और शरीर भारी हो तो जातक का भाग्योदय 36 वर्ष की उम्र में होता है
दांत पर दांत चढ़ जाये तो शुक्र मजबूत होता है १ जातक को यश, वैभव, मान-सम्मान मिलता है
चेहरे और वाणी में सौम्यता रहती है १
कोई दांत छोटा और कोई दांत बड़ा यानि बेतरतीब दांत हों तो जातक नैतिक होता है
ऊपर के बीच के दो दांत बड़े हों तो जातक का जीवन बहुत कठिनाइयों से भरा होता है
ऐसे जातक को गुरु मजबूत करना चाहिए १
सामने के दांत इतने बड़े हों कि वो होठों से भी आगे आ जाएँ तो जातक बुद्धिहीन होता है
ऐसे में बुद्ध को मजबूत करने से उपाय करें १
jaw line समान हो न ज्यादा उभरी हो न ज्यादा अंदर हो तो जातक भाग्यशाली होता है
अगर अंदर को दबी हुई है तो जातक अपनी बात को स्पष्ट रूप से किसी के सामने नहीं रख पायेगा और आत्मबल में कमी रहेगी
इस तरह से हम अपने दांतों की बनावट के अनुसार अपने ग्रहों को जानकर उनका उपाय कर सकते हैं!
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ज्योतिष सूत्र
यदि आपको आर्थिक समस्या रहती है तो आप प्रात: उठने के साथ ही अपनी जनम तिथि का २१ बार उच्चारण करें |
जैसे, यदि आपका जन्म शुक्लपक्ष की पंचमी को हुआ है तो आप "शुक्लपक्ष पंचमी"-"शुक्लपक्ष पंचमी" का नियमित रूप से २१ बार उच्चारण करें |
इसी प्रकार सोने के लिए बिस्तर पर जाने पर करें अर्थात दिन में दो बार करें |
कुछ ही समय में आपको चमत्कार महसूस होगा| यह कार्य आप जितने अधिक विश्वाश से करेंगे, उतना ही शीघ्र लाभ द्रष्टि गोचर होगा |
इसी प्रकार जन्म वार के दिन उच्चारण से आयु में वृर्द्धि होती है |
जन्म नक्षत्र के दिन में दो बार उच्चारण से अनजाने में होने वाली गलतियों से मुक्ति मिलती है |
दिन में दो बार जन्म योग के उच्चारण से रोग से मुक्ति मिलकर शरीर स्वस्थ रहता है |
यह प्रयोग उन लोगो को करना चाहिए जिन पर कोई भी दवा का असर नहीं कर रही हो |
या जो काफी समय से अस्वस्थ हैं या स्वस्थ नहीं हो पा रहे थे |
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