कलयुग के देवता हनुमान जी कि पूजा
कलयुग के देवता हनुमान जी कि पूजा, उपासना, मंत्र और पाठ करने से अलग-अलग फल प्राप्त होते हैं और बताऐ कष्ट दूर होते हैं।जो की इस प्रकार हैं। जेल से उसे मुक्ति के लिए :
हनुमान चालिसा का पाठ करना चाहिए। दोषी व्यक्ति 108 बार "हनुमान चालीसा" का पाठ करे तो जेल से उसे मुक्ति मिल जाती है।
शत्रुओं से मुक्ति के लिए :
21 दिन तक विधि-विधान से "बजरंग बाण" का पाठ करने पर शत्रुओं से मुक्ति मिलती है।
निरोगी काया के लिए :
"हनुमान बाहुक" का पाठ करने विधान है।
विधिः शुद्ध जल का बर्तन ले ,सामने रखकर 26 अथवा 21 दिनों तक (मुहूर्त के मुताबिक) प्रतिदिन करना चाहिए। शुद्ध जल को प्रतिदिन पाठ के बाद पीना चाहिए और रोजाना पात्र को शुद्ध जल से भरें। कंठ रोग, गठिया, वात, जोड़ों का दर्द आदि रोगों से मुक्ति मिल सकती है।
आत्मविश्वास की कमी , विपरीत परिस्थितियां का होना , काम का नहीं बनना :
ऎसे समय में "सुंदरकाण्ड" सबसे उतम उपाय है। सुंदरकांड अध्याय में हनुमान जी कि विजयगाथा है। इसका पाठ करने वाला व्यक्ति आत्मविश्वास से भर जाता है।
भूत-प्रेत और अंधेरे से डर लगै तो :
हनुमान जी का यह मंत्र है "हं हनुमंते नम:" का जाप करना चाहिए।
इस मंत्र का जाप से भय दूर भागता है।
______________________________
सुख-शांति का संचार करने के लिए :
घर में सुख-शांति के लिए शनिवार और मंगलवार के रोज हनुमान जी के मंदिर में गुड़-चने का प्रसाद चढ़ाना चाहिए और प्रतिदिन घर में हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए तथा 21 दिन के बाद मंदिर में हनुमान जी को चोला चढ़ाना चाहिए ।
हनुमान जो को इष्ट मानना :
ज्योतिषशास्त्र मै कुंडली के अनुसार हनुमान जी अगर आपके इष्ट हो तो रोजाना उनकी पूजा-उपासना और पाठ करना चाहिए। हनुमान जी के एक मंत्र "ऊं हनुमते नम:"का जाप 11 बार करना चाहिए।
रोगों से बचने के लिए :
मंत्र है:- नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।।.
______________________________
हनुमान चालिसा का पाठ करना चाहिए। दोषी व्यक्ति 108 बार "हनुमान चालीसा" का पाठ करे तो जेल से उसे मुक्ति मिल जाती है।
शत्रुओं से मुक्ति के लिए :
21 दिन तक विधि-विधान से "बजरंग बाण" का पाठ करने पर शत्रुओं से मुक्ति मिलती है।
निरोगी काया के लिए :
"हनुमान बाहुक" का पाठ करने विधान है।
विधिः शुद्ध जल का बर्तन ले ,सामने रखकर 26 अथवा 21 दिनों तक (मुहूर्त के मुताबिक) प्रतिदिन करना चाहिए। शुद्ध जल को प्रतिदिन पाठ के बाद पीना चाहिए और रोजाना पात्र को शुद्ध जल से भरें। कंठ रोग, गठिया, वात, जोड़ों का दर्द आदि रोगों से मुक्ति मिल सकती है।
आत्मविश्वास की कमी , विपरीत परिस्थितियां का होना , काम का नहीं बनना :
ऎसे समय में "सुंदरकाण्ड" सबसे उतम उपाय है। सुंदरकांड अध्याय में हनुमान जी कि विजयगाथा है। इसका पाठ करने वाला व्यक्ति आत्मविश्वास से भर जाता है।
भूत-प्रेत और अंधेरे से डर लगै तो :
हनुमान जी का यह मंत्र है "हं हनुमंते नम:" का जाप करना चाहिए।
इस मंत्र का जाप से भय दूर भागता है।
______________________________
सुख-शांति का संचार करने के लिए :
घर में सुख-शांति के लिए शनिवार और मंगलवार के रोज हनुमान जी के मंदिर में गुड़-चने का प्रसाद चढ़ाना चाहिए और प्रतिदिन घर में हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए तथा 21 दिन के बाद मंदिर में हनुमान जी को चोला चढ़ाना चाहिए ।
हनुमान जो को इष्ट मानना :
ज्योतिषशास्त्र मै कुंडली के अनुसार हनुमान जी अगर आपके इष्ट हो तो रोजाना उनकी पूजा-उपासना और पाठ करना चाहिए। हनुमान जी के एक मंत्र "ऊं हनुमते नम:"का जाप 11 बार करना चाहिए।
रोगों से बचने के लिए :
मंत्र है:- नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।।.
______________________________
Comments
Post a Comment