शनि को सच बोलकर व रसोई मे बैठ कर भोजन करने से साधा जा सकता है।
"एक सच"
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शनि को मनाने का सबसे अच्छा उपाय है कि, हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी के दर्शन और उनकी भक्ति करने से शनि के सभी दोष समाप्त हो जाते हैं। शनि किसी भी परिस्थिति में हनुमान जी के भक्तों को परेशान नहीं करते हैं।
विशेष उपाय
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01 अपने माता पिता का आदर-सम्मान करें।
02 यथा संभव सच बोलने का प्रयास करें।
03 भिखारी, निर्बल-दुर्बल का मजाक/परिहास नहीं करें।
04. शनि के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए तिल का तेल एक कटोरी में लेकर उसमें अपना मुंह देखकर शनि मंदिर में रख आएं। (जिस कटोरी में तेल हो उसे भी घर न लाएं)। कहते हैं तिल के तेल से शनि विशेष प्रसन्न रहते हैं।
05. साबुत काले उड़द लेकर काले कपड़े में बांध कर शुक्रवार को अपने पास रखकर सोएं। ध्यान रहे अपने पास किसी को भी न सुलाएं। फिर उसको शनिवार को शनि मंदिर में रख आएं।
06. काला सुरमा एक शीशी में लेकर अपने ऊपर से शनिवार को नौ बार सिर से पैर तक किसी से उतरवा कर सुनसान जमीन में दबा देवें।
07. इस शनिवार को नित्य कर्मों के निवृत्त होने के बाद स्वच्छ व श्वेत वस्त्र पहनें। पीपल की जड़ में केसर, चंदन, चावल, फूल मिला पवित्र जल अर्पित करें। तिल का तेल का दीपक जलाएं। यहां लिखे मंत्र का जप करें।
मंत्र-
"आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम्।
देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:।।
विश्वाय विश्वेश्वराय विश्वसम्भवाय
विश्वपतए गोविन्दाय नमो नम:।"
मंत्र जप के साथ पीपल की परिक्रमा करें। श्रीकृष्ण के निमित्त मिठाई का भोग लगाएं। धूप, दीपक जलाकर आरती करें। पीपल को चढ़ाया हुआ थोड़ा-सा जल घर में लाकर भी छिड़कें। ऐसा करने से घर का वातावरण पवित्र होता है।
08 शनि के बुरे फल को दूर करने के लिए काली चीजें जैसे काले चने, काले तिल, उड़द की दाल, काले कपड़े/छत्री आदि का दान किसी गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति को करें। इसके साथ ही शनि देव के निमित्त हर शनिवार को विशेष पूजन करें।
09. शनि को प्रसन्न करने के लिए बताए गए खास उपायों में से एक उपाय है किसी कुत्ते को तेल चुपड़ी हुई रोटी खिलाना। अधिकतर लोग प्रतिदिन कुत्ते को रोटी तो खिलाते ही हैं, ऐसे में यदि रोटी पर तेल लगाकर कुत्ते को खिलाई जाए तो शनि के दोषों से मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि कुत्ता शनिदेव का वाहन है और जो लोग कुत्ते को खाना खिलाते हैं उनसे अति प्रसन्न होते हैं।
10. शनि महाराज की प्रसन्नता के बाद व्यक्ति को परेशानियों के कष्ट से मुक्ति मिल जाती है। साढ़े साती हो या ढेय्या या कुंडली का अन्य कोई दोष इस उपाय से निश्चित ही लाभ होता है। कुत्ते को तेल चुपड़ी रोटी खिलाने से शनि के साथ ही राहु-केतु से संबंधित दोषों का भी निवा -रण हो जाता है। राहु-केतु के योग कालसर्प योग से पीडि़त व्यक्तियों को यह उपाय लाभ पहुंचाता है।
11. ज्योतिष के अनुसार: यदि किसी की राशि में शनि की साढ़ेसाती या ढेय्या चल रही है तो, शनि को प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार के उपाय बताए हैं। इन उपायों में अधिकांश उपाय शनिवार के दिन किए जाते हैं। शनिवार शनिदेव का खास दिन है और इस दिन जो भी व्यक्ति शनि को प्रसन्न के लिए पूजन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। शनि की साढ़ेसाती और ढेय्या या अन्य कोई शनि दोष हो तो हर शनिवार को किसी भी पीपल के वृक्ष को दोनों हाथों से स्पर्श करें। स्पर्श करने के साथ ही पीपल की सात परिक्रमाएं करें। परिक्रमा करते समय शनिदेव का ध्यान करना चाहिए।
शनि मंत्र "ऊँ शंशनैश्चराय नम:" का जप करें।
या "ऊँ नम: शिवाय" का जप करें।
जय श्री कृष्ण। जय शिव। जय भारत।
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शनि को मनाने का सबसे अच्छा उपाय है कि, हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी के दर्शन और उनकी भक्ति करने से शनि के सभी दोष समाप्त हो जाते हैं। शनि किसी भी परिस्थिति में हनुमान जी के भक्तों को परेशान नहीं करते हैं।
विशेष उपाय
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01 अपने माता पिता का आदर-सम्मान करें।
02 यथा संभव सच बोलने का प्रयास करें।
03 भिखारी, निर्बल-दुर्बल का मजाक/परिहास नहीं करें।
04. शनि के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए तिल का तेल एक कटोरी में लेकर उसमें अपना मुंह देखकर शनि मंदिर में रख आएं। (जिस कटोरी में तेल हो उसे भी घर न लाएं)। कहते हैं तिल के तेल से शनि विशेष प्रसन्न रहते हैं।
05. साबुत काले उड़द लेकर काले कपड़े में बांध कर शुक्रवार को अपने पास रखकर सोएं। ध्यान रहे अपने पास किसी को भी न सुलाएं। फिर उसको शनिवार को शनि मंदिर में रख आएं।
06. काला सुरमा एक शीशी में लेकर अपने ऊपर से शनिवार को नौ बार सिर से पैर तक किसी से उतरवा कर सुनसान जमीन में दबा देवें।
07. इस शनिवार को नित्य कर्मों के निवृत्त होने के बाद स्वच्छ व श्वेत वस्त्र पहनें। पीपल की जड़ में केसर, चंदन, चावल, फूल मिला पवित्र जल अर्पित करें। तिल का तेल का दीपक जलाएं। यहां लिखे मंत्र का जप करें।
मंत्र-
"आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम्।
देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:।।
विश्वाय विश्वेश्वराय विश्वसम्भवाय
विश्वपतए गोविन्दाय नमो नम:।"
मंत्र जप के साथ पीपल की परिक्रमा करें। श्रीकृष्ण के निमित्त मिठाई का भोग लगाएं। धूप, दीपक जलाकर आरती करें। पीपल को चढ़ाया हुआ थोड़ा-सा जल घर में लाकर भी छिड़कें। ऐसा करने से घर का वातावरण पवित्र होता है।
08 शनि के बुरे फल को दूर करने के लिए काली चीजें जैसे काले चने, काले तिल, उड़द की दाल, काले कपड़े/छत्री आदि का दान किसी गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति को करें। इसके साथ ही शनि देव के निमित्त हर शनिवार को विशेष पूजन करें।
09. शनि को प्रसन्न करने के लिए बताए गए खास उपायों में से एक उपाय है किसी कुत्ते को तेल चुपड़ी हुई रोटी खिलाना। अधिकतर लोग प्रतिदिन कुत्ते को रोटी तो खिलाते ही हैं, ऐसे में यदि रोटी पर तेल लगाकर कुत्ते को खिलाई जाए तो शनि के दोषों से मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि कुत्ता शनिदेव का वाहन है और जो लोग कुत्ते को खाना खिलाते हैं उनसे अति प्रसन्न होते हैं।
10. शनि महाराज की प्रसन्नता के बाद व्यक्ति को परेशानियों के कष्ट से मुक्ति मिल जाती है। साढ़े साती हो या ढेय्या या कुंडली का अन्य कोई दोष इस उपाय से निश्चित ही लाभ होता है। कुत्ते को तेल चुपड़ी रोटी खिलाने से शनि के साथ ही राहु-केतु से संबंधित दोषों का भी निवा -रण हो जाता है। राहु-केतु के योग कालसर्प योग से पीडि़त व्यक्तियों को यह उपाय लाभ पहुंचाता है।
11. ज्योतिष के अनुसार: यदि किसी की राशि में शनि की साढ़ेसाती या ढेय्या चल रही है तो, शनि को प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार के उपाय बताए हैं। इन उपायों में अधिकांश उपाय शनिवार के दिन किए जाते हैं। शनिवार शनिदेव का खास दिन है और इस दिन जो भी व्यक्ति शनि को प्रसन्न के लिए पूजन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। शनि की साढ़ेसाती और ढेय्या या अन्य कोई शनि दोष हो तो हर शनिवार को किसी भी पीपल के वृक्ष को दोनों हाथों से स्पर्श करें। स्पर्श करने के साथ ही पीपल की सात परिक्रमाएं करें। परिक्रमा करते समय शनिदेव का ध्यान करना चाहिए।
शनि मंत्र "ऊँ शंशनैश्चराय नम:" का जप करें।
या "ऊँ नम: शिवाय" का जप करें।
जय श्री कृष्ण। जय शिव। जय भारत।
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