मानसिक अशांति निवारण उपाय भाग

आज की भागदौड़ से भरी जिंदगी मैं हर व्यक्ति अपने काम में व्यस्त हैं। जिस कारण से अधिकतर लोग मानसिक शांति से ग्रस्त होते है। व्यस्ता एवं भौतिकता से भरी दिनचार्या में व्यक्ति के पास अपने स्वयं के लिए भी वक्त ही नहीं होता है। यदि आप इस तरह की परेशानी से ग्रस्त हैं और आप मानसिक कष्ट तनाव इत्यादी से मुक्ति चाहते हैं, तो इस वास्तु सुझावो को जीवन में अवश्य आजमाकर देख ले आपको निश्चित लाभ प्राप्त होगा।
* अपने शयन कक्ष में रात में झूठे बर्तन न रखें। सोने से पूर्व बर्तनो को साफ करले। इससे स्त्री वर्ग का स्वास्थ्य प्रभावित होता हैं व धन का अभाव बना रहता हैं।
* मानसिक तनाव हो, जाए तो कमरे में शुद्ध घी का दीपक जला कर रखें।
* शयन कक्ष में झाड़ू इत्यादि सफाई की सामग्री न रखें। इससे व्यर्थ की चिंता रहेगी।
* यदि मानसिक तनाव अधिक हो जाएं तो, तकिए के नीचे लाल चंदन रखकर सोएं लाभ प्राप्त होगा।
* सुबह-संध्या पूजन में घी और कपूरका दिप अवश्य जलाये। जिससे निवास स्थान या व्यवसायिक स्थानो से नकारात्मक उर्जा दूर होती हैं।
* शास्त्रोक्त नियमो के अनुशार संध्या समय अर्थात धूप-दिप के समय सोना, खाना, स्नान करना वर्जित माना गया हैं। अतः इन कार्यो को करने से त्यागदे।
* संध्या समय अर्थात धूप-दिप के समय हाथ-पैर धो सकते हैं।
* धूप-दिप के समय अपने निवास स्थान या व्यवसायिक स्थानो पर सुगंधित व पवित्र अगरबत्ति, धुप इत्यादि अवश्य करें।

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