कुंडली में चंद्र + शनि --------

ज्योतिष एक ऐसा माध्यम है, जिससे व्यक्ति के भविष्य, कर्म और स्वभाव को जाना जा सकता है। ज्योतिष विज्ञान पर काफी लोग आस्था रखते हैं। इस शास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र और शनि, एक साथ शुभ स्थिति में एक ही भाव में स्थित हो तो व्यक्ति को जीवन में कई सुखों की प्राप्ति होती है। यहां जानिए चंद्र और शनि की युति के क्या-क्या फल हो सकते हैं...
- जिस व्यक्ति की कुंडली में चंद्र और शनि प्रथम भाव में हैं, वह व्यक्ति नौकरी करने वाला, लोभी, आलसी हो सकता है। ऐसा व्यक्ति विश्वासपात्र नहीं होता।
- किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र और शनि चतुर्थ भाव में हो तो वह व्यक्ति जल से संबंधित कार्य करने वाला होता है। ऐसे व्यक्ति खनिज पदार्थ का व्यवसाय करते हैं।
- कुंडली में चंद्र और शनि सप्तम भाव में हो तो व्यक्ति किसी मंत्री का प्रिय होता है, लेकिन ऐसे लोग स्त्रियों से कष्ट प्राप्त करने वाला हो सकते हैं।
- चंद्र और शनि, किसी व्यक्ति की कुंडली के दशम भाव में हो तो व्यक्ति शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने वाला, सुविख्यात और राजा के समान सुख प्राप्त करने वाला होता है।
यहां सिर्फ शनि और चंद्र की युति का फल बताया गया है। अन्य ग्रहों की स्थिति के आधार पर शनि-चंद्र के फल बदल भी सकते हैं। इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि कुंडली में अन्य सभी ग्रहों की स्थिति भी विचारणीय रहती है।
शनि-चंद्र के इन बुरे प्रभाव से बचने के उपाय...
- चंद्र से संबंधित वस्तुओं का दान करें।
- शनि की वस्तुएं दान करें।
- दान या उपहार में चंद्र या शनि से संबंधित वस्तुएं कभी ना लें।
- हनुमानजी का पूजन करें। प्रति मंगलवार और शनिवार को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं।
- प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें

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