उपाय

हर व्यक्ति भाग्यशाली बनने की तमन्ना रखता है। इसके लिए वह कई जतन करता है। वह कठिन परिश्रम करता है। ताकि वो अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह से निभा सके। ऐसे उपाय जिन्हें आजमाकर आप भाग्यशाली बन सकते हैं। -
1. मुख्य द्वार के दोनों ओर खिड़कियां न हों : ध्यान रखें कि घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर खिड़कियों का होना दोषपूर्ण माना जाता है। इससे घर के मालिक की आर्थिक समस्याएं बढ़ती हैं। इन खिड़कियों के माध्यम से व्यक्ति का भाग्य हवा के साथ बह कर बाहर चला जाता है। इस समस्या के समाधान के लिए खिड़कियों की चौखट पर गोल पत्तियां वाले पौधे का गमला रख दें या ऊपर खिड़की में टांग दें।
2. प्रवेश द्वार के अगल-बगल पौधे रखें : घर व ऑफिस के प्रवेश द्वार के अगल-बगल में फूलों के गमले रखने चाहिए। ये घर में या ऑफिस में प्रवेश करने वाली ऊर्जा को और अधिक सकारात्मक व शक्तिशाली बना देते हैं। ध्यान रहे कि ये पौधे कांटेदार व नुकीली पत्तियां वाले नहीं हों।
3. हिंसा दर्शाते चित्र न लगाएं : घर में कभी भी हिंसा वाले चित्र न लगाएं। विशेष रूप से दक्षिण- पश्चिम कोने में तो बिल्कुल भी नहीं। क्योंकि यह कोना रिश्तों से संबंधित होता है। महाभारत के दृश्य, पुस्तक रखना घर परिवार में कलह का कारण बनता है। इससे मन भी अशांत रहता है।
4. सीधे चढ़ाव के दोष को दूर कीजिए : घर में तिरछा या घुमावदार चढ़ाव अच्छा माना जाता है। सीधे चढ़ाव पर ची का प्रवाह एकदम तेज होता है। इसे कम करने के लिए नीचे छह खोखली रॉड वाली एक पवन घंटी ( विंड चाइम) लटका देनी चाहिए। यह आगंतुकों के प्रवेश की सूचना देती है तथा गृह स्वामी को उनके प्रति सचेत करती है।
5. संदूक में दोहरा आइना लगाएं : अपने घर व दुकान के संदूक में नीचे व ऊपर की ओर आइना( मिरर) लगा होना चाहिए। इस प्रकार संदूक आपके पैसे को कई गुना बढ़ा देगा। आमदनी भी अधिक होगी। संदूक में लाल फीते से तीन चीनी सिक्के बांध कर रखने से लक्ष्मी जी की प्राप्ति होती है।
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1) बुरी नजर लगने के बाद व्यक्ति का चलता व्यवसाय बंद हो जाता है, पैसों की तंगी आ जाती है, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। इससे बचने के लिए दुकानों और घरों के बाहर नींबू-मिर्च टांग दी जाती है। ऐसा करने से नींबू-मिर्च देखने मात्र से ही नींबू का खट्टा और मिर्च तीखा स्वाद बुरी नजर वाले व्यक्ति की एकाग्रता को भंग कर देता है। जिससे वह अधिक समय पर घर या दुकान को नहीं देख पाता।
2) कभी-कभी रास्ते में रोड पर नींबू-मिर्च पड़ी रहती है या किसी चौराहे या तिराहे पर कोई नींबू या नींबू के टुकड़े पड़े रहते हैं तो ध्यान रखें उन आपका पैर नहीं लगाना चाहिए। हो सकता है कि ऐसे नींबू का उपयोग किसी प्रकार के टोटके के लिए किया गया हो। इसका आपके ऊपर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
3) तंत्र-मंत्र में नींबू, तरबूज, सफेद कद्दू और मिर्च का विशेष रूप से उपयोग किया जाता है। सामान्यत: नींबू का उपयोग बुरी नजर से बचने के लिए किया जाता है। बुरी नजर लगने का मुख्य कारण यह है कि जब कोई व्यक्ति किसी दुकान को, किसी चीज को, किसी बच्चे या अन्य इंसान को लगातार अधिक समय देखता रहता है तो बुरी नजर लग जाती है।
4) जिस घर में नींबू का पेड़ होता है वहां किसी भ प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा सक्रीय नहीं हो पाती है। नींबू के वृक्ष के आसपास का वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रहता है। इसके साथ वास्तु के अनुसार नींबू का पेड़ घर के कई वास्तु दोष भी दूर करता है।
5) अक्सर कुछ लोग दुकानों पर घरों के बाहर नींबू- मिर्च टांगकर रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से हमारे घर या दुकान की बुरी नजर से रक्षा हो जाती है। वैसे तो यह तंत्र-मंत्र से जुड़ा एक टोटका है लेकिन इसके परंपरा के पीछे मनोविज्ञान से जुड़ा एक कारण भी है।
6) यदि किसी व्यक्ति का व्यापार ठीक से नहीं चल रहा हो उसे शनिवार के दिन नींबू का एक उपाय करना चाहिए। उपाय के अनुसार एक नींबू को दुकान की चारों दीवारों पर स्पर्श कराएं। इसके बाद नींबू को चार टुकड़ों में अच्छे से काट लें और चारों में दिशाओं में नींबू का एक- एक टुकड़ा फेंक दें। इससे दुकान की नेगेटिव एनर्जी नष्ट हो जाएगी।
7) यदि किसी बच्चे को या बड़े इंसान को बुरी नजर लग जाए तो घर का कोई अन्य व्यक्ति पीडि़त व्यक्ति के ऊपर से सिर से पैर तक सात बार नींबू वार लें। इसके बाद इस नींबू के चार टुकड़े करके किसी सुनसान स्थान या किसी तिराहे पर फेंक आए। ध्यान रखें नींबू के टुकड़े फेंकने के बाद पीछे न देखें।
8) अगर आपको कड़ी मेहनत के बाद भी किसी महत्वपूर्ण कार्य में सफलता नहीं मिल पा रही है तो किसी हनुमान मंदिर जाएं और अपने साथ एक नींबू और 4 लौंग लेकर जाएं। इसके बाद मंदिर में पहुंचकर नींबू के ऊपर चारों लौंग लगा दें। फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें या हनुमानजी के मंत्रों का जप करें। इसके बाद हनुमानजी से सफलता दिलवाने की प्रार्थना करें और वह नींबू लेकर कार्य करें। मेहनत के साथ ही कार्य में सफलता मिलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
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ईशान दिशा
इस दिशा के स्वामी बृहस्पति हैं. और देवता हैं भगवान शिव. इस दिशा के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए नियमित गुरू मंत्र ओम बृं बृहस्पतये नमः मंत्र का जप करें. शिव पंचाक्षरी मंत्र ओम नमः शिवाय का 108 बार जप करना भी लाभप्रद होता है.
पूर्व दिशा
घर का पूर्व दिशा वास्तु दोष से पीड़ित है तो इसे दोष मुक्त करने के लिए प्रतिदिन सूर्य मंत्र ओम ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः का जप करें. सूर्य इस दिशा के स्वामी हैं. इस मंत्र के जप से सूर्य के शुभ प्रभावों में वृद्घि होती है. व्यक्ति मान-सम्मान एवं यश प्राप्त करता है. इन्द्र पूर्व दिशा के देवता हैं. प्रतिदिन 108 बार इंद्र मंत्र ओम इन्द्राय नमः का जप करना भी इस दिशा के दोष को दूर कर देता है.
आग्नेय दिशा
इस दिशा के स्वामी ग्रह शुक्र और देवता अग्नि हैं. इस दिशा में वास्तु दोष होने पर शुक्र अथवा अग्नि के मंत्र का जप लाभप्रद होता है. शुक्र का मंत्र है ओम शुं शुक्राय नमः. अग्नि का मंत्र है ओम अग्नेय नमः. इस दिशा को दोष से मुक्त रखने के लिए इस दिशा में पानी का टैंक, नल, शौचालय अथवा अध्ययन कक्ष नहीं होना चाहिए.
दक्षिण दिशा
इस दिशा के स्वामी ग्रह मंगल और देवता यम हैं. दक्षिण दिशा से वास्तु दोष दूर करने के लिए नियमित ओम अं अंगारकाय नमः मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए. यह मंत्र मंगल के कुप्रभाव को भी दूर कर देता है. ओम यमाय नमः मंत्र से भी इस दिशा का दोष समाप्त हो जाता है.
नैऋत्य दिशा
इस दिशा के स्वामी राहु ग्रह हैं. घर में यह दिशा दोषपूर्ण हो और कुण्डली में राहु अशुभ बैठा हो तो राहु की दशा व्यक्ति के लिए काफी कष्टकारी हो जाती है. इस दोष को दूर करने के लिए राहु मंत्र ओम रां राहवे नमः मंत्र का जप करें. इससे वास्तु दोष एवं राहु का उपचार भी उपचार हो जाता है.
पश्चिम दिशा
यह शनि की दिशा है. इस दिशा के देवता वरूण देव हैं. इस दिशा में किचन कभी भी नहीं बनाना चाहिए. इस दिशा में वास्तु दोष होने पर शनि मंत्र ओम शं शनैश्चराय नमः का नियमित जप करें. यह मंत्र शनि के कुप्रभाव को भी दूर कर देता है.
वायव्य दिशा
चन्द्रमाँ इस दिशा के स्वामी ग्रह हैं. यह दिशा दोषपूर्ण होने पर मन चंचल रहता है. घर में रहने वाले लोग सर्दी जुकाम एवं छाती से संबंधित रोग से परेशान होते हैं. इस दिशा के दोष को दूर करने के लिए चन्द्र मंत्र ओम चन्द्रमसे नमः का जप लाभकारी होता है.
उत्तर दिशा
यह दिशा के देवता धन के स्वामी कुबेर हैं. यह दिशा बुध ग्रह के प्रभाव में आता है. इस दिशा के दूषित होने पर माता एवं घर में रहने वाले स्त्रियों को कष्ट होता है. आर्थिक कठिनाईयों का भी सामना करना होता है. इस दिशा को वास्तु दोष से मुक्त करने के लिए ओम बुधाय नमः या ओम कुबेराय नमः मंत्र का जप करें. आर्थिक समस्याओं में कुबेर मंत्र का जप अधिक लाभकारी होता है.

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