दैनिकजीवन में ज्योतिषीयउपचार---
दैनिकजीवन में ज्योतिषीयउपचार---
एक कुशल गृहिणी चूल्हा जलाने के बादपहली रोटी गाय के लिए औरआखिरी रोटी कुत्ते के लिए बचाकर रखती है।
घर की सफाई के दौरान जब पोंछा लगाती हैतो बाल्टी के पानी में नमक मिलाती है।
शाम के समय मंदिर जाते हुए चीटिंयों के लिए थोड़ा आटा और चीनी लेकर निकलती है।
देखने में ये दैनिक जीवन का हिस्सा दिखाई दे सकते हैं, लेकिन अधिकांश महत्वपूर्ण ज्योतिषीय उपचार इन्हीं से जुड़े हुए हैं।
महंगे रत्नों या पुरोहितों के सानिध्य में यज्ञ हवन करवाने की तुलना में रोजाना का यह मौन यज्ञ आपको कई तरह की बाधाओं से बचाकर रखता है।-
-दिनचर्या से जुड़े ये नियम सामान्य नियम न होकर ज्योतिषीय उपचारों के नियम हैं।
सूर्य :---------
-करें काली गाय की सेवा किसी जातक की कुंडली में सूर्य खराब परिणाम दे रहा हो तो लाल किताब के अनुसार उस जातक के मुंह से बोलते समय थूक उछलता रहता है। शरीर के कुछ अंग आंशिक या पूर्ण रूप से नकारा होने लगते हैं। ऎसे जातकों को सुबह उठकर सूर्य देवता को अध्र्यदेना चाहिए और लाल मुंह के बंदर की सेवा करनी चाहिए। आठवें का सूर्य होने परसफेद गाय के बजाय लाल या काली गायकी सेवा करने के लिए कहा जाता है।
चंद्र :-----------
बुजुर्गो का लें आशीर्वाद माता की सेवा करने से चंद्रमा के शुभ फल मिलनेशुरू होते हैं। घर के बुजुगों, साधु और ब्राह्मणों के पांव छूकर आशीर्वाद लेने से चंद्रमा के खराब प्रभावों को भी दूर किया जा सकता है। रात में सिराहने के नीचे पानी रखकर सुबह उसे पौधों में डालने से चंद्रमा का असर दुरूस्त होता है।
घर का उत्तरी पश्चिमी कोना चंद्रमा का स्थान होता है। यहां पौधे लगाए जाएं और सुबह-शाम पानी दिया जाए तो चंद्रमा का प्रभाव उत्तम बना रहता है।
मंगल :------------
भाइयों की करें सहायता आंख में किसी भी तरहकी खराबी हो या फिरलंबे समय से संतान उत्पत्ति में बाधा आरही हो तो इसे मंगल के खराब प्रभाव के तौरपर देखा जाता है।
भाइयों की सहायता औरताऊ और ताई की सेवा करे तो मंगलका अच्छा प्रभाव मिलता है।
लाल रंग का रूमाल पास में रखने से मंगल का खराब प्रभाव खत्म होता है। महिलाओं में मंगल का असर बढ़ाने के लिए तो उन्हें लाल चूडियां,लाल सिंदूर, लाल साड़ी, लाल बिंदी लगाने के लिए कहा जाता है। इन्हें सुहाग से भी जोड़ा गया है।
बुध :---------
घर में जमे कचरे को हटाएं गंध का पता न लगे और सामने के दांत गिरने लगेतो समझ लीजिए कि बुध का खराब प्रभाव आ रहा है। ऎसे में फिटकरी से दांत साफ करने से बुध का खराब प्रभाव कम होता है। बुध खराब होनेसे व्यापारियों का दिया या लिया धन अटकने लगता है। गायों को नियमित रूप से पालक खिलाने से रूका हुआ धन फिर से मिलने लगता है।छत पर जमा कचरा भी ऋण को बढ़ाता है। इसेहटाने से ऋण कम और व्यापार सुचारू चलता है।
गुरू :-------------
ईष्ट देव को पूजेंरमते साधु को पीले वस्त्र दान करने और भोजनकराने से गुरू के अच्छे परिणाम हासिल होते हैं।जिन जातकों की गुरू की दशा चलरही हो, अगरवे नियमित रूप से अपने ईष्ट के मंदिर जाएं औरपीपल में जल सींचें तो गुरूकी दशा में अच्छे लाभहासिल कर सकते हैं। इसी दशा में स्कूल, धर्मस्थान में नियमित दान करना भी भाग्यको बढ़ाता है।
शुक्र :-------------
गाय को दें गुड़ चमड़ी के रोग और अंगूठे पर चोट से शुक्र के खराब प्रभाव का पता चलता है। अगर प्रतिदिन रात के समय अपने हिस्से की एक रोटी गायको दें तो शुक्र का प्रभाव यानी समृद्धि तेजी सेबढ़ती है।
शुक्र का खराबप्रभाव हो तो रात के समय बैठी गाय को गुड़देना लाभदायक होता है। सुहागिनों के समय-समय पर सुहाग की वस्तुएं देने से शुक्र के प्रभावबढ़ता है।
शनि :-------------
साधु को दें ,दानजूते खोने, घर में नुकसान, पालतू पशु मरने और आग लगने से शनि का खराब प्रभाव देखा जाता है।डाकोत को नियमित रूप से तेल देने, साधुको लोहे का तवा, चिमटा या अंगीठी दान करने से शनि का प्रभाव अच्छा हो जाता है।शनि के अच्छे प्रभाव लेने के लिए नंगे पैर मंदिरजाना चाहिए।
राहू :---------
हरियाली का रखें वास अनचाही समस्याएं राहू से आती हैं।
घरका दक्षिणी पश्चिमी कोना राहू का है। इस कोने में कभी गंदगी नहीं रहनी चाहिए।
घर के दक्षिणी पूर्वी कोने में आवश्यक रूप से हरियाली का वास रखना चाहिए।
परिवारका जो सदस्य राहू से पीडित हो उसे हरियाली के पास रखें। अंधेरे और गंदगी वालेकोनों में राहू का वास होता है। अगर हर कोनेको साफ और उजला रखेंगे तो राहू के खराब प्रभाव से दूर रहेंगे।
केतू :-
घर में रखें पालतू जानवरजोड़ों का दर्द और पेशाबकी बीमारी मुख्य रूपसे केतू की समस्या के कारण आते हैं।
कान बींधना,पालतू जानवर (खासकर कुत्ता) पालना केतू केखराब प्रभाव को कम करता है। संतान कष्ट मेंकाला-सफेद कंबल साधु को देने से कष्ट दूरहोता है।
ये भी है
घरेलू उपचार-इन उपचारों के अलावा बहुत से घरेलू नुस्खे ऎसेभी हैं जो हम दैनिक जीवन में इस्तेमालकरतेरहते हैं। मसलन खाने में हल्दी का इस्तेमाल गुरूको दुरूस्त करता है। सात्विक खाने मेंयदि नियमित रूप से हींग का इस्तेमालकिया जाए तो राहू के प्रभाव को कमकिया जा सकता है। चौके में बैठकर खाना खानेसे राहू की दशा का खराब प्रभाव तक कमहो सकता है।
एक कुशल गृहिणी चूल्हा जलाने के बादपहली रोटी गाय के लिए औरआखिरी रोटी कुत्ते के लिए बचाकर रखती है।
घर की सफाई के दौरान जब पोंछा लगाती हैतो बाल्टी के पानी में नमक मिलाती है।
शाम के समय मंदिर जाते हुए चीटिंयों के लिए थोड़ा आटा और चीनी लेकर निकलती है।
देखने में ये दैनिक जीवन का हिस्सा दिखाई दे सकते हैं, लेकिन अधिकांश महत्वपूर्ण ज्योतिषीय उपचार इन्हीं से जुड़े हुए हैं।
महंगे रत्नों या पुरोहितों के सानिध्य में यज्ञ हवन करवाने की तुलना में रोजाना का यह मौन यज्ञ आपको कई तरह की बाधाओं से बचाकर रखता है।-
-दिनचर्या से जुड़े ये नियम सामान्य नियम न होकर ज्योतिषीय उपचारों के नियम हैं।
सूर्य :---------
-करें काली गाय की सेवा किसी जातक की कुंडली में सूर्य खराब परिणाम दे रहा हो तो लाल किताब के अनुसार उस जातक के मुंह से बोलते समय थूक उछलता रहता है। शरीर के कुछ अंग आंशिक या पूर्ण रूप से नकारा होने लगते हैं। ऎसे जातकों को सुबह उठकर सूर्य देवता को अध्र्यदेना चाहिए और लाल मुंह के बंदर की सेवा करनी चाहिए। आठवें का सूर्य होने परसफेद गाय के बजाय लाल या काली गायकी सेवा करने के लिए कहा जाता है।
चंद्र :-----------
बुजुर्गो का लें आशीर्वाद माता की सेवा करने से चंद्रमा के शुभ फल मिलनेशुरू होते हैं। घर के बुजुगों, साधु और ब्राह्मणों के पांव छूकर आशीर्वाद लेने से चंद्रमा के खराब प्रभावों को भी दूर किया जा सकता है। रात में सिराहने के नीचे पानी रखकर सुबह उसे पौधों में डालने से चंद्रमा का असर दुरूस्त होता है।
घर का उत्तरी पश्चिमी कोना चंद्रमा का स्थान होता है। यहां पौधे लगाए जाएं और सुबह-शाम पानी दिया जाए तो चंद्रमा का प्रभाव उत्तम बना रहता है।
मंगल :------------
भाइयों की करें सहायता आंख में किसी भी तरहकी खराबी हो या फिरलंबे समय से संतान उत्पत्ति में बाधा आरही हो तो इसे मंगल के खराब प्रभाव के तौरपर देखा जाता है।
भाइयों की सहायता औरताऊ और ताई की सेवा करे तो मंगलका अच्छा प्रभाव मिलता है।
लाल रंग का रूमाल पास में रखने से मंगल का खराब प्रभाव खत्म होता है। महिलाओं में मंगल का असर बढ़ाने के लिए तो उन्हें लाल चूडियां,लाल सिंदूर, लाल साड़ी, लाल बिंदी लगाने के लिए कहा जाता है। इन्हें सुहाग से भी जोड़ा गया है।
बुध :---------
घर में जमे कचरे को हटाएं गंध का पता न लगे और सामने के दांत गिरने लगेतो समझ लीजिए कि बुध का खराब प्रभाव आ रहा है। ऎसे में फिटकरी से दांत साफ करने से बुध का खराब प्रभाव कम होता है। बुध खराब होनेसे व्यापारियों का दिया या लिया धन अटकने लगता है। गायों को नियमित रूप से पालक खिलाने से रूका हुआ धन फिर से मिलने लगता है।छत पर जमा कचरा भी ऋण को बढ़ाता है। इसेहटाने से ऋण कम और व्यापार सुचारू चलता है।
गुरू :-------------
ईष्ट देव को पूजेंरमते साधु को पीले वस्त्र दान करने और भोजनकराने से गुरू के अच्छे परिणाम हासिल होते हैं।जिन जातकों की गुरू की दशा चलरही हो, अगरवे नियमित रूप से अपने ईष्ट के मंदिर जाएं औरपीपल में जल सींचें तो गुरूकी दशा में अच्छे लाभहासिल कर सकते हैं। इसी दशा में स्कूल, धर्मस्थान में नियमित दान करना भी भाग्यको बढ़ाता है।
शुक्र :-------------
गाय को दें गुड़ चमड़ी के रोग और अंगूठे पर चोट से शुक्र के खराब प्रभाव का पता चलता है। अगर प्रतिदिन रात के समय अपने हिस्से की एक रोटी गायको दें तो शुक्र का प्रभाव यानी समृद्धि तेजी सेबढ़ती है।
शुक्र का खराबप्रभाव हो तो रात के समय बैठी गाय को गुड़देना लाभदायक होता है। सुहागिनों के समय-समय पर सुहाग की वस्तुएं देने से शुक्र के प्रभावबढ़ता है।
शनि :-------------
साधु को दें ,दानजूते खोने, घर में नुकसान, पालतू पशु मरने और आग लगने से शनि का खराब प्रभाव देखा जाता है।डाकोत को नियमित रूप से तेल देने, साधुको लोहे का तवा, चिमटा या अंगीठी दान करने से शनि का प्रभाव अच्छा हो जाता है।शनि के अच्छे प्रभाव लेने के लिए नंगे पैर मंदिरजाना चाहिए।
राहू :---------
हरियाली का रखें वास अनचाही समस्याएं राहू से आती हैं।
घरका दक्षिणी पश्चिमी कोना राहू का है। इस कोने में कभी गंदगी नहीं रहनी चाहिए।
घर के दक्षिणी पूर्वी कोने में आवश्यक रूप से हरियाली का वास रखना चाहिए।
परिवारका जो सदस्य राहू से पीडित हो उसे हरियाली के पास रखें। अंधेरे और गंदगी वालेकोनों में राहू का वास होता है। अगर हर कोनेको साफ और उजला रखेंगे तो राहू के खराब प्रभाव से दूर रहेंगे।
केतू :-
घर में रखें पालतू जानवरजोड़ों का दर्द और पेशाबकी बीमारी मुख्य रूपसे केतू की समस्या के कारण आते हैं।
कान बींधना,पालतू जानवर (खासकर कुत्ता) पालना केतू केखराब प्रभाव को कम करता है। संतान कष्ट मेंकाला-सफेद कंबल साधु को देने से कष्ट दूरहोता है।
ये भी है
घरेलू उपचार-इन उपचारों के अलावा बहुत से घरेलू नुस्खे ऎसेभी हैं जो हम दैनिक जीवन में इस्तेमालकरतेरहते हैं। मसलन खाने में हल्दी का इस्तेमाल गुरूको दुरूस्त करता है। सात्विक खाने मेंयदि नियमित रूप से हींग का इस्तेमालकिया जाए तो राहू के प्रभाव को कमकिया जा सकता है। चौके में बैठकर खाना खानेसे राहू की दशा का खराब प्रभाव तक कमहो सकता है।
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