भोजन करने का रहश्य

भोजन करने का रहश्य
भोजन करते बक्त बातचीत क्यो नहीं चाहिएnतथा टीवी क्यो नहीं देखना चाहिएnतथा खड़े होकर भोजन क्यो नहीं करना चाहिए ?
क्या है इसका वायो वैज्ञानिक रहश्य ? जाने ।
भोजन हमेशा हमे एकाग्रचित होकर ही करना चाहिए तथा ध्यानपूर्वक करना चाहिए और भोजन करते समय हमे बातचीत बिलकुल नहीं करनी चाहिए । इसके पीछे हमारे शरीर मे एक रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान की क्रिया काम करती है । जिसके बारे मे हमे मालूम ही नहीं होता है । हमारे शरीर की 5 इंद्रियाँ मन से संचालित होती है । मन जिस इंद्री पर ध्यान लगाता है तो वही इंद्री क्रियाशील हो जाती है । भोजन करते समय हमारे शरीर की स्वाद इंद्री और उदान प्राण क्रियाशील रहता है । स्वाद इंद्री भोजन को पचाने के लिए लार छोड़ती है । अगर आपका ध्यान पूर्ण रूप से भोजन पर है तो आपकी स्वाद इंद्री लार का विसर्जन समुचित मात्रा मे करेगी । जिसके कारण आपका भोजन तुरंत पच जाएगा और पच कर तुरंत समान प्राण को आपूर्ति करेगा । जिसके कारण आपके शरीर की ऊर्जा तुरंत ही बढ़ जाएगी । और तुरंत आपको डकार आनी शुरू जाएगी कि आपका भोजन पच गया है। अगर आप भोजन करते समय बातचीत करने मे मस्त है तो आपका मन स्वाद इंद्री को पूर्ण रूप से संकेत नहीं देता है जिसके कारण आपको भोजन के स्वाद का पता ही नहीं होता है और न ही ठीक से भोजन पचता है। जिसके कारण आपके द्वारा खाया हुआ भोजन अधपचा रह कर मल मे बदल जाता है । तथा गॅस बनाना शुरू कर देता है । जिसके कारण बबासीर , फिशर और भबन्दर की बीमारी आ जाती है तथा मोटापा बढ़ जाता है ।
इसी प्रकार जब आप किसी विबाह शादी या समारोह मे खड़े होकर भोजन करते है तो भी भोजन पचता नहीं है ।
उसका मुख्य वैज्ञानिक कारण होता है कि हमारे शरीर का गुरुत्वाकर्षण बल । जब हम खड़े होते है तो अपान प्राण हमारे शरीर को खड़े रखने मे ऊर्जा की बहुत खपत करता है।
ऐसी स्थिति मे जब आप खाने खाते है तो जो ऊर्जा भोजन को पचाने के लिए हमारे शरीर को चाहिए वो उचित ऊर्जा स्वाद इंद्री और ऊदान प्राण को नहीं मिल पाती है । जिसके कारण भोजन उचित रूप से पच नहीं पाता है ।
यही कारण किसी भी समारोह से भोजन करने के बाद पाचन क्रिया गड़बड़ हो जाती है ।
तथा खट्टी खट्टी डकार आनी शुरू हो जाती है । इसलिए भोजन करते समय बातचीत बिलकुल न करे , टीवी न देखे तथा बैठ कर भोजन करे तो आपको बहुत लाभ होगा । अगर जमीन पर बैठ भोजन करोगे तो और भी ज्यादा लाभ होगा ।

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