हाथों की लकीरें को विधाता का लेख कहा जाता है।
हाथों की लकीरें को विधाता का लेख कहा जाता है। इस लेख को पढ़ना जिसने सीख लिया उनके लिए भूत, भविष्य वर्तमान खुली किताब की तरह होता है। इन रेखाओं में विधाता ने जीवन की छोटी से छोटी घटनाओं लिख रखा है, आप चाहें तो इनसे भाग्य, धन, जीवन, विवाह सभी प्रश्न का हल जान सकते हैं।
हाथों की लकीरें को विधाता का लेख कहा जाता है। इय लेख को पढ़ना जिसने सीख लिया उनके लिए भूत, भविष्य वर्तमान खुली किताब की तरह होता है। इन रेखाओं में विधाता ने जीवन की छोटी से छोटी घटनाओं लिख रखा है, आप चाहें तो इनसे भाग्य, धन, जीवन, विवाह सभी प्रश्न का हल जान सकते हैं।
विवाह किसी भी व्यक्ति के जीवन में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। दार्शनिकों एवं विद्वानों ने तो कहा ही है शास्त्र भी कहता है कि विवाह के पश्चात व्यक्ति दो भागों में विभक्त हो जाता है अथवा व्यक्ति का दूसरा जीवन शुरू होता है। ज्योतिषशास्त्र में जब किसी व्यक्ति के जीवन की स्थिति का विश्लेषण किया जाता है तब व्यक्ति के जीवन को दो हिस्सों में बांटकर उनका विश्लेषण किया जाता है प्रथम विवाह पूर्व और दूसरा विवाह पश्चात। आपने भी देखा होगा कुछ लोग विवाह से पहले उन्नत स्थति में रहते हैं और शादी के पश्चात उनका जीवन मुश्किल दौर से गुजरने लगता है इसके विपरीत कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो विवाह से पहले परेशानी एवं मुश्किलों हालातों का सामना करते रहते हैं और विवाह के बाद उनका जीवन कामयाब और खुशहाल हो जाता है।
आप भी अगर शादी का सपना संजोये बैठे हैं और जानने को उत्सुक हैं कि आपकी शादी कब होगी और आपकी शादी शुदा जिन्दग़ी कैसी रहेगी तो इसके लिए आपको अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है आप अपनी हथेली से प्रश्न पूछ कर देखिये आपको जवाब जरूर मिल जाएगा अगर आप हथेली में मौजूद रेखाओं को पढ़ना जानते हैं। हस्तरेखा विशेषज्ञ बताते हैं कि हाथ में विवाह के लिए और वैवाहिक स्थिति के लिए दो रेखाओं से विचार किया जाना चाहिए एक तो बुध पर्वत के नीचे निकलने वाली रेखा से और दूसरी शुक्र पर्वत पर मौजूद रेखा से।
आमतौर पर इस संदर्भ में बुध पर्वत की रेखा को ही महत्वपूर्ण और सर्वमान्य माना जाता है आप भी इसी रेखा को विवाह के संदर्भ में देख सकते हैं। इस पर्वत पर अगर कई रेखाएं दिखाई दे रही हैं तो इसका अर्थ यह नहीं कि सभी रेखा शादी (Marriage Line) की है अर्थात आपकी उतनी शादी होगी। इस पर्वत पर दिखने वाली सभी रेखाओं में से वही रेखा विवाह रेखा होगी जो सबसे गहरी और लम्बी होगी अन्य रेखा किसी के साथ प्रेम सम्बन्ध को दर्शाती है।
शादी किस उम्र में होगी इस विषय में यह कहा जाता है कि बुध पर्वत के नीचे निकलने वाली विवाह रेखा (Line of marriage) अगर हृदय रेखा से मिली होती है अथवा समीप होती है तो शादी कम उम्र में होती है, उम्र के हिसाब से कहें तो इस स्थिति में 14-20 वर्ष या इससे भी कम उम्र मेंbआपकी शादी हो जाती है।
यह रेखा अगर बुध पर्वत के मध्य तक दिखाई देतीbहै तो आपकी उम्र समान्य आयु में अर्थात 21-28 वर्ष की आयु में होती है लेकिन अगरbयह रेखा बुध पर्वत के एक तीहाई यानीbआध से कम आती है तो शादी काफी देर से होती है यानी 28 से 35 वर्ष की आयु में जाकर ही आपके सिर पर सेहरा सजता है। गौरतलब बात है कि अगर विवाह रेखा के समानांतर एक वैसी ही रेखा चल रही है तो इसका अर्थ है कि आपके सिर पर दो बार सेहरा सजना लिखा है।
यह तो रही है कि आपकी शादी कब होगी। लेकिन इससे भी जरूरी है कि शादी शुदा जिन्दगी कैसी रहेगी। इस विषय में कहा जाता है कि विवाह रेखा हाथ में जितनी गहरी, साफ और स्पष्ट होती है वैवाहिक जीवन उतना सुखमय और अच्छा रहता है। यदि भाग्य रेखा चन्द्र पर्वत से निकल कर हृदय रेखा तक आ रही है और गुरू पर्वत पर गुणा का चिन्ह नज़र आ रहा है तो यह इसारा है कि आपका वैवाहिक जीवन प्रेम और आनन्द भरा होगा, विवाह के पश्चात आप और तरक्की करेंगे। हस्त रेखा विशेषज्ञ कहते हैं, विवाह रेखा का कटा होना वैवाहिक जीवन के लिए शुभ नहीं माना जाता है। इस स्थिति में या तो तलाक होता है अथवा जीवन साथी की मृत्यु होती है। यह रेखा सिरे पर कई भागों में बंटा हो तो इसका अर्थ होता है कि वैवाहिक जीवन कष्टमय रहने वाला है।
अगर जीवनसाथी के साथ अनबन रहती है या आप जानना चाहते हैं कि शादी के बाद कहीं अनबन तो नहीं रहेगी इसके लिए देखिए कि सूर्य रेखा मस्तिष्क रेखा से निकलकर बीच-बीच में टूटी तो नहीं है। अगर ऐसा है तो अपने जीवनसाथ पर विश्वास कीजिए और उन्हें समझने की कोशिश कीजिए अन्यथा किसी और के कारण आपके वैवाहिक जीवन में अशांति और अनबन रहेगी। इसके अलावा आप यह भी देखिए कि सूर्य पर्वत से निकलकर पतली सी रेखा हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा को कटती हुई जीवन रेखा से तो नहीं मिल रही है अगर ऐसा है तो आप समझ लीजिए आपकी कामयाबी के बीच जीवनसाथी से अनबन बहुत बड़ा कारण है।
जीवन साथी आपका साथ इस जीवन में कब तक निभायेगा यानी क्या आप उसे तन्हा छोड़ जाएंगे या वो आपको छोड़ जाएगा यह भी आप हाथ की रेखाओं से जान सकते हैं। हस्तरेखा विज्ञान कहता है अगर विवाह रेखा झुककर हृदय रेखा को छू रहा है तो इसका अर्थ है कि आप अपने जीवनसाथी को अकेला छोड़ जाएंगे। विवाह रेखा के सिरे पर क्रास का चिन्ह दिख रहा है तो यह संकेत है कि जीवनसाथी अचानक बीच सफर में छोड़कर दुनियां से विदा हो जाएगा।
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सामुद्रिक ज्योतिष जिसे बोलचाल की भाषा में हस्त रेखा विज्ञान के नाम से जाना जाता है, अपने आप में समृद्ध ज्योतिषशास्त्र है। इसमें शरीर के अंग, त्वचा का रंग, हथेली पर फैली रेखाओं, चिन्हों एवं नाखूनों के साथ ही हथेली के आकार का भी अध्ययन होता है। सामु्द्रिक ज्योतिष के अनुसार हमारी हथेली का आकार भी हमारे विषय में काफी कुछ बयां कर जाती है।
सामुद्रिक ज्योतिष का जन्म आज से 5000 ई. पू. माना जाता है। सामुद्रिक ज्योतिष के सम्बन्ध में कहा जाता है कि शिव जी की प्रेरणा से कार्तिकेय ने इसकी रचना की, रचना के समय ही गणेश जी ने उसे उठाकर समुद्र में फेंक दिया फिर समु्द्र ने शिव जी के कहने से उसे वापस लौटा दिया इस तरह ज्योतिष की यह विधा सामुद्रिक ज्योतिष कहलायी। इस सदर्भ में यह भी कहा जाता है कि ऋषि समुद्र ने इसे पुष्पित और पल्लवित किया जिसके कारण भी यह सामुद्रिक ज्योतिष के नाम से विख्यात है। वर्तमान में "किरो" ने हस्तरेखा विज्ञान का प्रचार प्रसार किया।
हस्तरेखा विज्ञान के अन्तर्गत सिर्फ हाथ की रेखाएं ही नहीं बोलती हैं बल्कि नाखून, हथेली का रंग और हाथों का आकार भी काफी कुछ कहता है, हस्त ज्योतिष के इस सिद्धान्त को विज्ञान भी प्रमाणित करता है। आप खुद भी अपनी हथेली को देखकर अपने व्यक्तित्व की विशेषता को जान सकते हैं और दूसरों के व्यक्तित्व को समझ सकते हैं। लेकिन यह तभी संभव जब आप जानें कि हाथ कितने प्रकार के होते हैं और अलग अलग हाथों की क्या अलग अलग विशेषता होती है।
बहुत छोटी हथेली (Very small Palm):
सामुद्रिक ज्योतिष कहता है जिनकी हथेली बहुत छोटी होती है वे स्वार्थी स्वभाव के होते हैं, वे हर चीज़ में पहले अपना फायदा देखते हैं लेकिन दूसरों के लिए मुश्किल से ही भला सोचते हैं। अपने छोटे से फायदे के लिए ये लड़ाई झगड़ा करने के लिए भी तैयार रहते हैं। परोपकार और सामाज सेवा के प्रति इनमें उदासीनता देखी जाती है। इनकी सोच निम्न स्तर की होती है और ये किसी पर भी भरोसा नही करते।
छोटी हथेली ( Small Palm)
हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार छोटी हथेली को भी अच्छा नहीं माना जाता है। जिनकी हथेली छोटी होती है उनके विषय में सामुद्रिक ज्योतिष कहता है कि ये व्यक्ति ख्याली पुलाव पकाने वाले होते हैं, हलांकि इनमें काफी गुण और क्षमता होती है परंतु ये अपनी क्षमता का सही उपयोग नहीं कर पाते हैं। इस तरह की हथेली वाले व्यक्ति स्वभाव से आलसी होते हैं अपने आलसपन के कारण अपने सपनो को साकार करने की दिशा में कदम नहीं बढ़ा पाते हैं। इन्हें डींगे मारने में भी काफी मज़ा आता है यानी माया के जहान में खुद भी सैर करते हैं और दूसरों को भी सैर करते हैं। अपने इस अव्यवहारिक स्वभाव के कारण जीवन के अंतिम दिनों में अफसोस के सिवा इनके पास कुछ भी नहीं रहता है।
बड़ी हथेली (Long Palm):
जिनकी हथेली बड़ी होती है उनके विषय मे यह माना जाता है कि ये अपने काम में व्यवहारिक होते हैं और अपना काम ये लगन पूर्वक करते हैं। इन्हें चतुर भी कहा जाता है क्योंकि ये होशियारी से अपना काम निकाल लेते हैं। इस तरह की हथेली वाले व्यक्ति भी भरोसा किया जा सकता है। इनमें एक यह खूबी होती है कि ये समस्या का हल ढूंढना जानते क्योंकि समस्या का कारण क्या है यह उसे पहचाना जानते हैं। समाज में ये सक्रिय रहते हैं। सामाजिक कार्यों में इनकी प्रत्यक्ष भूमिका रहती है।
बहुत बड़ी हथेली: (Very Long Palm)
यहां "अति सर्वत्र वर्जयेत" वाली कहावत चरितार्थ होती है। लम्बा हाथ होना अच्छा है लेकिन बहुत होने पर व्यक्ति में साहस की कमी होती है, इनके सामने जैसे ही कठिन स्थिति आती है ये घबरा जाते हैं और चिंता में डूब जाते हैं। किसी भी प्रकार की चुनौती आने पर ये अपने आपको लाचार स्थिति में पाते हैं। इस तरह की हथेली वाले व्यक्ति में भावुकता अधिक देखी जाती है। ये कल्पना के सागर में डूबते उतरते रहते हैं।
सामान्य हथेली (Common Palm)
सामान्य हथेली वालों के लिए हस्तरेखीय ज्योतिष कहता है कि ये सामाजिक तौर पर काफी व्यवहारिक होते हैं। ये लोगों के साथ बात चीत एवं व्यवहार का तरीका बखूबी जानते हैं। जीवन में इन्हें हलांकि काफी संघर्ष करना पड़ता है परंतु ये संघर्ष से पीछे नहीं हटते और अपनी मेहनत व क्षमताओ से कठिनाईयों पर विजय प्राप्त कर परिस्थितियों को अपनी ओर मोर लेते हैं।
चौकोर हथेली (Square Palm):
हथेली का एक प्रकार यह भी है। इस प्रकार की हथेली देखने में मुलायम और कोमल नज़र आती है लेकिन इनमें काफी गांठें होती है। दोनों हाथ में अगर समानता नहीं होती है तो इस प्रकार के हाथ वाले व्यक्ति पैसों को अहमियत नहीं देते। ये ज्ञान और बुद्धि को सबसे अधिक तरजीह देते हैं। ये सामाजिक तौर पर काफी आदरणीय होते हैं और समाज की अगुआई करते हैं। आपकी हथेली भी इस तरह की है तो आप दर्शनिक, कलाकार या मनोचिकित्सक बन सकते हैं।
मुख्य हथेली (Primary palm):
मांसल, भारी और रूखे ये मुख्य रूप से पाये जाने वाले हाथ हैं। इस तरह की हथेली वालों की दोनों हथेली में समानता नहीं रहती है। इनकी दोनो हाथों की उंगली में अंतर पाया जाता है। इस तरह के हथेली जिनकी होती है वे सभ्रांत होते हैं परंतु उनमें धन के प्रति बहुत अधिक लगाव देखा जाता है। ये काफी परिश्रमी होते हैं मेहनत में काफी पीछे नहीं हटते। इनके लिए जीवन मूल्य सिर्फ भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। ये जीवन को खाना, पीना, मस्त रहना समझते हैं। परिस्थिति अनुकूल नहीं होने पर अपनी चाहतों को पूरा करने के लिए ये अपराध जगत से भी जुड़ सकते हैं।
परिश्रमी हथेली (Labourious Palm)
परिश्रमी हाथ देखने में काफी चौड़ा होता है। इस तरह की हथेली काफी भारी होती है व इनकी हथेली पर पर्वत काफी सख्त होते हैं। इस तरह की हथेली वाले व्यक्ति खाली बैठना पसंद नहीं करते हैं। इनकी जिन्दगी में कामयाबी इनकी मेहनत के बदौलत आती है। आपकी हथेली भी इस तरह की है तो अपने अन्दर के गुण को पहचानिये और जुट जाइये मेहनत के साथ आप निश्चय ही मंजिल को पाएंगे और कामयाबी भरी जिन्दगी का लुत्फ लेंगे।
कलाकार हथेली (Philospher Palm)
कलाकार हाथ कलाकार की तरह ही नाजुक, कोमल और उनकी कला की तरह खूबसूरत होते हैं। इनकी हथेली का रंग गुलाबी होता है और उंगली के सभी पोर्स बराबार होते हैं। इनकी उंगली लम्बी और पतली होती है। इस तरह की हथेली वाले व्यक्ति कला और सौन्दर्य के दीवाने होते हैं। ये कला जगत में तो काफी प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं परंतु दुनियांदारी के मामले में पीछे रह जाते हैं।
हाथों की लकीरें को विधाता का लेख कहा जाता है। इय लेख को पढ़ना जिसने सीख लिया उनके लिए भूत, भविष्य वर्तमान खुली किताब की तरह होता है। इन रेखाओं में विधाता ने जीवन की छोटी से छोटी घटनाओं लिख रखा है, आप चाहें तो इनसे भाग्य, धन, जीवन, विवाह सभी प्रश्न का हल जान सकते हैं।
विवाह किसी भी व्यक्ति के जीवन में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। दार्शनिकों एवं विद्वानों ने तो कहा ही है शास्त्र भी कहता है कि विवाह के पश्चात व्यक्ति दो भागों में विभक्त हो जाता है अथवा व्यक्ति का दूसरा जीवन शुरू होता है। ज्योतिषशास्त्र में जब किसी व्यक्ति के जीवन की स्थिति का विश्लेषण किया जाता है तब व्यक्ति के जीवन को दो हिस्सों में बांटकर उनका विश्लेषण किया जाता है प्रथम विवाह पूर्व और दूसरा विवाह पश्चात। आपने भी देखा होगा कुछ लोग विवाह से पहले उन्नत स्थति में रहते हैं और शादी के पश्चात उनका जीवन मुश्किल दौर से गुजरने लगता है इसके विपरीत कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो विवाह से पहले परेशानी एवं मुश्किलों हालातों का सामना करते रहते हैं और विवाह के बाद उनका जीवन कामयाब और खुशहाल हो जाता है।
आप भी अगर शादी का सपना संजोये बैठे हैं और जानने को उत्सुक हैं कि आपकी शादी कब होगी और आपकी शादी शुदा जिन्दग़ी कैसी रहेगी तो इसके लिए आपको अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है आप अपनी हथेली से प्रश्न पूछ कर देखिये आपको जवाब जरूर मिल जाएगा अगर आप हथेली में मौजूद रेखाओं को पढ़ना जानते हैं। हस्तरेखा विशेषज्ञ बताते हैं कि हाथ में विवाह के लिए और वैवाहिक स्थिति के लिए दो रेखाओं से विचार किया जाना चाहिए एक तो बुध पर्वत के नीचे निकलने वाली रेखा से और दूसरी शुक्र पर्वत पर मौजूद रेखा से।
आमतौर पर इस संदर्भ में बुध पर्वत की रेखा को ही महत्वपूर्ण और सर्वमान्य माना जाता है आप भी इसी रेखा को विवाह के संदर्भ में देख सकते हैं। इस पर्वत पर अगर कई रेखाएं दिखाई दे रही हैं तो इसका अर्थ यह नहीं कि सभी रेखा शादी (Marriage Line) की है अर्थात आपकी उतनी शादी होगी। इस पर्वत पर दिखने वाली सभी रेखाओं में से वही रेखा विवाह रेखा होगी जो सबसे गहरी और लम्बी होगी अन्य रेखा किसी के साथ प्रेम सम्बन्ध को दर्शाती है।
शादी किस उम्र में होगी इस विषय में यह कहा जाता है कि बुध पर्वत के नीचे निकलने वाली विवाह रेखा (Line of marriage) अगर हृदय रेखा से मिली होती है अथवा समीप होती है तो शादी कम उम्र में होती है, उम्र के हिसाब से कहें तो इस स्थिति में 14-20 वर्ष या इससे भी कम उम्र मेंbआपकी शादी हो जाती है।
यह रेखा अगर बुध पर्वत के मध्य तक दिखाई देतीbहै तो आपकी उम्र समान्य आयु में अर्थात 21-28 वर्ष की आयु में होती है लेकिन अगरbयह रेखा बुध पर्वत के एक तीहाई यानीbआध से कम आती है तो शादी काफी देर से होती है यानी 28 से 35 वर्ष की आयु में जाकर ही आपके सिर पर सेहरा सजता है। गौरतलब बात है कि अगर विवाह रेखा के समानांतर एक वैसी ही रेखा चल रही है तो इसका अर्थ है कि आपके सिर पर दो बार सेहरा सजना लिखा है।
यह तो रही है कि आपकी शादी कब होगी। लेकिन इससे भी जरूरी है कि शादी शुदा जिन्दगी कैसी रहेगी। इस विषय में कहा जाता है कि विवाह रेखा हाथ में जितनी गहरी, साफ और स्पष्ट होती है वैवाहिक जीवन उतना सुखमय और अच्छा रहता है। यदि भाग्य रेखा चन्द्र पर्वत से निकल कर हृदय रेखा तक आ रही है और गुरू पर्वत पर गुणा का चिन्ह नज़र आ रहा है तो यह इसारा है कि आपका वैवाहिक जीवन प्रेम और आनन्द भरा होगा, विवाह के पश्चात आप और तरक्की करेंगे। हस्त रेखा विशेषज्ञ कहते हैं, विवाह रेखा का कटा होना वैवाहिक जीवन के लिए शुभ नहीं माना जाता है। इस स्थिति में या तो तलाक होता है अथवा जीवन साथी की मृत्यु होती है। यह रेखा सिरे पर कई भागों में बंटा हो तो इसका अर्थ होता है कि वैवाहिक जीवन कष्टमय रहने वाला है।
अगर जीवनसाथी के साथ अनबन रहती है या आप जानना चाहते हैं कि शादी के बाद कहीं अनबन तो नहीं रहेगी इसके लिए देखिए कि सूर्य रेखा मस्तिष्क रेखा से निकलकर बीच-बीच में टूटी तो नहीं है। अगर ऐसा है तो अपने जीवनसाथ पर विश्वास कीजिए और उन्हें समझने की कोशिश कीजिए अन्यथा किसी और के कारण आपके वैवाहिक जीवन में अशांति और अनबन रहेगी। इसके अलावा आप यह भी देखिए कि सूर्य पर्वत से निकलकर पतली सी रेखा हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा को कटती हुई जीवन रेखा से तो नहीं मिल रही है अगर ऐसा है तो आप समझ लीजिए आपकी कामयाबी के बीच जीवनसाथी से अनबन बहुत बड़ा कारण है।
जीवन साथी आपका साथ इस जीवन में कब तक निभायेगा यानी क्या आप उसे तन्हा छोड़ जाएंगे या वो आपको छोड़ जाएगा यह भी आप हाथ की रेखाओं से जान सकते हैं। हस्तरेखा विज्ञान कहता है अगर विवाह रेखा झुककर हृदय रेखा को छू रहा है तो इसका अर्थ है कि आप अपने जीवनसाथी को अकेला छोड़ जाएंगे। विवाह रेखा के सिरे पर क्रास का चिन्ह दिख रहा है तो यह संकेत है कि जीवनसाथी अचानक बीच सफर में छोड़कर दुनियां से विदा हो जाएगा।
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सामुद्रिक ज्योतिष जिसे बोलचाल की भाषा में हस्त रेखा विज्ञान के नाम से जाना जाता है, अपने आप में समृद्ध ज्योतिषशास्त्र है। इसमें शरीर के अंग, त्वचा का रंग, हथेली पर फैली रेखाओं, चिन्हों एवं नाखूनों के साथ ही हथेली के आकार का भी अध्ययन होता है। सामु्द्रिक ज्योतिष के अनुसार हमारी हथेली का आकार भी हमारे विषय में काफी कुछ बयां कर जाती है।
सामुद्रिक ज्योतिष का जन्म आज से 5000 ई. पू. माना जाता है। सामुद्रिक ज्योतिष के सम्बन्ध में कहा जाता है कि शिव जी की प्रेरणा से कार्तिकेय ने इसकी रचना की, रचना के समय ही गणेश जी ने उसे उठाकर समुद्र में फेंक दिया फिर समु्द्र ने शिव जी के कहने से उसे वापस लौटा दिया इस तरह ज्योतिष की यह विधा सामुद्रिक ज्योतिष कहलायी। इस सदर्भ में यह भी कहा जाता है कि ऋषि समुद्र ने इसे पुष्पित और पल्लवित किया जिसके कारण भी यह सामुद्रिक ज्योतिष के नाम से विख्यात है। वर्तमान में "किरो" ने हस्तरेखा विज्ञान का प्रचार प्रसार किया।
हस्तरेखा विज्ञान के अन्तर्गत सिर्फ हाथ की रेखाएं ही नहीं बोलती हैं बल्कि नाखून, हथेली का रंग और हाथों का आकार भी काफी कुछ कहता है, हस्त ज्योतिष के इस सिद्धान्त को विज्ञान भी प्रमाणित करता है। आप खुद भी अपनी हथेली को देखकर अपने व्यक्तित्व की विशेषता को जान सकते हैं और दूसरों के व्यक्तित्व को समझ सकते हैं। लेकिन यह तभी संभव जब आप जानें कि हाथ कितने प्रकार के होते हैं और अलग अलग हाथों की क्या अलग अलग विशेषता होती है।
बहुत छोटी हथेली (Very small Palm):
सामुद्रिक ज्योतिष कहता है जिनकी हथेली बहुत छोटी होती है वे स्वार्थी स्वभाव के होते हैं, वे हर चीज़ में पहले अपना फायदा देखते हैं लेकिन दूसरों के लिए मुश्किल से ही भला सोचते हैं। अपने छोटे से फायदे के लिए ये लड़ाई झगड़ा करने के लिए भी तैयार रहते हैं। परोपकार और सामाज सेवा के प्रति इनमें उदासीनता देखी जाती है। इनकी सोच निम्न स्तर की होती है और ये किसी पर भी भरोसा नही करते।
छोटी हथेली ( Small Palm)
हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार छोटी हथेली को भी अच्छा नहीं माना जाता है। जिनकी हथेली छोटी होती है उनके विषय में सामुद्रिक ज्योतिष कहता है कि ये व्यक्ति ख्याली पुलाव पकाने वाले होते हैं, हलांकि इनमें काफी गुण और क्षमता होती है परंतु ये अपनी क्षमता का सही उपयोग नहीं कर पाते हैं। इस तरह की हथेली वाले व्यक्ति स्वभाव से आलसी होते हैं अपने आलसपन के कारण अपने सपनो को साकार करने की दिशा में कदम नहीं बढ़ा पाते हैं। इन्हें डींगे मारने में भी काफी मज़ा आता है यानी माया के जहान में खुद भी सैर करते हैं और दूसरों को भी सैर करते हैं। अपने इस अव्यवहारिक स्वभाव के कारण जीवन के अंतिम दिनों में अफसोस के सिवा इनके पास कुछ भी नहीं रहता है।
बड़ी हथेली (Long Palm):
जिनकी हथेली बड़ी होती है उनके विषय मे यह माना जाता है कि ये अपने काम में व्यवहारिक होते हैं और अपना काम ये लगन पूर्वक करते हैं। इन्हें चतुर भी कहा जाता है क्योंकि ये होशियारी से अपना काम निकाल लेते हैं। इस तरह की हथेली वाले व्यक्ति भी भरोसा किया जा सकता है। इनमें एक यह खूबी होती है कि ये समस्या का हल ढूंढना जानते क्योंकि समस्या का कारण क्या है यह उसे पहचाना जानते हैं। समाज में ये सक्रिय रहते हैं। सामाजिक कार्यों में इनकी प्रत्यक्ष भूमिका रहती है।
बहुत बड़ी हथेली: (Very Long Palm)
यहां "अति सर्वत्र वर्जयेत" वाली कहावत चरितार्थ होती है। लम्बा हाथ होना अच्छा है लेकिन बहुत होने पर व्यक्ति में साहस की कमी होती है, इनके सामने जैसे ही कठिन स्थिति आती है ये घबरा जाते हैं और चिंता में डूब जाते हैं। किसी भी प्रकार की चुनौती आने पर ये अपने आपको लाचार स्थिति में पाते हैं। इस तरह की हथेली वाले व्यक्ति में भावुकता अधिक देखी जाती है। ये कल्पना के सागर में डूबते उतरते रहते हैं।
सामान्य हथेली (Common Palm)
सामान्य हथेली वालों के लिए हस्तरेखीय ज्योतिष कहता है कि ये सामाजिक तौर पर काफी व्यवहारिक होते हैं। ये लोगों के साथ बात चीत एवं व्यवहार का तरीका बखूबी जानते हैं। जीवन में इन्हें हलांकि काफी संघर्ष करना पड़ता है परंतु ये संघर्ष से पीछे नहीं हटते और अपनी मेहनत व क्षमताओ से कठिनाईयों पर विजय प्राप्त कर परिस्थितियों को अपनी ओर मोर लेते हैं।
चौकोर हथेली (Square Palm):
हथेली का एक प्रकार यह भी है। इस प्रकार की हथेली देखने में मुलायम और कोमल नज़र आती है लेकिन इनमें काफी गांठें होती है। दोनों हाथ में अगर समानता नहीं होती है तो इस प्रकार के हाथ वाले व्यक्ति पैसों को अहमियत नहीं देते। ये ज्ञान और बुद्धि को सबसे अधिक तरजीह देते हैं। ये सामाजिक तौर पर काफी आदरणीय होते हैं और समाज की अगुआई करते हैं। आपकी हथेली भी इस तरह की है तो आप दर्शनिक, कलाकार या मनोचिकित्सक बन सकते हैं।
मुख्य हथेली (Primary palm):
मांसल, भारी और रूखे ये मुख्य रूप से पाये जाने वाले हाथ हैं। इस तरह की हथेली वालों की दोनों हथेली में समानता नहीं रहती है। इनकी दोनो हाथों की उंगली में अंतर पाया जाता है। इस तरह के हथेली जिनकी होती है वे सभ्रांत होते हैं परंतु उनमें धन के प्रति बहुत अधिक लगाव देखा जाता है। ये काफी परिश्रमी होते हैं मेहनत में काफी पीछे नहीं हटते। इनके लिए जीवन मूल्य सिर्फ भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। ये जीवन को खाना, पीना, मस्त रहना समझते हैं। परिस्थिति अनुकूल नहीं होने पर अपनी चाहतों को पूरा करने के लिए ये अपराध जगत से भी जुड़ सकते हैं।
परिश्रमी हथेली (Labourious Palm)
परिश्रमी हाथ देखने में काफी चौड़ा होता है। इस तरह की हथेली काफी भारी होती है व इनकी हथेली पर पर्वत काफी सख्त होते हैं। इस तरह की हथेली वाले व्यक्ति खाली बैठना पसंद नहीं करते हैं। इनकी जिन्दगी में कामयाबी इनकी मेहनत के बदौलत आती है। आपकी हथेली भी इस तरह की है तो अपने अन्दर के गुण को पहचानिये और जुट जाइये मेहनत के साथ आप निश्चय ही मंजिल को पाएंगे और कामयाबी भरी जिन्दगी का लुत्फ लेंगे।
कलाकार हथेली (Philospher Palm)
कलाकार हाथ कलाकार की तरह ही नाजुक, कोमल और उनकी कला की तरह खूबसूरत होते हैं। इनकी हथेली का रंग गुलाबी होता है और उंगली के सभी पोर्स बराबार होते हैं। इनकी उंगली लम्बी और पतली होती है। इस तरह की हथेली वाले व्यक्ति कला और सौन्दर्य के दीवाने होते हैं। ये कला जगत में तो काफी प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं परंतु दुनियांदारी के मामले में पीछे रह जाते हैं।
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