नारियल भी आपको मालामाल बना सकता है
नारियल भी आपको मालामाल बना सकता है
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नारियल भारतीय घरों में शुभ वनस्पति के रूप में स्वीकार किया गया है। हर पूजा-पाठ अथवा मांगलिक कार्यों में नारियल की उपस्थिति रहती है।
भारतीय संस्कृति में यह बहुत शुभ, पवित्र और कल्याणकारी माना जाता गया है। देवताओं के नैवेद्य में हवन यज्ञ में नारियल का उपयोग होता है। भेंट, उपहार, मंगल कलश आदि में इसका प्रयोग होता है। इसका सबसे महत्त्वपूर्ण पक्ष यह है कि यह आध्यत्मिक साधना में प्रयोग होता है।
सामान्यतः जटा उतारने के बाद टहनी की ओर हर नारियल में तीन काले बिंदु दिखाई पड़ते हैं। मान्यता है कि इसमें दो बिंदु नेत्रों के प्रतीक है और और एक मुख का। नारियल की यह प्राकृतिक संरचना है। किसी-किसी गोले पर ये बिंदु दो पाए जाते हैं। अर्थात एक नेत्र और एक मुख। ऐसा फल बहुत कम प्राप्त होता है, पर यही एकाक्षी नारियल है। महालक्ष्मी की प्राप्ति के लिए पाई जाने वाली दुर्लभ वस्तुओं में एकाक्षी नारियल भी है। यह लक्ष्मी का साक्षात स्वरूप माना जाता है। जिसके घर में एकाक्षी नारियल को स्थापना है। उसके घर से लक्ष्मी कभी जा ही नहीं सकती है तथा वहां लक्ष्मी का स्थायी निवास होता है। प्राण प्रतिष्ठित एकाक्षी नारियल अटूट लक्ष्मी देने में समर्थ होता है।
दीपावली के अवसर पर जो व्यक्ति लक्ष्मी की मूर्ति के समक्ष एकाक्षी नारियल रख कर पूजा करता है। उसे भौतिक अभाव नहीं रहते। व्यक्ति के जीवन में चाहे जितनी कलुषता हो, भाग्य चाहे जितना निर्बल हो पर उस घर में अगर एकाक्षी नारियल है तो अनायास ही वैभव अतुल संपदा, यश, मान, सम्मान, प्रतिष्ठा तथा एश्वर्य प्राप्त होने लगते है। एकाक्षी नारियल नर जाति का हो तथा सिद्ध मंत्र चैतन्य और प्राण प्रतिष्ठत हो तो बहुत शीघ्र अपना प्रभाव दिखा देता है। इसके प्रभाव निम्न हैं-
* जिस घर में पूजित नारियल हो उस घर के सदस्यों पर तांत्रिक प्रभाव नहीं होते हैं।
* मुकदमे में विजय करनी हो रविवार को विरोधी का नाम लेकर नारियल की पूजा के पश्चात उस पर लाल कनेर का फूल रखें। न्यायालय जाते समय फूल अपने साथ ले जाएं स्थिति अनुकूल होगी।
पूजन — एकाक्षी नारियल मिल जाए तो उसे चैतन्य करें।
मंत्र — ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं-ऐं एकाक्षाय, श्री फलाय भगवते विश्वरूपाय सर्व योगेश्वराय त्रैलोक्य वश्य कार्य प्रदाय नमः।
संकल्प अपनी कामना के लिए करें तथा पानी छोड़ दे फिर उपरोक्त मंत्र से पंचामृत अभिषेक करें। अब मूंगे अथवा रुद्राक्ष की माला से 12, 500 जप करें इसके बाद प्रतिदिन 100 जप काफी होता है। दीपावली व ग्रहण के समय भी इसका पूजन शुभ होता है।
एक अन्य प्रयोग — शनिवार की शाम को इस नारियल को कांसे की थाली में स्थापित करें। उसके सामने तेल का दीपक जलाकर आह्वान करें- हे एकाक्षी नारियल आप मेरा कार्य सिद्ध करें। दूसरे दिन सूर्योदय के समय फिर जल से स्नान करवा कर पंचोपचार पूजन करें। उस पर नुकुम से त्रिशुल बनाएं तथा 11 माला निम्न मंत्र से जप करें,कामना पूरी होगी।
मंत्र- ॐ नर एकाक्षी नारिकेलाय मम कार्य सिद्ध कुरु नमः।
एकाक्षी नारियल के उपयोग से विभिन्न प्रकार के लाभ होते हैं.
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१. स्थायी संपत्ति, ऐश्वर्य और पारिवारिक शांति प्राप्त होती है.
२. गर्भवती स्त्री को कष्ट से मुक्ति मिलती है. साथ ही सरलता से प्रसव होता है.
३. जिस घर में एकाक्षी नारियल की प्रतिदिन पूजा होती है. उस घर में वास्तु दोष एवं किया कराया दुष्प्रभाव स्वतः समाप्त हो जाते हैं.
४. बंध्या स्त्री को ऋतु स्नान के बाद एकाक्षी नारियल का पानी पीने से संतान होती है.
५. अमावस्या-पूर्णिमा को पानी में डुबोकर ११ बार मंत्र का जाप कर हवन करके पानी को घर में छिडकने से भूत-प्रेतों का उपद्रव समाप्त होता है.
६. मुकदमे में लाभ नहीं मिल रहा हो तो मंगलवार के दिन विधि विधान से पूजन करें, लाल कनेर में नारियल को लपेटकर न्यायालय जाएं सफलता मिलेगी.
७. घर के आसपास या पडोस में कोई शत्रु परेशान कर रहा हो, तो पीपल के पेड के पास पूजन करने से शत्रु का नाश होता है.
८. विधि विधान से पूजन कर नारियल पर चंदन, केसर, रोली अर्पण कर वृहस्पतिवार के दिन स्वयं तिलक कर कहीं भी जाने से सफलता मिलती है.
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नारियल भारतीय घरों में शुभ वनस्पति के रूप में स्वीकार किया गया है। हर पूजा-पाठ अथवा मांगलिक कार्यों में नारियल की उपस्थिति रहती है।
भारतीय संस्कृति में यह बहुत शुभ, पवित्र और कल्याणकारी माना जाता गया है। देवताओं के नैवेद्य में हवन यज्ञ में नारियल का उपयोग होता है। भेंट, उपहार, मंगल कलश आदि में इसका प्रयोग होता है। इसका सबसे महत्त्वपूर्ण पक्ष यह है कि यह आध्यत्मिक साधना में प्रयोग होता है।
सामान्यतः जटा उतारने के बाद टहनी की ओर हर नारियल में तीन काले बिंदु दिखाई पड़ते हैं। मान्यता है कि इसमें दो बिंदु नेत्रों के प्रतीक है और और एक मुख का। नारियल की यह प्राकृतिक संरचना है। किसी-किसी गोले पर ये बिंदु दो पाए जाते हैं। अर्थात एक नेत्र और एक मुख। ऐसा फल बहुत कम प्राप्त होता है, पर यही एकाक्षी नारियल है। महालक्ष्मी की प्राप्ति के लिए पाई जाने वाली दुर्लभ वस्तुओं में एकाक्षी नारियल भी है। यह लक्ष्मी का साक्षात स्वरूप माना जाता है। जिसके घर में एकाक्षी नारियल को स्थापना है। उसके घर से लक्ष्मी कभी जा ही नहीं सकती है तथा वहां लक्ष्मी का स्थायी निवास होता है। प्राण प्रतिष्ठित एकाक्षी नारियल अटूट लक्ष्मी देने में समर्थ होता है।
दीपावली के अवसर पर जो व्यक्ति लक्ष्मी की मूर्ति के समक्ष एकाक्षी नारियल रख कर पूजा करता है। उसे भौतिक अभाव नहीं रहते। व्यक्ति के जीवन में चाहे जितनी कलुषता हो, भाग्य चाहे जितना निर्बल हो पर उस घर में अगर एकाक्षी नारियल है तो अनायास ही वैभव अतुल संपदा, यश, मान, सम्मान, प्रतिष्ठा तथा एश्वर्य प्राप्त होने लगते है। एकाक्षी नारियल नर जाति का हो तथा सिद्ध मंत्र चैतन्य और प्राण प्रतिष्ठत हो तो बहुत शीघ्र अपना प्रभाव दिखा देता है। इसके प्रभाव निम्न हैं-
* जिस घर में पूजित नारियल हो उस घर के सदस्यों पर तांत्रिक प्रभाव नहीं होते हैं।
* मुकदमे में विजय करनी हो रविवार को विरोधी का नाम लेकर नारियल की पूजा के पश्चात उस पर लाल कनेर का फूल रखें। न्यायालय जाते समय फूल अपने साथ ले जाएं स्थिति अनुकूल होगी।
पूजन — एकाक्षी नारियल मिल जाए तो उसे चैतन्य करें।
मंत्र — ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं-ऐं एकाक्षाय, श्री फलाय भगवते विश्वरूपाय सर्व योगेश्वराय त्रैलोक्य वश्य कार्य प्रदाय नमः।
संकल्प अपनी कामना के लिए करें तथा पानी छोड़ दे फिर उपरोक्त मंत्र से पंचामृत अभिषेक करें। अब मूंगे अथवा रुद्राक्ष की माला से 12, 500 जप करें इसके बाद प्रतिदिन 100 जप काफी होता है। दीपावली व ग्रहण के समय भी इसका पूजन शुभ होता है।
एक अन्य प्रयोग — शनिवार की शाम को इस नारियल को कांसे की थाली में स्थापित करें। उसके सामने तेल का दीपक जलाकर आह्वान करें- हे एकाक्षी नारियल आप मेरा कार्य सिद्ध करें। दूसरे दिन सूर्योदय के समय फिर जल से स्नान करवा कर पंचोपचार पूजन करें। उस पर नुकुम से त्रिशुल बनाएं तथा 11 माला निम्न मंत्र से जप करें,कामना पूरी होगी।
मंत्र- ॐ नर एकाक्षी नारिकेलाय मम कार्य सिद्ध कुरु नमः।
एकाक्षी नारियल के उपयोग से विभिन्न प्रकार के लाभ होते हैं.
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१. स्थायी संपत्ति, ऐश्वर्य और पारिवारिक शांति प्राप्त होती है.
२. गर्भवती स्त्री को कष्ट से मुक्ति मिलती है. साथ ही सरलता से प्रसव होता है.
३. जिस घर में एकाक्षी नारियल की प्रतिदिन पूजा होती है. उस घर में वास्तु दोष एवं किया कराया दुष्प्रभाव स्वतः समाप्त हो जाते हैं.
४. बंध्या स्त्री को ऋतु स्नान के बाद एकाक्षी नारियल का पानी पीने से संतान होती है.
५. अमावस्या-पूर्णिमा को पानी में डुबोकर ११ बार मंत्र का जाप कर हवन करके पानी को घर में छिडकने से भूत-प्रेतों का उपद्रव समाप्त होता है.
६. मुकदमे में लाभ नहीं मिल रहा हो तो मंगलवार के दिन विधि विधान से पूजन करें, लाल कनेर में नारियल को लपेटकर न्यायालय जाएं सफलता मिलेगी.
७. घर के आसपास या पडोस में कोई शत्रु परेशान कर रहा हो, तो पीपल के पेड के पास पूजन करने से शत्रु का नाश होता है.
८. विधि विधान से पूजन कर नारियल पर चंदन, केसर, रोली अर्पण कर वृहस्पतिवार के दिन स्वयं तिलक कर कहीं भी जाने से सफलता मिलती है.
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