ग्रहों के अशुभ स्थिति में होने पर उनका उपाय
ग्रहों के अशुभ स्थिति में होने पर उनका उपाय किया जाता है. ग्रहों के उपचार के लिए कई तरीके ज्योतिषशास्त्र में दिये गये हैं जिनके अनुसार राहु, केतु एवं कालसर्प दोष के कुछ विशेष उपाय हैं जिन्हें आप आज़मा सकते हैं.
कमजोर एवं पीड़ित राहु के उपाय (Remedies for Rahu)
राहु भी शनि के समान कष्टदायक ग्रह माना गया है इससे पीड़ित व्यक्ति को भी काफी मुश्किलों का सामना करना होता है. इस ग्रह से पीड़ित व्यक्ति राहु की शांति के लिए जो उपाय कर सकते हैं उनमें दान का विशेष स्थान है. राहु की शांति के लिए लोहे के हथियार, नीला वस्त्र, कम्बल, लोहे की चादर, तिल, सरसों तेल, विद्युत उपकरण, नारियल एवं मूली दान करना चाहिए. सफाई कर्मियों को लाल अनाज देने से भी राहु की शांति होती है. राहु से पीड़ित व्यक्ति को इस ग्रह से सम्बन्धित रत्न का दान करना चाहिए.
राहु से सम्बन्धित अन्य उपाय (Other Remedies for Rahu)
राहु से पीड़ित व्यक्ति को शनिवार का व्रत करना चाहिए इससे राहु ग्रह का दुष्प्रभाव कम होता है. मीठी रोटी कौए को दें और ब्राह्मणों अथवा गरीबों को चावल और मांसहार करायें. राहु की दशा होने पर कुष्ट से पीड़ित व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए. गरीब व्यक्ति की कन्या की शादी करनी चाहिए. राहु की दशा से आप पीड़ित हैं तो अपने सिरहाने जौ रखकर सोयें और सुबह उनका दान कर दें इससे राहु की दशा शांत होगी.
राहु की दशा में इन चीज़ों से बचें (Remedies for Rahu Rahu Dasha )
मदिरा और तम्बाकू के सेवन से राहु की दशा में विपरीत परिणाम मिलता है अत: इनसे दूरी बनाये रखना चाहिए. आप राहु की दशा से परेशान हैं तो संयुक्त परिवार से अलग होकर अपना जीवन यापन करें.
नीच तथा कमज़ोर केतु के उपाय (Remedies for Ketu)
पौराणिक ग्रंथो में राहु और केतु को एक ही शरीर के दो भाग माना गया है. ज्योतिषशास्त्र इसे अशुभ ग्रह मानता है अत: जिनकी कुण्डली में केतु की दशा चलती है उसे अशुभ परिणाम प्राप्त होते हैं. इसकी दशा होने पर शांति हेतु जो उपाय आप कर सकते हैं उनमें दान का स्थान प्रथम है. ज्योतिषशास्त्र कहता है केतु से पीड़ित व्यक्ति को बकरे का दान करना चाहिए. कम्बल, लोहे के बने हथियार, तिल, भूरे रंग की वस्तु केतु की दशा में दान करने से केतु का दुष्प्रभाव कम होता है. गाय की बछिया, केतु से सम्बन्धित रत्न का दान भी उत्तम होता है. अगर केतु की दशा का फल संतान को भुगतना पड़ रहा है तो मंदिर में कम्बल का दान करना चाहिए.
केतु के अन्य उपाय (Remedies for Ketu Dasha)
केतु की दशा को शांत करने के लिए व्रत भी काफी लाभप्रद होता है. शनिवार एवं मंगलवार के दिन व्रत रखने से केतु की दशा शांत होती है. कुत्ते को आहार दें एवं ब्राह्मणों को भात खिलायें इससे भी केतु की दशा शांत होगी. किसी को अपने मन की बात नहीं बताएं एवं बुजुर्गों एवं संतों की सेवा करें यह केतु की दशा में राहत प्रदान करता है.
काल सर्प दोष के उपाय (Remedies for Ketu Kalsarp Yoga)
काल सर्प दोष राहु और केतु के कारण बनता है. इस दोष से पीड़ित होने पर जीवन में भले ही आप सफलता के आसमान पर पहुंच जाएं परंतु एक दिन यह आपको ज़मीन पर लाकर पटक देता है. इस दोष का उपाय यह है कि आप राहु और केतु के दोष का निवारण करें और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करायें. इस दोष में सर्प मंत्र और सर्प सूक्त का पाठ भी लाभप्रद होता है. प्रथम, पंचम और नवम भाव के स्वामी को मजबूत बनाने का उपाय करें.
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गुरु ग्रह ज्ञान, संतान तथा धन के नैसर्गिक कारक माने जाते हैं.
जन्म कुंडली में इनकी स्थिति कमजोर होने से इनसे संबंधित बातों में कमी का अनुभव हो सकता है. इसलिए इनकी स्थिति को मजबूत करने के लिए गुरु ग्रह से संबंधित किसी भी एक मंत्र का जाप करना चाहिए. मंत्र जाप शुक्ल पक्ष के बृहस्पतिवार से आरंभ करें. मंत्र जाप संध्या समय में करें. एक माला प्रतिदिन मंत्र जाप की करनी चाहिए.
गुरु का वैदिक मंत्र
ऊँ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेधु ।
यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविण देहि चित्रम । ।
गुरु के लिए तांत्रोक्त मंत्र
ऊँ ऎं क्रीं बृहस्पतये नम: ।
ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम: ।
ऊँ श्रीं श्रीं गुरवे नम: ।
गुरु के लिए नाममंत्र
ऊँ बृं बृहस्पतये नम:
गुरु के लिए पौराणिक मंत्र
ऊँ देवानां च ऋषीणां गुरुं कांचनसन्निभम ।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम ।।
कमजोर एवं पीड़ित राहु के उपाय (Remedies for Rahu)
राहु भी शनि के समान कष्टदायक ग्रह माना गया है इससे पीड़ित व्यक्ति को भी काफी मुश्किलों का सामना करना होता है. इस ग्रह से पीड़ित व्यक्ति राहु की शांति के लिए जो उपाय कर सकते हैं उनमें दान का विशेष स्थान है. राहु की शांति के लिए लोहे के हथियार, नीला वस्त्र, कम्बल, लोहे की चादर, तिल, सरसों तेल, विद्युत उपकरण, नारियल एवं मूली दान करना चाहिए. सफाई कर्मियों को लाल अनाज देने से भी राहु की शांति होती है. राहु से पीड़ित व्यक्ति को इस ग्रह से सम्बन्धित रत्न का दान करना चाहिए.
राहु से सम्बन्धित अन्य उपाय (Other Remedies for Rahu)
राहु से पीड़ित व्यक्ति को शनिवार का व्रत करना चाहिए इससे राहु ग्रह का दुष्प्रभाव कम होता है. मीठी रोटी कौए को दें और ब्राह्मणों अथवा गरीबों को चावल और मांसहार करायें. राहु की दशा होने पर कुष्ट से पीड़ित व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए. गरीब व्यक्ति की कन्या की शादी करनी चाहिए. राहु की दशा से आप पीड़ित हैं तो अपने सिरहाने जौ रखकर सोयें और सुबह उनका दान कर दें इससे राहु की दशा शांत होगी.
राहु की दशा में इन चीज़ों से बचें (Remedies for Rahu Rahu Dasha )
मदिरा और तम्बाकू के सेवन से राहु की दशा में विपरीत परिणाम मिलता है अत: इनसे दूरी बनाये रखना चाहिए. आप राहु की दशा से परेशान हैं तो संयुक्त परिवार से अलग होकर अपना जीवन यापन करें.
नीच तथा कमज़ोर केतु के उपाय (Remedies for Ketu)
पौराणिक ग्रंथो में राहु और केतु को एक ही शरीर के दो भाग माना गया है. ज्योतिषशास्त्र इसे अशुभ ग्रह मानता है अत: जिनकी कुण्डली में केतु की दशा चलती है उसे अशुभ परिणाम प्राप्त होते हैं. इसकी दशा होने पर शांति हेतु जो उपाय आप कर सकते हैं उनमें दान का स्थान प्रथम है. ज्योतिषशास्त्र कहता है केतु से पीड़ित व्यक्ति को बकरे का दान करना चाहिए. कम्बल, लोहे के बने हथियार, तिल, भूरे रंग की वस्तु केतु की दशा में दान करने से केतु का दुष्प्रभाव कम होता है. गाय की बछिया, केतु से सम्बन्धित रत्न का दान भी उत्तम होता है. अगर केतु की दशा का फल संतान को भुगतना पड़ रहा है तो मंदिर में कम्बल का दान करना चाहिए.
केतु के अन्य उपाय (Remedies for Ketu Dasha)
केतु की दशा को शांत करने के लिए व्रत भी काफी लाभप्रद होता है. शनिवार एवं मंगलवार के दिन व्रत रखने से केतु की दशा शांत होती है. कुत्ते को आहार दें एवं ब्राह्मणों को भात खिलायें इससे भी केतु की दशा शांत होगी. किसी को अपने मन की बात नहीं बताएं एवं बुजुर्गों एवं संतों की सेवा करें यह केतु की दशा में राहत प्रदान करता है.
काल सर्प दोष के उपाय (Remedies for Ketu Kalsarp Yoga)
काल सर्प दोष राहु और केतु के कारण बनता है. इस दोष से पीड़ित होने पर जीवन में भले ही आप सफलता के आसमान पर पहुंच जाएं परंतु एक दिन यह आपको ज़मीन पर लाकर पटक देता है. इस दोष का उपाय यह है कि आप राहु और केतु के दोष का निवारण करें और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करायें. इस दोष में सर्प मंत्र और सर्प सूक्त का पाठ भी लाभप्रद होता है. प्रथम, पंचम और नवम भाव के स्वामी को मजबूत बनाने का उपाय करें.
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गुरु ग्रह ज्ञान, संतान तथा धन के नैसर्गिक कारक माने जाते हैं.
जन्म कुंडली में इनकी स्थिति कमजोर होने से इनसे संबंधित बातों में कमी का अनुभव हो सकता है. इसलिए इनकी स्थिति को मजबूत करने के लिए गुरु ग्रह से संबंधित किसी भी एक मंत्र का जाप करना चाहिए. मंत्र जाप शुक्ल पक्ष के बृहस्पतिवार से आरंभ करें. मंत्र जाप संध्या समय में करें. एक माला प्रतिदिन मंत्र जाप की करनी चाहिए.
गुरु का वैदिक मंत्र
ऊँ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेधु ।
यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविण देहि चित्रम । ।
गुरु के लिए तांत्रोक्त मंत्र
ऊँ ऎं क्रीं बृहस्पतये नम: ।
ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम: ।
ऊँ श्रीं श्रीं गुरवे नम: ।
गुरु के लिए नाममंत्र
ऊँ बृं बृहस्पतये नम:
गुरु के लिए पौराणिक मंत्र
ऊँ देवानां च ऋषीणां गुरुं कांचनसन्निभम ।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम ।।
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